चरथावल पुलिस का गुडवर्क-36 घंटे में चोरी का खुलासा

चरथावल पुलिस का गुडवर्क-36 घंटे में चोरी का खुलासा

मुजफ्फरनगर। दोस्ती मतलब से परे होती है। दोस्त हमें जीवन में सही राह से भटकाव से दूर ले जाने वाला होता है, लेकिन आज दो ऐसे दोस्त पुलिस ने समाज के सामने पेश किये हैं, जिनकी दोस्ती की कड़ी अपराध का रास्ता बनी थी। इन दोस्तों की कहानी पूरी तरह से फिल्मी है। दिव्यांग युवक के एक इशारे पर ही उसका नामूछिया दोस्त दुकानों से दिनदहाड़े ही गल्ले से नकदी साफ करने में देर नहीं लगाता। वारदात को अंजाम देने के बाद ये दोनों चोर माल को आपस में बांटते और अपने अगले शिकार की तलाश में जुट जाते थे। पूरा होमवर्क करने के बाद ही अगली घटना को अंजाम दिया जाता था। इन चोरों की भोली भाली सूरत ऐसी कि कोई भी उनके शातिर इरादों को भांप नहीं पाता। कई वारदातों को अंजाम देने के बाद इनका हौसला खुला, लेकिन चरथावल पुलिस की सुरागरसी ने इन शातिर चोर दोस्तों का भंडाफोड़ किया और चोरी की वारदात के 36 घंटे के भीतर ही इनको गिरफ्तार कर जेल रवाना कर दिया।


बीते शुक्रवार को चरथावल कस्बे में मुख्य बाजार में स्थित पेट्रोल पंप के बराबर में एक प्लाईवुड की दुकान पर ट्राईसाइकिल पर दयनीय हालत में एक दिव्यांग युवक और उसके साथ नामूछिया दोस्त को देखा गया था। दोनों दुकान के आसपास ही डटे हुए थे, लेकिन वहां से गुजर रहे लोगों को उनके शातिर इरादों पर कोई शक नहीं हो पाया था। इन दोनों की नजरें प्लाईवुड की दुकान के मालिक पर लगी थी। जैसे ही दुकानदार जुमा की नमाज पढ़ने के लिए अपनी दुकान को छोड़कर निकला तो दिव्यांग दोस्त के इशारे पर नामूछिया चोर ने अपना काम शुरू कर दिया। दुकान पर पहुंचकर उसने गल्ले का ताला तोड़कर 38 हजार रुपये की नकदी साफ कर दी। जब दुकानदार नमाज पढ़कर वापस लौटा तो वह टूटा गल्ला देखकर सकते में आ गया। दिनदहाड़े ही दुकान में चोरी की वारदात होने से पुलिस में भी हड़कम्प मच गया।


चरथावल पुलिस ने दुकानदार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी थी। इस मामले का संज्ञान लेते हुए एसएसपी अभिषेक यादव ने घटना के खुलासे के लिए चरथावल थानाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह को निर्देशित किया। उन्होंने पुलिस कप्तान के निर्देश पर अमल करते हुए कस्बा इंचार्ज योगेंद्र चैधरी के नेतृत्व में टीम का गठन कर चोरी के खुलासे में लगाया। चरथावल थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह के नेतृत्व में कस्बा इंचार्ज योगेंद्र चैधरी इस वारदात के खुलासे के लिए जुट गये। उन्होंने हैंड कांस्टेबल संजीव शर्मा, कांस्टेबल महेन्द्र सिंह, शिवकुमार त्यागी, विनीत के साथ मिलकर वारदात के 36 घंटे के अन्दर ही इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा कर दिया। खुलासा हुआ तो दो चोरों की फिल्मी कहानी सामने आयी। दिनदहाड़े हुई इस चोरी की घटना का मास्टरमाइंड दिव्यांग युवक निकला। पुलिस इन चोर दोस्तों तक सीसीटीवी फुटेज के जरिये पहुंची और इनके गायब होने से पहले ही इनको दबोच लिया गया।

चरथावल थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि पुलिस टीम ने प्लाईवु की दुकान में चोरी की घटना का सफल अनावरण करते हुए दो चोरों को काली नदी के पास से गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए चोरों ने अपने नाम उवेश पुत्र वाजिद व हामिद पुत्र शमशाद निवासी सरवट थाना सिविल लाईन बताया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से करीब 20 हजार की नकदी, एक पेंचकस, एक छोटी कुल्हाड़ी, 1 छैनी बरामद की। पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों का चालान कर जेल भेज दिया। इस जोड़ी पर पुलिस को भी विश्वास नहीं हो पा रहा था कि चोरी की वारदात में यह शामिल रहे हैं, लेकिन सीसीटीवी फुटेज उनके शातिराना अंदाज की चुगली कर रही थी।


चोरों की इस जोड़ी में दिव्यांग युवक मास्टरमाइंड निकला। यह चोरी की जगह और स्थान की तलाश करने में जुटा रहता था। दोनों पैरों से अपाहिज यह युवक अपने नामूछिया दोस्त को साथ लेकर ट्राईसाइकिल पर निकलता था। चोरी के लिए चुने गये शिकार की दिव्यांग पूरी रेकी करता और फिर वारदात का दिन तय किया जाता था। अपने दिव्यांग दोस्त के इशारे पर नामूछिया चोर वारदात को अंजाम देने में देर नहीं लगाता था। चोरी के दौरान दिव्यांग पूरी सतर्कता से नजर रखता और माल हाथ लगने के बाद दोनों वहां से निकल जाते थे। पुलिस की पूछताछ में इन दोनों दोस्तों ने चोरी की कई वारदातों को कबूल किया है।


चरथावल पुलिस द्वारा 36 घंटे के अंदर दिनदहाड़े दुकान में चोरी की घटना का खुलासा करने पर सीओ सदर कुलदीप सिंह सहित आला अधिकारियों ने चरथावल थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह और उनकी पुलिस टीम की सराहना की है। सीओ सदर कुलदीप सिंह ने कहा कि ऐसे अपराधियों को पकड़ने से चोरी की घटनाओं पर अवश्य अंकुश लगेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे चोरों पर समाज के लोगों को भी सतर्कता से निगाह रखनी चाहिए। उन्होंने दुकानदारों से सीसीटीवी कैमरे का प्रयोग करने पर जोर देते हुए कहा कि इससे हम इस तरह की वारदातों में शामिल अपराधियों तक अवश्य पहुंचने में सफल हो सकते हैं।

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