क्राइम कंट्रोल और पुलिस का मनोबल बढ़ाना है मकसद - अभिषेक यादव एसएसपी

क्राइम कंट्रोल और पुलिस का मनोबल बढ़ाना है मकसद -  अभिषेक यादव एसएसपी
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मुजफ्फरनगर। क्राईम के पैमाने पर अक्सर ही सुर्खियां बटोरने वाला यह संवेदनशील जनपद अब पुलिस के जौहर की कहानी बयां कर रहा है। यहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में पुलिस ने जिस मनोबल के साथ अपराध का अंत करने का जज्बा दिखाया है, वह लोगों में एक भयमुक्त समाज के विश्वास को लगातार पुख्ता करता चला गया है। यहां पर कई पुलिस अफसर आये और उनकी कार्यप्रणाली ने अपराधियों को उनके अंत तक पहुंचाने का काम किया, लेकिन मौजूदा पुलिस कप्तान आईपीएस अभिषेक यादव ने जिस प्रकार पहले ही दिन से चुनौतियों का सामाना करते हुए लगाातार सकारात्मक रिजल्ट देने का काम किया है, उसने अल्प कार्यकाल में ही उनको जनता के बीच लोकप्रिय बना दिया है। जिस सहजता के साथ आईपीएस अभिषेक यादव फरियादियों की फरियाद को सुनकर उसका निस्तारण करा रहे हैं, उसी सख्ती के साथ उनकी पुलिस अपराधियों को अंकुश लगाने का काम भी कर रही है। मुजफ्फरनगर में 100 दिन का कार्यकाल पूरा कर चुके एसएसपी अभिषेक यादव ने यूं तो कई उपलब्धि पायी, लेकिन उनके द्वारा गुड पुलिसिंग के मायने बदलने वाला 'हैप्पी बर्थ डे' अभियान और पुलिस वीकली ऑफ का फाॅर्मूला प्रदेश स्तर पर सराहना बटोर रहा है। उनके 100 दिन के कार्यकाल को लेकर 'खोजी न्यूज' के संपादक राशिद अली खोजी ने विशेष साक्षात्कार करते हुए लिये गये साहसिक फैसलों पर आईपीएस अभिषेक यादव से बातचीत की।

खोजी न्यूज़-मुजफ्फरनगर में चार्ज संभालने के साथ ही कुख्यात रोहित सांडू का पुलिस अभिरक्षा से फरार होने की चुनौती और 14 दिन में ही उसका एनकाउंटर, इसको कैसे देखते हैं?

एसएसपी अभिषेक यादव-एक केस के सिलसिले में रोहित सांडू को पुलिस अभिरक्षा में यहां पेशी पर लाया गया था। पुलिस टीम पर उसके साथियों ने हमला करते हुए दरोगा को गोली मार दी। वह शहीद हुए और रोहित सांडू को छुड़ाकर ले गये। ये बड़ी चुनौती थी। हमने तुरंत ही टीमों को काम पर लगाया। सर्विलांस को एक्टिव किया। रोहित सांडू की लोकल एक्टिविटी और मूवमेंट हमें मिल रही थी। हमने लगातार काम किया। एक ही टारगेट रोहित सांडू पर फोकस किया गया। 14 दिन बार चैकिंग के दौरान पुलिस टीम की मुठभेड़ कुछ बदमाशों से हो गयी। इसमें बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायरिंग की। पुलिस ने भी चुनौती को फेस करते हुए गोलियां चलायी, इसमें दो बदमाशेां को गोली लगी। इनको घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, वहां उनकी मौत हो गयी। इनकी शिनाख्त की गयी तो इनमें एक बदमाश रोहित सांडू व उसकी साथी था। यह चुनौती काफी बड़ी थी, लेकिन हम लगातार काम करते हुए जनता में विश्वास बहाल करने में सफल रहे।

खोजी न्यूज़ -रोहित सांडू के साथ कांवड यात्रा की बड़ी चुनौती सामने थी, यह काफी सफल भी रही, इसके लिए क्या विशेष रणनीति रही?

