सतपाल अंतिल विशेष- चैलेंज के वो 14 दिन, रिजल्ट सांडू का सफाया

सतपाल अंतिल विशेष- चैलेंज के वो 14 दिन, रिजल्ट सांडू का सफाया
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मुजफ्फरनगर। पिछले ढाई साल में उत्तर प्रदेश में अपराध उन्मूलन के लिए पुलिस अफसरों ने बड़ी उपलब्धियां हासिल की है। कई ऐसे मामलों को पुलिस अफसरों ने गजब का जौहर दिखाकर निपटाया है, ये घटनाएं पुलिस अफसरों के लिए भी एक अबूझ पहेली की चुनौती बनकर सामने आयी, लेकिन पुलिस सर्विस में ऐसे भी जांबाज अफसर मौजूद हैं, जिन्होंने इन चुनौतियों को ना केवल स्वीकार किया, बल्कि सरकार का सीना भी गर्व से चौड़ा करने का काम किया। ऐसा ही एक मामला मुजफ्फरनगर में भी देखने को मिला जब यहां पर कांवड यात्रा की सबसे बड़ी चुनौती पुलिस प्रशासन के सामने थी और जिले में डीएम व एसएसपी के साथ ही मण्डल में डीआईजी पद पर भी नये अफसरों की तैनाती हुई थी, और कुख्यात रोहित सांडू दरोगा का कत्ल कर पुलिस अभिरक्षा से फरार हो चुका था।







ऐसे में मुजफ्फरनगर के एसपी सिटी आईपीएस सतपाल अंतिल ने इस चुनौती को स्वीकार किया और 14 दिन बाद सांडू को उसके ईनामी साथी के साथ अंजाम तक पहुंचाने में कामयाबी हासिल की। सतपाल अंतिल इसे अपनी पुलिस सर्विस की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं। इस ऑपरेशन के 14 दिनों में वह 60 घंटे भी नहीं सो पाये थे। कांवड मार्ग पर अफसरों को निरीक्षण कराते हुए ही उन्होंने सांडू ऑपरेशन पर भी लगातार काम किया। दिन रात घर से दूर रहते हुए सड़कों पर घूमते हुए कुख्यात सांडू की पहेली हो सुलझाने में जुटे रहे।









साल 2015 बेच के आईपीएस अधिकारी सतपाल अंतिल अपने ट्रेनिंग के दिनों में ही अपराध उन्मूलन के लिए जुनूनी अफसरों में शुमार हो गये हैं। उनकी कार्यप्रणाली ऐसी रही है कि उन्होंने पुलिस कप्तान बनने से पहले ही यूपी की ब्यूरोक्रेसी में एक अलग मुकाम हासिल कर दिया है। बड़े अफसर उनकी कार्यशैली से प्रभावित हैं। उनको जो काम दिया गया, वह जुझारू और जुनूनी हद तक उसको रिजल्ट देने में जुटे रहे। इसी साल जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुजफ्फरनगर के पुलिस मुखिया को बदला तो यहां अभिषेक यादव एसएसपी बनाये गये। अभिषेक यादव के चार्ज संभालने के अगले ही दिन 2 जुलाई को कुख्यात शातिर अपराधी रोहित सांडू को उसके साथियों ने पुलिस अभिरक्षा से छुड़ा लिया गया, बदमाशों ने एक दरोगा को भी गोली मारकर हत्या कर दी। एसएसपी के आते ही इतनी बड़ी वारदात से पूरे यूपी में हलचल मच गयी थी। एसएसपी नये थे, ऐसे में कांवड यात्रा सिर पर आ चुकी थीं, शासन ने डीएम का भी तबादला कर दिया। जिले में दोनों बड़े अफसरों के नये होने के कारण कई चुनौती पुलिस प्रशासन के अफसरोें के सामने थी। रोहित सांडू के फरार होने से जनपद में बड़ी वारदात होने की आशंका भी बनी हुई थी। ऐसे में मण्डल में भी डीआईजी भी नये आ गये।






