Birthday special- IPS आदित्य वर्मा ने गरीब बच्चों के संग मनाया जन्मदिन

Birthday special- IPS आदित्य वर्मा ने गरीब बच्चों के संग मनाया जन्मदिन


कासगंज। अपने काम के बदल पर उत्तर प्रदेश ब्यूरोक्रेसी में एक अलग मुकाम हासिल करने के साथ ही राष्ट्रपति गैलेंट्री अवार्ड प्राप्त करने वाले आईपीएस आदित्य प्रकाश वर्मा ने आज अपना 55वां जन्म दिवस गरीब परिवारों के बच्चों के बीच जाकर मनाया।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आध्यात्मिक और राजनीतिक कर्मभूमि जनपद गोरखपुर में तीन साल तक पुलिस अधीक्षक यातायात रहते हुए काम के बल पर पहचान बनाने वाले 1991 बैच के पीपीएस अफसर आदित्य प्रकाश वर्मा वर्तमान में एएसपी कासगंज के पद पर कार्यरत हैं। सरकार ने जून 2020 में उनका स्थानांतरण गोरखपुर से कासगंज कर दिया था। मूल रूप से कानपुर नगर के निवासी आदित्य प्रकाश वर्मा का सोमवार को जन्म दिवस था, इसके लिए उनको खूब बधाईयां मिल रही थी। उनके द्वारा अपना जन्म दिवस मंगलवार को कासगंज के नजदीक एक गांव में गरीब परिवारों के बीच जाकर मनाया। इस दौरान उनकी पत्नी भी मौजूद रही। अक्सर ही अपनी अलग कार्यशैली से सभी का ध्यान बरबस अपनी ओर खींचने वाले आदित्य प्रकाश वर्मा एक सख्त अफसर होने के साथ मानवीय संवेदना से भी परिपूर्ण हैं।

जन्म दिवस हो या शादी की सालगिरह या अन्य कोई भी हर्षित करने वाला पारिवारिक क्षण, वह धूमधाम और फिजलू खर्ची से अलग जरूरतमंद लोगों, असहाय और गरीब परिवारों के बच्चों के बीच जाकर ही इस खुशी को मानवता का प्रेरक संदेश देकर जाहिर करने का काम करते रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने अपना जन्म दिवस यतीम और दिव्यांग बच्चों के आश्रम में जाकर मनाया था तो आज वह गरीब परिवारों के बच्चों के बीच अपनी इस खुशी को बांटने के लिए पहुंचे थे। बच्चों के लिए वह सेंटाक्लाज की भांति ही भिन्न भिन्न उपहार और खानपान की वस्तुएं लेकर पहुंचे तो गरीब बचपन भी खुशी के कुछ पलों की दस्तक अपनी चैखट पर देखकर मुस्कुरा पड़ा। टैक्सटाइल टैक्नालाॅजी में मास्टर आदित्य प्रकाश वर्मा कहते हैं, अपनी खुशी को गरीबों और जरूरतमंद लोगों के बीच जाकर बांटने से जो आत्मीय संतुष्टी का सुखद आभास होता है, वह कहीं नहीं मिल पाता है। हम अपने परिवार के साथ हर पल खुशियां दोगुनी करते हैं, लेकिन एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यदि हम अपनी खुशियों के इन पलों को अपने आसपास जरूरतमंद, असहाय और गरीबों के बीच मिलकर बांटने का काम करते तो समाज से भेदभाव और ऊंच नीच की मानव विरोधी कुरीति को मिटाया जा सकता है।

गोरखपुर की जनता को खूब याद आते हैं आदित्य


आज आदित्य प्रकाश वर्मा उर्फ राजू को गोरखपुर में एसपी ट्रैफिक के रूप में तीन साल तक किये गये सराहनीय कार्य के लिए पारिश्रमिक के तौर पर यह राष्ट्रपति पदक मिला है। गोरखपुर में यातायात सुधारने और लोगों को सड़कों पर सुरक्षित यातायात के लिए जो प्रयत्न आदित्य प्रकाश वर्मा ने अफसर कम, प्रेरक ज्यादा बनकर किये, वो परिवर्तन आज गोरखपुर में उनकी गैरमौजूदगी के बाद भी सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं। सीएम सिटी में उनके द्वारा स्थापित ट्रैफिक बूथ आज भी लगा हुआ नजर आता है। वाहन चालक आज भी हेलमेट पहन कर ही अपने वाहन पर सवार नजर आते हैं। उनकी 'यातायात की पाठशाला' को विद्यार्थी आज भी याद करते हैं। सुरक्षित यातायात के प्रति लोगों को उनके जागरूकता अभियान भुलाये नहीं भूलते हैं, जिसमें वह एक गांधीवादी विचारधारा के साथ लोगों को समझाते हुए सड़कों पर हाथ में गुलाब के फूल और हेलमेट लिये समझाते नजर आते थे। गोरखपुर को जाम मुक्त शहर बनाने के लिए उन्होंने वह सारे प्रयास बिना किसी दबाव, सख्ती और बदमिजाजी के जनसहयोग हासिल कर किये, जो शायद किसी भी अफसर के लिए बड़ी चुनौती से कमतर साबित नहीं होंगे। गोरखपुर में हासिल की गयी इसी उपलब्धि के लिए 74वें स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त 2020 को आदित्य प्रकाश वर्मा को राष्ट्रपति गेलैंट्री अवार्ड से सम्मानित किया गया।

