आईपीएस अभिषेक यादव की गारंटी- हिंसा में निर्दोषों को नहीं होगी जेल

आईपीएस अभिषेक यादव की गारंटी- हिंसा में निर्दोषों को नहीं होगी जेल
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मुजफ्फरनगर नागरिकता संशोधन कानून 2019 और एनआरसी के विरोध में समुदाय विशेष के लोगों के प्रदर्शन के दौरान शहर में व्यापक हिंसा के बाद पुलिस की कार्यवाही को लेकर आम लोगों के बीच बन रहे भय के वातावरण को दूर करने के लिए जिला पुलिस प्रशासन ने एक विश्वास बहाल करने का काम किया है। ऐसे में मुखबिरों और दलालों के लिए बुरी खबर खुद पुलिस कप्तान आईपीएस अभिषेक यादव के जरिये सामने आयी है। उन्होंने साफ संदेश दिया है कि पुलिस की कार्रवाई का भय दिखाकर कोई भी किसी निर्दोष का आर्थिक और मानसिक शोषण नहीं कर पायेगा। पुलिस की इस पहल का जनता ने भी स्वागत किया है और शहर में अमन लौटाने के लिए पुलिस प्रशासन के साथ हर व्यक्ति खड़ा होने को तैयार है। एसएसपी अभिषेक यादव ने यह अपील की है कि यदि कोई निर्दोष है तो उसके लिए किसी भी बिचौलिये के बहकावे में नहीं आये, कोई पुलिस कर्मी पैसे की मांग करता है तो सीधे उनसे सम्पर्क कर अपनी पीड़ा को रख सकते हैं।


एसएसपी अभिषेक यादव ने जनता के बीच रहकर यह भरोसा दिलाया है कि हिंसा के बाद उपजे हालातों में किसी की दलाली नहीं चलेगी।


20 दिसम्बर की हिंसा के बाद जनपद और खासकर शहर में बने हालात के दौरान अब खुद एसएसपी अभिषेक यादव ने जनता के बीच रहकर यह भरोसा दिलाया है कि हिंसा के बाद उपजे हालातों में किसी की दलाली नहीं चलेगी। उन्होंने निर्दोषों को जेल नहीं जाने देने की गारंटी खुद ली है तो जनता से भी एक वादा लिया है कि वह किसी भी दोषी को बचाने के लिए आवाज नहीं उठायेंगे। किसी भी हिंसा के बाद यह पहली बार देखने को मिला है कि जिला पुलिस और प्रशासन के आला अफसरों ने निर्दोषों को बचाने के लिए बड़ी पैरवी की हो, वरना ऐसे हालातों में निर्दोषों को जेल जाने की कहानियां अनगिनत हमारे सामने हैं। पहली बार जिले के पुलिस कप्तान ने आगे आकर जनता के बीच बने कार्रवाई के भय को दूर किया है। उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि पुलिस कार्रवाई से बचाने के लिए किसी को भी रंजिश का फायदा नहीं उठाने दिया जायेगा और ना ही कोई दलाली कर पायेगा। जिला पंचायत सभागार में एसएसपी अभिषेक यादव ने सभासदों व ग्राम प्रधानों के बीच कहा कि हमें जानकारी है कि हिंसा के बाद मुकदमे दर्ज होने पर जिम्मेदार लोग आहत हैं। हिंसा के बाद इस प्रकार की कार्रवाई होना स्वाभाविक है, लेकिन मैं गारंटी के साथ यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि किसी भी निर्दोष के साथ कुछ भी गलत नहीं होगा। किसी भी निर्दोष व्यक्ति को जेल नहीं भेजा जायेगा।

एसएसपी अभिषेक यादव ने कहा कि वीडियो और साक्ष्य के आधार पर जो उपद्रव के लिए चिन्हित हुए हैं, उनको हम कतई नहीं छोड़ेंगे।


एसएसपी अभिषेक यादव ने कहा कि वीडियो और साक्ष्य के आधार पर जो उपद्रव के लिए चिन्हित हुए हैं, उनको हम कतई नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि जब बड़ा बवाल होता है तो बहुत कुछ सोचने का समय नहीं मिलता है। उन्होंने नामजद किये गये सभासदों के साथ ही लोगों को विश्वास दिलाया कि निर्दोष निििश्चत रहें कि उनके खिलाफ प्रशासन या पुलिस कोई कार्रवाई करने नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिसने भी पुलिस प्रशासन को सहयोग किया है, वह फंसाया नहीं जायेगा। जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है, या जो निर्दोष होने के बाद भी जेल भेज दिये गये हैं, ऐसे मामलों को लेकर हमने कमेटी बना दी है। एसपी ट्रैफिक बीबी चौरसिया इस कमेटी के अध्यक्ष हैं। निर्दोषों के लिए उनको प्रार्थना पत्र दिया जा सकता है। कमेटी जांच के बाद निर्दोष पाये जाने पर ऐसे लोगों को रिहा कराने और मुकदमों से निकालने के लिए कार्रवाई करेगी।

एसएसपी अभिषेक यादव ने कहा कि यह सुनिश्चित कर दिया गया है कि खुद उनकी जानकारी के बिना किसी का नाम मुकदमे में ना तो जोड़ा जायेगा और ना ही निकाला जायेगा।

एसएसपी अभिषेक यादव ने गारंटी के साथ कहा कि मददगारों को जेल नहीं भेजा जायेगा। एसएसपी अभिषेक यादव ने कहा कि यह सुनिश्चित कर दिया गया है कि खुद उनकी जानकारी के बिना किसी का नाम मुकदमे में ना तो जोड़ा जायेगा और ना ही निकाला जायेगा। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस किसी का नाम निकालने के लिए पैसे लेती है तो इसके लिए सीधे उनसे शिकायत की जा सकती है। केवल साक्ष्य के आधार पर पुलिस कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि हिंसा के बाद हमने जेल भेजने वालों से ज्यादा आरोपियों को रिहा करने का काम किया है।


एसएसपी अभिषेक यादव के अनुसार इस मामले में पुलिस की हिरासत में से निर्दोष पाये जाने पर 80 आरोपियों को छोड़ा जा चुका है।

बता दें कि हिंसा के बाद पुलिस की ओर से 32 मुकदमे दर्ज किये गये हैं, जिनमें 73 आरोपियों को जेल भेजा गया है, जबकि एसएसपी अभिषेक यादव के अनुसार इस मामले में पुलिस की हिरासत में से निर्दोष पाये जाने पर 80 आरोपियों को छोड़ा जा चुका है। उन्होंने यह भी विश्वास दिलाया कि जेल जाने के बाद भी यदि कोई निर्दोष साबित होता है तो उसको घर पहुंचाने की जिम्मेदार हमारी है। उन्होंने सभासदों व प्रधानों से यही संदेश जन जन तक पहुंचाने की अपील की है।

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