एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार के 50 डेज एक्टिव मोड़ में यूपी पुलिस

एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार के 50 डेज एक्टिव मोड़ में यूपी पुलिस

एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार के 50 डेज
एक्टिव मोड़ में यूपी पुलिस
आनंद कुमार के चार्ज संभालने के बाद दर्जनों इनामी बदमाशों का पुलिस की Bullet ने किया इस्तकबाल, सैकड़ो इनामी बदमाश बड़े घर को रवाना
इनामी बदमाशों का एनकाउंटर कर लगाया मौत का सिक्सर
शामली में तीन आजमगढ़ में दो मुजफ्फरनगर में एक कुख्यात बदमाश पुलिस ने पहुंचाया यमलोक
गौरतलब है कि पिछले एक दशक से उत्तर प्रदेश में मानवाधिकार आयोग और मीडिया ट्रायल के चलते पुलिस ने बदमाशों का एनकाउंटर करने से हाथ उठा लिए थे । पुलिस के एनकाउंटर नहीं करने से खाकी का इकबाल कमजोर पड़ा और इसका नतीजा निकला कि आमने-सामने की मुठभेड़ में पुलिस तो बचाव की मुद्रा में दिखाई दी पड़ती थी और बदमाश पुलिस के सीने पर गोली मारने की तैयारी में रहते थे सरसावा में सीओ के हमराह की हत्या मुकीम काला गैंग द्वारा की गई हो या विभिन्न ऐसी घटनाएं हुई जिसमें पुलिसकर्मियों को अपराधियों से मुठभेड़ करते समय शहादत हासिल हुई है इसकी वजह भी थी पुलिस अपनी जान पर खेलकर अपराधियों को घेरने की कोशिश करती थी और अगर गोली बदमाशों के पैर में न लग कर सीने पर लगती थी तो एनकाउंटर में शामिल इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक की जांच होती थी और जांच का सामना करते करते कई साल बीत जाते थे बड़े अफसरों का सपोर्ट न मिलना भी इसका एक बड़ा कारण था अब जब उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व भाजपा सरकार वजूद में आई तो अपने संकल्प पत्र में कानून व्यवस्था का मुद्दा शामिल करने वाली भाजपा के सामने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना बड़ी चुनौती था ऐसे में लगभग 50 दिन पहले सरकार ने एडीजीपी कानून व्यवस्था का जिम्मा IPS आनंद कुमार को सौंपा तो उन्होंने पुलिस को अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाने का आदेश दिया उनके छोटे से कार्यकाल में कई इनामी बदमाश जेल की सलाखों के पीछे पहुंचे तो एक बांग्लादेशी आतंकवादी अब्दुल्लाऔर बब्बर खालसा के दो आतंकवादी भी एटीएस यूपी ने ने पकड़े एटीएस चीफ की जिम्मेदारी भी आनंद कुमार के पास ही है 6 जुलाई को आनद कुमार ने एडीजीपी लॉ एन्ड ऑर्डर का चार्ज संभाला और 26 अगस्त को 50 दिन हो गये है इन 50 दिनों में आनंद कुमार के चार्ज संभालने के बाद पुलिस के गुडवर्क में तेजी आ गयी है लगभग सभी जिलों की पुलिस बदमाशो के खिलाफ सख्ती से काम कर रही है यही कारण है कि करोड़ो की फिरौती के लिए इन दिनों अपहरण हुए जिन्हें पुलिस ने मुठभेड़ के बाद सकुशल बरामद कर लिया झांसी के सर्राफा व्यापारी दो भाइयों का 25 करोड़ की फिरौती के लिए अपहरण किया गया जिसको एसटीएफ ओर पुलिस ने मिलकर आगरा से सकुशल बरामद करते हुए गुडवर्क किया तथा बदमाशो को जेल भेजा। इसी तरह डॉ श्रीकांत गौड़ जिसको बदमाशो ने 5 करोड़ की फिरौती के लिए अपहरण कर लिया था उसको भी यूपी एसटीएफ ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर मेरठ से बरामद कर अपहरण कर्ता को गिरफ्तार कर लिया था इतनी बड़ी फिरौती के लिए किए गए अपहृत को सकुशल बरामद करना अपने आप मे बड़ी बात है इसी अपहरण को अंजाम देने वाले दो भाइयों को जिन पर 50 50 हजार का इनाम था उनकी भी गिरफ्तारी आनंद कुमार के कार्यकाल में ही कि गयी है।