एसएसपी अभिषेक यादव-कांवड यात्रा के दौरान काफी चुनौतियों से हमें निपटना था, हमारा विशेष जोर घटनारहित कांवड यात्रा पर रहा। हरिद्वार से शुरू होने वाली कांवड यात्रा में शामिल 90 प्रतिशत श्रद्धालु मुजफ्फरनगर से होकर ही गुजरते हैं। ऐसे में कई प्रकार से चुनौती सामने होती है। हमने एक रेस्पांस टाइम देकर पीआरवी को लगाया था। हमने प्राथमिकता में एक्सीडेंट को रखा था। कोई हादसा होने पर हम घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाने में सफल रहे। इसमें स्थानीय लोगों ने भी भरपूर सहयोग दिया और सभी के योगदान के कारण ही हम कांवड यात्रा को घटनारहित सकुशल रूप से सम्पन्न कराने में सफल रहे। यही रणनीति हमारी कारगर हुई।



खोजी न्यूज़-रोहित सांडू के एनकाउंटर के बाद से आज तक लगातार जनपद में पुलिस द्वारा बदमाशों से मुठभेड़ जारी है, इस एग्रीसिव पुलिसिंग में क्या संदेश छिपा है?

एसएसपी अभिषेक यादव-एनकाउंटर ही हमारी पाॅलिसी नहीं है। अपराध को रोकने की रणनीति पर काम हो रहा है। हमारी पुलिस टीमें लगातार चैकिंग कर रही है। इस दौरान यदि कोई संदिग्ध मिलता है तो पुलिस उसको रोकने का प्रयास करती है और ये लोग पुलिस पार्टी पर फायर करते हैं तो आत्मरक्षार्थ पुलिस को भी फायर करना पड़ता है। इसमें बदमाशों को गोली लगती है। जनपद में शातिर अपराध करने वाले, संगठित अपराधियों, कस्टडी में हमला करने वाले और बड़े अपराधियों पर हमने अंकुश लगाने का काम किया है। यह अभियान निरंतर जारी रहेगा।

खोजी न्यूज़-पुलिस के द्वारा जनपद के बड़े माफियाओं पर गैंगस्टर की कार्रवाई करते हुए उनकी सम्पत्ति को कब्जाने का काम किया है, इस पर आगे क्या रणनीति है?

एसएसपी अभिषेक यादव-यूपी में गैंगस्टर एक्ट का प्रावधान है, इसमें पुलिस ऐसे अपराधियों को गैंगस्टर में निरुद्ध करते हुए अपराधा से कारित की गयी उनकी सम्पत्तियों की जांच कर डीएम को रिपोर्ट प्रेषित करती है और फिर उनकी सम्पत्ति को जब्त किया जाता है। पुलिस ने दो बदमाशों ब्रह्म सिंह कुरथल और गोपाल छपार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए करीब 55 लाख रुपये की सम्पत्ति सीज की है। ऐसे बदमाश हमारी प्राथमिकता पर हैं और यह अभियान जारी रखा जायेगा।

खोजी न्यूज़-जनपद में अपराधियों को सूचीबद्ध किया जा रहा है, इसके पीछे क्या उद्देश्य है?

एसएसपी अभिषेक यादव-जनपद में कई बड़े अपराधी अपना गिरोह चला रहे हैं। इनमें अंतर्राजय स्तर के गैंग भी शामिल हैं। हमने पिछले दिनों मीनू त्यागी, संजीव जीवा, शहजाद आदि बदमाशों के गिरोह को सूचीबद्ध किया है, ताकि इनकी गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा सके। बड़े अपराधी पुलिस के राडार पर हैं। उनको छोड़ा नहीं जायेगा।


खोजी न्यूज़-जनपद में 100 डायल और आईजीआरएस का काम प्रदेश में सराहनीय रहा है, लगातार इसमें सफलता का राज क्या है?

एसएसपी अभिषेक यादव-आईजीआरएस समस्याओं और शिकायतों के निस्तारण का बड़ा कारगार माध्यम बना है, इसकी सीधे सीएम कार्यालय से माॅनीटरिंग होती हैं, हमने यह प्रयास किया है कि आईजीआरएस पर प्राप्त हो रही शिकायतों का गुणवत्तापरक निस्तारण हो सके। मैं खुद इसके लिए माॅनीटरिंग करता हूं, इसमें समयबद्धता तय की गयी है, थानों से आने वाली रिपोर्ट की क्राॅस चैकिंग होती है। शिकायतकर्ता को संतुष्ट किया जाता है। लगातार माॅनीटरिंग का ही यह नतीजा है कि रिजल्ट बेहतर होते जा रहे हैं। इसी प्रकार 100 डायल में भी काम बेहतर हुआ है और रेस्पांस टाइम घटा है। जोनल लेवल पर ट्रेनिंग हो रही है, हमारा प्रयास है कि हम 100 डायल कर्मियों के लिए जिला स्तर पर भी जल्द प्रशिक्षण की शुरूआत करें।

खोजी न्यूज़-थानों में पुलिसकर्मियों का बर्थ डे मनाने की योजना लागू कर आपने गुड पुलिसिंग के मायने बदले हैं, इसके पीछे क्या रणनीति रही?

