जब एडीजी एसएन साबत के हुक्म से मिला दो महिलाओं को इंसाफ

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लखनऊ उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सबल बनाने और उनके विरुद्ध हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का खासा जोर है। सीएम योगी शीर्ष स्तरीय अपराध समीक्षा बैठकों में यह स्पष्ट कर चुके हैं कि उनको आंकड़े नहीं चाहिए, काम से जनता का विश्वास जीतना है। सीएम योगी की प्राथमिकता का असर अफसरों की कार्यप्रणाली पर भी साफ दिखता है। इन्हीं अफसरों में शुमार हैं राज्य की राजधानी लखनऊ पुलिस जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) आईपीएस एसएन साबत, उन्होंने अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बेहतर तरीके से सुरक्षा प्रबंधन कर कानून व्यवस्था को संभाला। इसके साथ ही वह जोन में महिला विरोधी अपराधों को लेकर संवेदनशीलता के साथ कार्य करने में विश्वास व्यक्त करते हैं। जिला स्तर पर पुलिस से निराश जब दो पतियों से पीड़ित महिलाओं का मामला एडीजी तक पहुंचा तो उन्होंने तत्काल ही कार्यवाही कराकर आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा कायम कराकर जनता के बीच वह विश्वास पैदा करने का काम किया, जिस पर प्रदेश के मुखिया लगातार जोर देते रहे हैं।





उत्तर प्रदेश में पिछले करीब 30 माह से पुलिस की कार्यप्रणाली सभी के सामने हैं


उत्तर प्रदेश में पिछले करीब 30 माह से पुलिस की कार्यप्रणाली सभी के सामने हैं। पुलिस ने उत्कृष्ट उपलब्धि शीर्ष स्तर के अफसरों की कार्यकुशलता के बल पर हासिल करने का काम किया है। ये ऐसे अफसर हैं, जिन्होंने यूपी को अपराधमुक्त बनाने के लिए अपना सारा अनुभव झोंक दिया है। ऐसे ही पुलिस अफसरों में लखनऊ जोन के एडीजी आईपीएस डाॅ. एस एन साबत भी हैं। वह छोटे से छोटे मामले और शिकायतों को भी गंभीरता से लेते हैं। किसी भी पीड़ित की आवाज को उनके दर से अनसुना नहीं किया जाता है। ऐसे ही दो पीड़ित महिलाओं के प्रकरण में उन्होंने जिस संवेदनशीलता के साथ कार्यवाही की, वह उनको ब्यूरोक्रेसी में एक अलग पहचान दिलाती है।






एडीजी लखनऊ जोन तक दो महिलाओं की फरियाद


एडीजी लखनऊ जोन तक दो महिलाओं की फरियाद पहुंची। ये दोनों पीड़िताएं उनके जोन के अन्तर्गत आने वाले जनपद खीरी की निवासी हैं लखनऊ से 150 किलोमीटर दूर से आई इन महिलाओं की पीड़ा को एडीजी ने समझा। इनमें से एक महिला संजीदा पत्नी बब्बन ने 20 नवम्बर को लिखे पत्र में बताया कि उसकी शादी 2003 में उसके पिता बकरीदी निवासी ग्राम शिवपुरी महमदपुर थाना पसगवां ने बब्बन के साथ की थी। शादी के बाद उसको तीन पुत्रियां और पुत्र पैदा हुआ। संजीदा का आरोप है कि पिछले तीन साल से उसके पति के जीवन में दूसरी महिला आ गयी। जिसको लेकर वह उसका उत्पीड़न करने लगा। 17 अक्टूबर 2019 को उसके पति ने उसके साथ मारपीट की और अपने दोस्त संतोष के सामने ही उसको तीन बार तलाक कह कर घायल अवस्था में घर से निकाल दिया। उसका भाई उसे लेकर अपने घर आ गया। इसके लिए संजीदा ने थाना पसगवां पुलिस के साथ ही एसपी खीरी को भी शिकायत की, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गयी।







एडीजी डाॅ. एस एन साबत ने बेहद गंभीरता से लिया

इसी तरह से दूसरी महिला लिज्जा देवी पुत्री बुधा सिंह निवासी गांव दिवस टांडा थाना भीरा ने भी अपने पति की शिकायत की है। लिज्जा के आरोपों के अनुसार उसकी शादी बहराइज के थाना सुजौली क्षेत्र के गांव जमुनिहा निवासी पप्पू उर्फ मोहर सिंह पुत्र बाबू सिंह के साथ की गयी थी। आरोप है कि शादी के तीन साल बाद से ही उसका पति पप्पू और अन्य ससुराल वाले उसका उत्पीड़न करते आ रहे हैं। उसके साथ मारपीट की जाती रही। अब उसको एक लाख रुपये की मांग पूरी नहीं होने पर मारपीट करते हुए घर से निकाल दिया गया है। लिज्जा ने भी पुलिस से शिकायत की, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होने पर उसका मामला भी एडीजी जोन एसएन साबत तक पहुंचा। इन दोनों प्रकरणों को एडीजी ने बेहद गंभीरता से लिया। उन्होंने स्वयं एसपी खीरी पूनम से फोन पर बात की और स्पष्ट आदेश दिये कि दोनों पीड़िताओं की शिकायत लेकर आरोपियों के खिलाफ न केवल एफआईआर दर्ज की जाये, बल्कि उनकी गिरफ्तारी भी सुनिश्चित की जाये। एडीजी एसएन साबत की इस त्वरित कार्यवाही से ससुरालियों के उत्पीड़न से परेशान दो पीड़ित महिलाओं को इंसाफ की आस जगी और सरकार के प्रति विश्वास भी कायम हुआ है।





एडीजी जोन लखनऊ एसएन साबत महिला सशक्तिकरण के लिए भी विभिन्न मंचों और कार्यक्रमों के माध्यम से प्रेरक संदेश देते रहे हैं


अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए जुटे एडीजी जोन लखनऊ एसएन साबत महिला सशक्तिकरण के लिए भी विभिन्न मंचों और कार्यक्रमों के माध्यम से प्रेरक संदेश देते रहे हैं। जब भी उनको किसी सामाजिक कार्य में जाने का अवसर मिलता है वह हमेशा ही बालिकाओं की शिक्षा पर जोर देते हैं। उनका मानना है कि एक बालिका को शिक्षित बनाने से एक पूरा परिवार शिक्षित होता है।

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