IPS अभिषेक यादव - जब डंपर के कंडक्टर बन खनन माफियाओं पर बोला था धावा

IPS अभिषेक यादव - जब डंपर के कंडक्टर बन खनन माफियाओं पर बोला था धावा

मुजफ्फरनगर । पब्लिक को त्वरित न्याय दिलाने एवं माफियाओं पर शिकंजा कसने का सपना पाल कर आईपीएस बने अभिषेक यादव ने नौकरी की शुरुआती दिनों में ही अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे । अंडरट्रेनिंग सर्विस के दौरान जब एक जिले में अभिषेक यादव पोस्टिंग पर थे तो वहां खनन माफियाओं का दबदबा चलता था । उस दबदबे को दबाने के लिए अभिषेक यादव एक डंपर के कंडक्टर बनकर मौके पर पहुंचे और धावा बोलकर खनन माफियाओं को उनके वाहनों सहित दबोच कर एक संकेत दे दिया था कि वह भविष्य में उत्तर प्रदेश पुलिस में अपना नाम सुनहरे अक्षरों से लिखवाने जा रहे हैं और हुआ भी वही। मुजफ्फरनगर जनपद में पुलिस कप्तान के रूप में एक साल से अधिक के कार्यकाल में उन्होंने सोशल पुलिसिंग के साथ साथ माफियाओं की कमर तोड़ने की कई नजीर पेश की है।

साल 2012, दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में 2009 बैच की आईएएस अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल ने खनन माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई की थी। मामला शासन तक गुंजा तो सरकार ने दुर्गा शक्ति नागपाल को पहले सस्पेंड फिर बहाल कर दिया था, लेकिन यह प्रकरण उस दौरान सुर्खियों में था। उसी साल 2012 में दिल्ली से ही लगे हरियाणा प्रदेश के गुरुग्राम जनपद के युवा अभिषेक यादव ने भी सिविल सर्विसेज पास कर आईपीएस की नौकरी पाई थी । आईपीएस बनकर ट्रेनिंग से लौटे अभिषेक यादव को अंडरट्रेनिंग अफसर के रूप में साल 2014 में ग्रेटर नोएडा में पोस्टिंग दी गई तो उनके दिमाग में 2012 की खनन माफियाओं पर दुर्गा शक्ति नागपाल की कार्यवाही की घटना याद थी।


अभिषेक यादव कासना कोतवाली का इंचार्ज बन कर पुलिसिया तौर-तरीके सीख रहे थे तब उन्हें खबर मिली कि यमुना खादर के गांव कामबख्सपुर में खनन माफिया अवैध खनन कर रहे हैं । माफियाओं पर शिकंजा कसने का ख्वाब देखने वाले अभिषेक यादव ने तत्कालीन नोएडा एसएसपी डॉ प्रीतिंदर सिंह और एसपी देहात बृजेश कुमार सिंह को इसकी जानकारी देकर प्लान किया कि कैसे इन खनन माफियाओं को पकड़ा जा सकता है। दरअसल उन्हें बताया गया था कि पुलिस देखकर खनन माफिया भाग जाते हैं तब अभिषेक यादव ने एक प्राइवेट डंपर जिसमे खनन का ढ़ोने का काम होता था, को मंगवाया और खुद उस डंपर में कंडक्टर के रूप में सवार होकर खनन माफियाओं को पकड़ने निकल पड़े। उन्होंने अपने साथ लगभग 10 पुलिसकर्मियों को डंपर के पिछले हिस्से में छुपाया हुआ था।


साल 2014 के महीने जून की तपती गर्मी में अभिषेक यादव ने माफियाओं पर अचानक धावा बोला तो खनन माफियाओं ने फायरिंग कर दी मगर अभिषेक यादव ने हिम्मत नहीं हारी और मौके से अपनी टीम के साथ मिलकर तीन खनन माफियाओ, 10 डंपर एंव एक पॉपलेन मशीन बरामद की थी। पहली ही पोस्टिंग में माफियाओं से भिड़ने के सवाल पर खनन माफियाओं पर धावा बोलने वाले आईपीएस अफसर वर्तमान में मुजफ्फरनगर जनपद के एसएसपी अभिषेक यादव कहते हैं " अगर आराम की नौकरी करनी होती तो बहुत सारे विभाग हैं , मैंने पुलिस सेवा को चुना है तो अपराधियों से लड़ने की जिम्मेदारी भी हमें ही निभानी पड़ेगी। अपराधी को अगर पुलिस नहीं पकड़ेगी तो फिर उनको अपराध करने से कौन रोकेगा। यह हमारी ही ज़िम्मेदारी है।

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