एसएसपी अभिषेक यादव-भारत ही नहीं किसी भी देश में पुलिस फोर्स का 90 प्रतिशत हिस्सा कांस्टेबल ही होता है। उसे साथ लिये बिना हम सफल नहीं हो पायेंगे। पुलिस की ड्यूटी को थकाऊ और तनावग्रस्त माना जाता है। दिन रात ड्यूटी का भय ही पुलिसकर्मियों को चिढ़चिढा बना देता हैं इससे उनका व्यवहार भी रुखा होने लगता है। थानों में बर्थ डे मनाने की योजना से सुधार साफ नजर आ रहा है। थानों में आज पारिवारिक माहौल बन रहा है। इससे पुलिस कर्मियों को उत्साह बढ़ रहा है और वह तनाव से दूर कुछ पल खुशी के बिताने से एक नई ऊर्जा को महसूस कर रहे हैं। पुलिस फोर्स को तनाव से दूर करने के लिए ही इस रणनीति पर काम किया गया है।

खोजी न्यूज़-आपने जनपद में पहली बार पुलिस वीकली ऑफ लागू कराने की चुनौती को स्वीकार किया है, इस पर क्या कहना है?

एसएसपी अभिषेक यादव-मैं आपको पहले भी कह चुका हूं कि पुलिस फोर्स में सबसे बड़ी समस्या और तनाव लम्बी ड्यूटी को लेकर हैं। परिवार से दूर रहकर पुलिस कर्मी 12 घंटे की ड्यूटी करते हैं। इस तनाव भरे माहौल में कर्मचारी को राहत के कुछ अवसर उपलब्ध कराने के लिए ही वीकली ऑफ की व्यवस्था को लागू किया गया है। हमारा प्रयास है कि हम पुलिस फोर्स को तनावग्रस्त वातावरण से बाहर निकाल सकें। पुलिस कर्मचारी अपने परिवार के बीच अपने व्यक्तिगत कामों के लिए समय निकाल पायेगा तो उसके व्यवहार में भी बदलाव होगा और वह नये उत्साह के साथ ड्यूटी पर लौटेगा।

खोजी न्यूज़-पुलिसकर्मियों को अपनी ही विभागीय समस्याओं के लिए काफी भटकना पड़ता है, उसके लिए आपकी क्या नीति रही?

एसएसपी अभिषेक यादव-हमने जनपद में थाना स्तर और जिला मुख्यालय पर शिकायत रजिस्टर रखवाया है। इस व्यवस्था में कोई भी पुलिस कर्मी अपनी विभागीय शिकायत या समस्या को रजिस्टर में दर्ज करा सकता है। इसमें जिला मुख्यालय पर रखे गये रजिस्टर की वह खुद माॅनीटरिंग करते हैं और प्रत्येक सोमवार को इसमें दर्ज शिकायतों को लेकर सम्बंधित पुलिस अफसरों के साथ मीटिंग कर निस्तारण कराया जाता है। शिकायत की शत प्रतिशत निस्तारण होने तक मैं स्वयं निगरानी करता हूं, इसी प्रकार थानों में काम होता है।

खोजी न्यूज़-जनपद में 100 दिन के अपने कार्यकाल को लेकर क्या संदेश देना चाहेंगे?

एसएसपी अभिषेक यादव-इस कार्यकाल में हमने सभी के सहयोग से जनपद को अपराध मुक्त बनाने के लिए काम किया है। मेरी लोगों से यही अपील है कि यदि वह अपने आसपास कोई भी संदिग्ध व्यक्ति या कार्य देखते हैं तो इसकी सूचना अफसरों को दें, उनका नाम और पहचान गोपनीय रखी जायेगी। अपराध या अपराधियों से परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। हम अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए कार्य करेंगे। संगठित अपराध के खात्मे के लिए भी हम पूरी दृढ़ता के साथ काम कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि जनपद में ऐसा माहौल दिया जाये, ताकि यहां के लोग बिना भय के जीवन यापन कर पायें। हम लगातार बड़े अपराधियों के खिलाफ गुण्डा एक्ट, गैंगस्टर, हिस्ट्रीशीट और अन्य सभी प्रकार की कार्यवाही कर रहे हैं।

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