इसके बाद एसपी सिटी सतपाल अंतिल ने इस चुनौती को संभाला। यह चुनौती इतनी आसान नहीं थी। नये अफसर होने और कांवड यात्रा के नोडल अधिकारी के कारण एसपी सिटी सतपाल अंतिल को कांवड रूट का भी काम संभालना था और रोहित सांडू ने भी पुलिस विभाग की नींद उड़ा रखी थी। बदमाश के फरार होने और दरोगा की हत्या होने से पुलिस फोर्स भी कहीं ना कहीं हतोत्साहित हो रहा था। सतपाल अंतिल ने यहां पर सूझबूझ और लीडरशिप का प्रदर्शन किया। उन्होंने पुलिस फोर्स का जोश तो बनाया ही, साथ ही कांवड यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था बेहतर की और ऑपरेशन सांडू पर दिन रात लग्नशील होकर काम किया। सतपाल अंतिल की कार्यप्रणाली ऐसी है कि वह सड़कों पर रहकर भी काम करते हैं। ऐसा ही यहां भी देखने को मिला। जब कांवड यात्रा में बड़े अफसरों को निरीक्षण कराने की वह जिम्मेदारी निभा रहे थे, तो ऑपरेशन सांडू के लिए भी सड़कों पर ही पूरी टीम के साथ वह मीटिंग करते रहे।







रोहित सांडू पर एक लाख रुपये का ईनाम कर दिया गया। इसके साथ ही रोहित सांडू मन्सूरपुर क्षेत्र का निवासी होने के कारण एसपी सिटी ने 70 से ज्यादा कांस्टेबल को खुफिया तरीके से इस क्षेत्र में लगाये रखा। सर्विलांस की खुद माॅनीटरिंग की और 14 दिनों तक वह दिन रात सड़कों पर रहकर ऑपरेशन सांडू में जुटे रहे। इन 14 दिनों में एसपी सिटी सतपाल अंतिल और उनकी टीम बामुश्किल 60 घंटे ही सो पाई थी । पुलिस फोर्स को डर था कि रोहित सांडू की फरारी के बाद कोई बड़ी घटना ना घटित हो जाये। फरारी के बाद अगले ही दिन रोहित सांडू ने भोपा क्षेत्र में लूट की वारदात को अंजाम दिया तो पुलिस की आशंका और भी प्रबल हो गयी। बड़ी घटना को रोकने के साथ ही सांडू तक जल्द से जल्द पहुंचना ही पुलिस अफसरों का सिरदर्द बन रहा था। एसएसपी अभिषेक यादव ने भी पूरी तरह से एसपी सिटी सतपाल अंतिल को कमान सौंप दी थी। इतना ही नहीं मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार और सहारनपुर मण्डल के डीआईजी उपेन्द्र अग्रवाल ने भी पुलिस फोर्स को दबाव से मुक्त रखा और एसएसपी अभिषेक यादव के निर्देशन में सतपाल अंतिल ने बेहतरीन कार्यप्रणाली को साबित करते हुए गजब का रिजल्ट दिया। सांडू को उसकी फरारी के 14वें दिन पुलिस ने मुठभेड़ में उसके ईनामी साथी बदमाशों के साथ उसके अंजाम तक पहुंचाने का काम किया। इस दिन सांडू सहित चार बदमाश मारे गये।






एसपी सिटी सतपाल अंतिल रोहित सांडू एनकाउंटर को अपनी सर्विस लाइफ की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं। उनका कहना है कि जब उनकी शादी हुई तो उनको बधाईयां देने का बड़ा सिलसिला शुरू हुआ, वह इन संदेशों के मिलने से खुश हुए फिर एक बार उनके जीवन में यह दौर तब आया, जबकि वह सिविल सर्विस परीक्षा के दौरान आईपीएस चयनित हुए, लेकिन रोहित सांडू एनकाउंटर ऐसा ही अविस्मरणीय अवसर रहा है जब रोहित सांडू की एनकाउंटर की खबर फ्लैश हुई तो मुजफ्फरनगर के साथ ही आसपास के जनपदों व राज्यों में ऐसी दहशत थी कि जब उसके तो उनके पास इसके लिए इतने फोन आये कि वह सोच भी नहीं सकते थे वह खुश भी हुए। इन फोन करने वालों में बिजनेसमैन ,व्यापारी , किसान और आम नागरिक शामिल थे ।






एसपी सिटी सतपाल अंतिल कहते है ऑपरेशन सांडू में उनके सामने बड़ी चुनौती यही थी कि ये अपराधी कोई बड़ी घटना ना कर बैठे। लगातार सांडू गिरोह पर अंकुश कसा गया। उन्होंने कहा कि वह इस ऑपरेशन का सफलता तक पहुंचाने के लिए अपने आला अफसरों के विश्वास को भी बड़ा कारण मानते हैं। एडीजी, डीआईजी और एसएसपी ने उनको और पूरी टीम को फ्री हैंड किया सभी ने पूरी तरह से दबाव मुक्त बनाकर कार्य करने दिया गया। यही वजह रही कि हम इतनी जल्दी इस चुनौती को बेहतरीन रिजल्ट के साथ पूरा करने में सफल हो पाये।

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