गांधीवादी विचारधारा से जीता दिल, बरसते रहे मेडल


आदित्य प्रकाश वर्मा ने गोरखपुर में तैनात रहते हुए कई बार अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय सम्मान हासिल किये। इनमें पहला सम्मान डाॅक्टर एसएन सुब्बाराव अवार्ड के रूप में उनको गांधीवादी विचारधारा से पुलिस वर्क को जोड़ने के लिए दिया गया, जो लोटस टैम्पल नई दिल्ली में 2018 में आयोजित समारोह में उन्होंने प्राप्त किया। गांधी प्रतिष्ठान नई दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में उनको चैधरी रणवीर सिंह हुड्डा अवार्ड 2018 मिला, जोकि उनका दूसरा बड़ा पुरस्कार रहा। तीसरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मान उनको ग्लोबल शांति अवार्ड के रूप में इन्दौर में मिला। इसके अलावा आदित्य प्रकाश वर्मा बापू सेवा रतन अवार्ड से भी सम्मानित किये जा चुके हैं। यह अवार्ड उनको बांग्लादेश में मिलना था, लेकिन कोरोना संकट काल के कारण वह यह अवार्ड प्राप्त करने नहीं जा पाये और 2020 में गोरखपुर में यातायात की दिशा व दशा बदलने के लिए किये गये कार्य के प्रति सम्मान के रूप में राष्ट्रपति पदक प्रदान किय गया है।

सीएम सिटी में चार गुणा चालान, तीन गुणा वसूला शमन शुल्क


अपर पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रकाश वर्मा ने 11 जून 2017 को मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ का गृह जनपद होने के नाते वीवीआईपी की श्रेणी में शुमार गोरखपुर में एसपी ट्रैफिक का पदभार सम्भालने के बाद शहरी यातायात व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन किये। 1 जनवरी 2018 से 31 जुलाई 2018 तक 12,021 चालान काटे और 2617850 रूपये शमनशुल्क के रूप में वसूले, 2019 में इसी अवधि में उन्होंने विशेष अभियान चलाकर लगभग चार गुना 46085 चालान काटे और लगभग तीन गुना 6541800 शमनशुल्क वसूला। इससे पूर्व इसी अवधि में 2016 व 2017 में क्रमशः 13434 व 11555 चालान काटे और क्रमशः 1355100 व 1789800 रूपये शमन शुल्क के रूप में वसूले गये थे।

आईपीएस में हुआ प्रमोशन, पत्नी-बेटी से लगवाये बैज


वाणिज्य कर की नौकरी छोड़कर बने पीपीएस अफसर ट्रेड टैक्स विभाग की नौकरी छोड़कर पुलिस की नौकरी में आये 1991 बैच के पीपीएस अफसर आदित्य प्रकाश वर्मा पूर्व में आईडीबीआई व सिड़बी में प्रबन्धक के पद पर भी कार्य कर चुके हैं। आदित्य प्रकाश वर्मा का प्रचलित नाम राजू है और इस नाम के अनुसार उनका मिजाज भी है। उन्होंने बीएससी मैथ व फिजिक्स से करने के बाद टैक्सटाईल टैक्नोलाॅजी में एमटैक की डिग्री व मार्केटिंग मैनेजमैंट में पीजी डिप्लोमा भी प्राप्त कर रखा है। वे गांधी पीस फाउंडेशन के लाईफ मैम्बर भी हैं। 4 सितम्बर 2020 को आदित्य प्रकाश वर्मा का आईपीएस कैडर में प्रमोशन हुआ। इससे उनके परिवार में दिवाली जैसा माहौल बना था। अमूमन आईपीएस कैडर मिलने के बाद अधिकांश पीपीएस अफसरों को अपने सीनियर अधिकारी से ही काधे पर आईपीएस के नये बैज लगवाते हम देखते हैं, लेकिन यहां भी आदित्य प्रकाश वर्मा का अंदाज दूसरों से जुदा नजर आया। आईपीएस कैडर मिलने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी और बेटी के साथ इस खुशी को बांटा और उनके हाथों से ही अपने दोनों कांधों पर आईपीएस के बैज लगवाये। उनका कहना है कि हर खुशी और सफलता को बांटने का पहला अधिकार परिवार का है। वह परिवार के बीच ही अपने प्रमोशन की इस खुशी को एक यादगार पल बनाकर बांटना चाहते थे। यही कारण रहा कि उन्होंने अपनी बेटी और पत्नी के हाथों ही बैज लगवाने का मन बनाया।

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