एडीजी एसएन साबत का मैनजमेंट, लखनऊ ज़ोन में नही हिला पत्ता भी

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लखनऊ डेढ़ सदी लम्बे अयोध्या केस के मुकदमे का फैसला सुप्रीम कोर्ट से आने के बाद पूरे भारत में साम्प्रदायिक सौहार्द्र है। अयोध्या मसले के लिए सबसे संवेदनशील रहने वाले लखनऊ जोन में एडीजी डाॅ. एस.एन. साबत के नेतृत्व में अयोध्या जनपद सहित जोन के सभी 11 जनपदों में बेहतर पुलिसिंग की गयी। कानून व्यवस्था को लेकर अपने मैनेजमेंट के लिए प्रसिद्ध आईपीएस एस.एन. साबत ने अयोध्या केस के इस पटाक्षेप के मामले में भी जिस प्रकार से जोन में शांति बहाली के लिए काम किया है, वह सराहनीय है।





पहली बार अयोध्या प्रकरण भारत में साम्प्रदायिक सौहार्द्र का कारण बना है।


शांति और कानून व्यवस्था के पैमाने पर इस फैसले को देखा जाये तो अपने विवाद के जन्म से लेकर आज नौ नवम्बर 2019 तक पहली बार अयोध्या प्रकरण भारत में साम्प्रदायिक सौहार्द्र का कारण बना है। इसके लिए शासन और प्रशासन की भूमिका भी सराहनीय रही है। जिस प्रकार से इस फैसले के लिए लखनऊ से लेकर जिला और ब्लाॅक लेविल पर पुलस प्रशासन के अफसरों ने जनता के बीच रहकर काम किया है, वह अतुल्नीय रहा है। लखनऊ जोन में पुलिस व्यवस्था अभूतपूर्व रही। इसी जोन में अयोध्या जनपद के होने के कारण हमेशा से ही लखनऊ इससे पूरी तरह प्रभावित रहा है, लेकिन एडीजी जोन लखनऊ आईपीएस डाॅ. एस.एन. साबत के नेतृत्व में यहां पर 'मोटिवेटिव पुलिसिंग' का गजब प्रदर्शन किया गया। इसमें जनता को साथ लेकर पुलिस ने कदमताल की तो साम्प्रदायिक सौहार्द्र के तराने के बीच तनाव कहीं नजर नहीं आया।






एडीजी एसएन साबत को ब्यूरोक्रेसी में एक साहित्यिक आईपीएस के रूप में पहचाना जाता है


एडीजी एसएन साबत को ब्यूरोक्रेसी में एक साहित्यिक आईपीएस के रूप में पहचाना जाता है। उनकी अंग्रेजी और हिन्दी साहित्यिक की पुस्तकों के लिए देश विदेश से भी सम्मान मिल चुका है। इसके साथ ही उनकी पहचान एक पाॅजीटिव मैनेजमेंट में माहिर अफसर के रूप में भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वकांक्षा के अनुरूप ऐतिहासिक स्तर पर कुम्भ मेला इलाहाबाद में कानून और व्यवस्था की कमान बखूबी संभालने वाले एडीजी एसएन साबत को इसका भरपूर ईनाम मिला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनको लखनऊ जोन की जिम्मेदारी सौंपकर सौगात देने का काम किया।





कुम्भ में कानून व्यवस्था को मजबूत रखा वह प्रशंसनीय रहा


उत्कृष्ट कार्यशैली और हर विषय पर मजबूत पकड़ रखने वाले 1990 बैच के आईपीएस अफसर एस एन साबत ने जिस प्रकार से कुम्भ में कानून व्यवस्था को मजबूत रखा वह प्रशंसनीय रहा। प्रयागराज में सकुशल सम्पन्न हुए विश्वप्रसिद्ध कुम्भ मेले में उनकी व्यवस्था को न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुक्त कंठ से सराहा था, बल्कि उनकी व्यवस्था को पूरे देश में बहुत सराहना प्राप्त हुई थी। विदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं को भी कुम्भ मेले में ऐसे सुरक्षा बंदोबस्त मिले जो अभूतपूर्व रहे। कुम्भ मेला-2019 को एक ऐतिहासिक सफलता के साथ सम्पन्न कराने वाले आईपीएस डा. एसएन साबत ने लखनऊ जोन का जिम्मा संभालने के साथ ही उत्कृष्ट कार्यशैली से बेहतर पुलिसिंग की। उन्होंने लखनऊ में सबसे 'हाइपर सेंसेटिव इवेंट' माने जाने वाले मोहर्रम को घटना रहित सम्पन्न कराने में कामयाबी हासिल की। इसके बाद दुर्गा पूजा और दशहरा का पर्व भी शांति सद्भाव से निपटाये। अब अयोध्या के फैसले को लेकर भी उन्होंने जोन के सभी 11 जिलों में अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था के साथ साथ शांति कायम कराने में सफलता अर्जित की। उन्होंने लखनऊ के साथ ही अन्य जनपदों में पहुंचकर पैदल भ्रमण करते हुए जहां फोर्स का मनोबल बढ़ाने का काम किया, वहीं लोगों में भी कानून व्यवस्था के प्रति एक विश्वास जागृत किया।


माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद अयोध्या मामले का ऐतिहासिक समापन हुआ


लखनऊ जोन के एडीजी आईपीएस सत्य नारायण साबत कहते हैं, कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद अयोध्या मामले का ऐतिहासिक समापन हुआ, यह हर जगह शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए बहुत आवश्यक है। अब, कुछ घंटों के शांतिपूर्ण समापन के बाद, हम उम्मीद करते हैं कि लोगों का सामान्य मूड शीर्ष अदालत के फैसले का पालन करना और उसका सम्मान करना है। अयोध्या, हमारे लखनऊ एडीजी जोन क्षेत्र में होने के नाते, यह प्रकरण पूरे उत्तर प्रदेश के साथ ही इस क्षेत्र के सभी 11 जिलों को सर्वाधिक रूप से प्रभावित करता है, लेकिन, हमारे सभी अधिकारी और जनता शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक जबरदस्त काम लगातार किया है। हम सभी धार्मिक स्थानों, आंदोलनों, सड़क, रेलवे और वायु पर सतर्क नजर के साथ, बलों, सिविल, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के साथ लगातार गश्त किया है। हमने सभी समुदायों के धार्मिक नेताओं के साथ बातचीत की है। सोशल मीडिया पर देखा जा रहा है और अफवाह फैलाने और भड़काऊ पोस्टों पर कार्रवाई की जा रही है। बारा वफात कल है, 12 नवंबर को गुरु नानक 550 जयंती है, इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा होने के कारण गंगा स्नान का पर्व है, इस गंगा स्नान के लिए पारंपरिक रूप से अयोध्या में भक्तों की एक विशाल मंडली सरयू तट पर जमा होती है। ऐसे में कई चुनौतियां हमारे सामने हैं, लेकिन जिस प्रकार से लोगों ने अयोध्या केस के इस फैसले को दिल खोलकर स्वीकार किया है, हम यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि हम इन सभी त्यौहारों, पर्वों और आयोजनों के शांतिपूर्ण संपन्न होने की उम्मीद कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन को जनसामान्य से उसके सकारात्मक समर्थन की आवश्यकता है।

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