प्रेम-विवाह से नाराज़ परिजनों ने किया कत्ल तो अजय की पुलिस ने किया खुलासा

प्रेम-विवाह से नाराज़ परिजनों ने किया कत्ल तो अजय की पुलिस ने किया खुलासा

मैनपुरी एसपी मैनपुरी अजय कुमार ने थाना कोतवाली नगर इलाके में हुई ज्योति नामक महिला की हत्या में शामिल उसके परिजनों को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया है। पुलिस कप्तान अजय कुमार की कार्यशैली का ही नतीजा है कि अज्ञात में दर्ज मुकदमों को अपनी सूझबूझ से सुलझा लेते है। पिछले दिनों भी पुलिस कप्तान अजय कुमार ने अंजली के मर्डर का खुलासा किया था। इस हत्या कांड में वादी ने रंजिशन नामजदगी कर दी थी मगर उन्होंने पुलिस टीम को गहनता से जांच करने को कहा तो अंजली हत्या कांड का सही खुलासा करते हुए अभियुक्तों को जेल भेजते हुए नामजद बेगुनाह को इंसाफ देने का काम किया था।




उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में ज्योति मिश्रा पुत्री बृजेश कुमार मिश्रा, सर्वेन्द्र मिश्रा निवासी अंगोथा और रोहित यादव पुत्र राजकुमार निवासी बृजपुरा थाना कोतवाली मैनपुरी दोनो घर से भाग गये थे, जिसके सम्बंध में थाना कोतवाली पर मुकदमा अपराध संख्या 966कृ42018 धारा 363/366 भादवि पंजीकृत हुआ था, जिससे ज्योति ने कोर्ट में बयान दिया कि वह अपने घर वालों के साथ न जाकर अपने प्रेमी रोहित के साथ ही रहेगी तभी से दोनों को ही मारने की योजना बनाने लगे थे। परन्तु उस समय लोगों का शक लडकी के परिवार पर ही जाता इसलिए घर के बडे बुर्जगों ने लड़को को समझाा बुझा कर रोक दिया था, परन्तु लडको ने इस मामले को भविष्य के लिये टाल दिया था।

प्रेम-विवाह से नाराज़ परिजनों ने किया कत्ल तो अजय कुमार की पुलिस ने किया खुलासा

Khoji News द्वारा इस दिन पोस्ट की गई गुरुवार, 16 जुलाई 2020

इसी बीच ग्राम अंगोथा में तानाकशी तेज हो गयी थी। लोग जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर कमेंट करने लगे थे जोकि लडको को नागवार गुजरता था। जब घर लौटते मर्डर कर देने की बात करते थे परंतु घर के बडे यह कहकर रोकते थे कि, अब कुछ भी कर लो खोई हुई इज्जत वापस नही आयेगी। परंतु राघवेन्द्र ज्यादा ही नाराज रहने लगा था क्योंकि इस घटना के बाद उसकी शादी के लिये लोग आते तो परंतु सारी बातों की जानकारी होने पर रिश्ता नही करते थे। राघवेन्द्र को लगता था कि इसकी सारी जड ज्योति ही है। इसे खत्म करना होगा। इसके बाद वह अकेले ही एक बार ग्राम बृजपुरा भी गया जहां उसने ज्योति को वापस चलने के लिये धमकाया भी था और कहा था कि अगर अभी भी तुम्हें अक्ल नही आयी तो बाद में परिणाम भुगतोगी। लेकिन ज्योति उसके साथ वापस नही गई। उसके बाद राघवेन्द्र, गुलशन और रघुराई ने योजना तैयार की कि जिस दिन रोहित और ज्योति साथ मिलेंगे उनकी हत्या कर देंगे, और तीनों लोग तमंचे और कारतूस का इंतजाम तथा रैकी करने में लग गये। दिनांक 7 जुलाई 2020 की शाम को ज्योति और रोहित कोक मोटरसाइकिल से जाते हुए राघवेन्द्र ने देखा। राघवेन्द्र भागता हुआ घर पहुंचा और गुलशन और रघुराई से तैयार हो जाने के लिए कहा। तीनों ने दो तमंचा व 10 कारतूस लिये और पैदल ही जाकर बम्बा के पास, जहाॅ खराब रोड थी वहीं इंतजार करने लगे। जब ज्योति और रोहित वापस आते दिखे और मोटरसाइकिल की रफ्तार धीमी हुई तो ताबडतोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें ज्योति को 6 गोली लगी और रोहित को अपाहिज करने का था ताकि वह जीवन भर अपने किये की सजा भुगतता रहे और पछताता रहे। पर गोली घुटने पर लगने की बजाये पेट में लग गई। इसी बीच कुछ लोग घटना स्थल की तरफ आते दिखाई दिये जिस पर तीनों हत्यारे वहाॅ से भाग निकले और तमंचांे को झाडियों में फेंक दिया, ये लोग तेजी के साथ भागते हुए वहीं पास स्थिति गांव में अपने घर जा पहुंचे ताकि कोई शक ना कर सके। गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों से पुलिस ने एक तमंचा 315 बोर और 2 खोखा कारतूस, एक तमंचा 12 बोर व तीन खोखा कारतूस बरामद किये।

अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक भानु प्रताप सिंह, उपनिरीक्षक बलवीर सिंह, उपनिरीक्षक सोनवीर सिंह, प्रभारी स्वाट उपनिरीक्षक रामनरेश यादव, प्रभारी सर्विलांस उपनिरीक्षक जोगिन्द्र सिंह, कांस्टेबल मोहन सिंह, कांस्टेबल, रविन्द्र सिंह, कांस्टेबल अनिल तिवारी, कांस्टेबल रवी रावत, कांस्टेबल हरेन्द्र सिंह, कांस्टेबल धमेन्द्र सिंह, कांस्टेबल संदीप सिंह शामिल रहे। गिरफ्तार करने वाली टीम को एसपी अजय कुमार ने 20 हजार रूपये का नगद ईनाम देने की घोषणा की।

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