समयपाल अत्री बर्थडे स्पेशल- मैनेजमेंट के मास्टर को जब थाने में मिली मुबारकां !

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मुजफ्फरनगर जनपद की पुलिस ने अपने कप्तान एसएसपी अभिषेक यादव के एक फैसले के कारण खुशी की जो लहर दिखाई देती है, थानों में जश्न का जो माहौल बना है और पुलिस कार्यालयों में गूंजते बर्थ डे साॅन्ग ने पुलिसिंग के मायनों को बदलकर रख दिया है।






जिस शिद्दत के साथ पुलिस अपराधियों, माफियाओं पर शिकंजा कसने में जुटी है, उसी जोश के साथ थानों में पुलिस कर्मियों का जन्म दिन भी मनाया जा रहा है।


पुलिस विभाग में गुडवर्क काफी मायने रखता है। हर पुलिस कर्मचारी चाहे वह सिपाही हो, उप निरीक्षक हो या इससे ऊपर की पंक्ति का अफसर, अपने गुडवर्क के सहारे अपने सीने पर सोना और चांदी चमकते हुए देखना चाहता है। गुडवर्क बदमाशों के सफाये के लिए एनकाउंटर हो सकते हैं, संगीन अपराधों में लिप्त आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है, या ब्लाइंड केस के खुलासों के साथ ही गैर सामाजिक गतिविधियों को रोकने के लिए उठाये गये कार्य भी हो सकते हैं, लेकिन यदि किसी अफसर का अभियान ही पुलिस फोर्स के लिए गुडवर्क बन जाये तो उस अफसर की सराहना आवश्यक हैं। ऐसा ही गुडवर्क एसएसपी अभिषेक ने बर्थ डे अभियान के रूप में जनपद पुलिस को दिया है। एक दिसम्बर को जनपद के थानों में बर्थ डे पार्टियों की धूम रही है। चरथावल थाने में जहां दो सिपाहियों को बर्थ डे थाना प्रभारी सूबे सिंह ने मनाया, तो वहीं भोपा थाना में एसएसआई वासिक सिद्दीकी और रामराज थाने में बीट आरक्षी जितेन्द्र के जन्म दिन मनाये गये, लेकिन शहर के सिविल लाइन थाने में पुलिस कर्मियों ने अपने थाना प्रभारी समयपाल अत्री का जन्म दिन जोश-ओ-खरोस के साथ मनाया।






सिविल लाइन थाने में पार्टी की पूरी धूम रही। समयपाल अत्री 2012 बैच के उप निरीक्षक हैं। उनकी पहली पोस्टिंग गाजियाबाद जनपद में रही। यहां उन्होंने इन्दिरापुरम और साहिबाबाद थाने में तैनाती के दौरान काफी उत्कृष्ट कार्य किये। वहां से मुजफ्फरनगर ट्रांसफर होने के बाद समयपाल अत्री ककरौली, खतौली थानों के साथ ही शहर के तीनों थानों में तैनात रहे। यहां वह नई मण्डी और शहर कोतवाली में एसएसआई के रूप में कार्यरत रहे तो वहीं वर्तमान में वह सिविल लाईन थाने के एसओ के रूप में अपराधियों पर शिकंजा कसने में जुटे हुए हैं। समयपाल अत्री अपनी कार्यप्रणाली के कारण आज जनपद पुलिस में एक अलग पहचान बना चुके हैं। उन्होंने शहर कोतवाली में लम्बा समय बिताया। यहां उन्होंने विकास जाट और वसीम सहित पांच कुख्यात बदमाशों के एनकाउंटर में अहम भूमिका निभायी। इसके साथ ही अपराध जगत में सक्रिय नजर कुरैशी सहित नौ लोगों पर रासुका की कार्यवाही कराने में वह सफल रहे। सिविल लाइन थाने का चार्ज मिलने के बाद समयपाल अत्री लगातार बड़े गुडवर्क करने में जुटे हैं। यहां उनके द्वारा नशे के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने का क्रम जारी है। इसकी शुरूआत में ही उन्होंने भांग की सरकारी दुकानों की आड में हो रहे गांजा व भांग के अवैध कारोबार का भंडाफोड़ करते हुए छह लोगों को गिरफ्तार किया। अभी हाल ही में उनके द्वारा 25 हजार के ईनामी शराब तस्कर को उसके दो साथियों के साथ गिरफ्तार किया, जो एसएसपी अभिषेक यादव के जीरो ड्रग्स अभियान की बड़ी उपलब्धियों में शामिल रहा। इसके लिए खुद डीजीपी ओपी सिंह ने पुलिस टीम को 50 हजार रुपये का नगद पुरस्कार देने का ऐलान किया है। वहीं 10 हजार के ईनामी बदमाश वांछित सददाम को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर जेल भेजने का काम किया है।




पुलिस विभाग में बिताये कार्यकाल के दौरान एसओ सिविल लाइन समयपाल अत्री अपना सबसे बड़ा गुडवर्क एसएसपी अभिषेक यादव के बर्थ डे अभियान को बताते हैं। उनका कहना है कि इससे बड़ा गुडवर्क कोई नहीं हो सकता है। वह आज थाने में अपना जन्म दिन मनाकर परिवार के बीच ही महसूस कर रहे हैं। इससे बड़ी खुशी क्या होगी कि उनका बेटा दिल्ली में है और पत्नी व बेटी जयपुर में होने के बाद भी एसएसपी अभिषेक यादव की पहल के चलते ही उनका यहां पर परिवार से दूर जन्म दिन पूरे पारिवारिक माहौल में मनाया गया। वह कहते हैं कि कप्तान साहब के इस कदम से पुलिस फोर्स का मनोबल बढ़ा है और उत्साह का वातावरण पैदा हुआ है।एसआई समयपाल अत्री को जनपद पुलिस फोर्स में एक क्राउड मैनेजमेंट अफसर के रूप में भी देखा जाता है। मृदभाषी समयपाल पुलिस फोर्स के साथ ही जनता के बीच भी काफी लोकप्रिय रहते हैं। जब भी जनपद में किसान यूनियन के आंदोलन के दौरान भीड़ को काबू करने की चुनौती बनी तो समयपाल अत्री ने ना केवल अपनी प्रबंधन क्षमता को प्रदर्शित किया, बल्कि विवाद के निपटारे में भी भूमिका निभाई।

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