शामली , आजमगढ़, शामली, मुजफ्फरनगर और फिर आजमगढ़
गौरतलब है कि अभी तक पुलिस बदमाश से हुई मुठभेड़ में आत्मरक्षार्थ फायरिंग कर रही थी लेकिन अब आमने-सामने की मुठभेड़ में पुलिस कुख्यात बदमाश से डटकर लोहा ले रही है सबसे पहले शामली के पुलिस कप्तान डाक्टर अजयपाल शर्मा ने 50000 के इनामी नौशाद डेनी और उसके साथी सरवर को सीधी मुठभेड़ में मार गिराया इस मुठभेड़ के बाद पुलिस की खूब तारीफ हुई यहां तक की शामली जनपद के व्यापारियों ने डॉक्टर अजय पाल शर्मा और उनकी टीम को सम्मानित किया इसके बाद आजमगढ़ के पुलिस कप्तान अजय साहनी की टीम ने 15000 के नामी जय हिंद यादव को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। इसके तुरंत बाद ही शामली एसपी डॉक्टर अजय पाल शर्मा ने फिर रंगदारी के लिए मशहूर हो चुके कैराना कस्बे में एक इनामी बदमाश इकराम का एनकाउंटर किया। चार बदमाशों का एनकाउंटर होने के बाद मुजफ्फरनगर के एसएसपी अनंत देव तिवारी जिन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाता है की टीम का भी मीरापुर क्षेत्र के नगला खेपड गांव में 50000 के इनामी नितिन से मुकाबला हुआ तो अनंत देव तिवारी की टीम ने नितिन को यमलोक का रास्ता दिखा दिया । कुख्यात अपराधियों से त्रस्त आम जनता किस कदर एनकॉउंटर में अपराधियों के मारे जाने से खुश है इसका उदाहरण नगला खेपड गांव में देखने को मिला । एनकाउंटर के बाद सूचना मिलने पर जब एसएसपी अनंत देव तिवारी घटनास्थल पर पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें कंधे पर उठा लिया और पुलिस जिंदाबाद के नारे लगाए मुजफ्फरनगर एनकाउंटर को अभी 2 दिन भी नहीं बीते थे कि पुलिस कस्टडी से फरार 50000 का इनामी बदमाश सुजीत उर्फ बुढ़वा को आजमगढ़ के पुलिस कप्तान अजय साहनी की टीम ने मुबारकपुर थाना इलाके में सीधी मुठभेड़ में मार गिराया वह पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था
लगातार एनकाउंटर से पुलिस की वाहवाही
2007 में मायावती के नेतृत्व वाली सरकार रही हो या 2012 में अखिलेश यादव के कार्यकाल की सरकार दोनों ही सरकारें कानून व्यवस्था के नाम पर अगली बार लौटकर नहीं आई इसीलिए भाजपा ने कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाया था और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तेजतर्रार अफसरों को फील्ड की तैनाती थी उसका रिजल्ट आना शुरू हो गया है जो पुलिस बदमाशों से मुठभेड़ में बैकफुट पर रहकर फायरिंग करती थी इस मकसद से की कहीं बदमाश को गोली ना लग जाए इसकी वजह थी एनकाउंटर के बाद जांच को कौन झेलेगा इसी उधेड़बुन में रहने वाले कई पुलिसकर्मियों को मुठभेड़ में शहादत देनी पड़ी लेकिन आनंद कुमार के चार्ज संभालने के बाद UP पुलिस फ्रंट फुट पर खेल रही है जिस कारण लगातार मुठभेड़ के बाद या तो बदमाश बड़े घर की तरफ जा रहे हैं या फिर दुनिया से अलविदा कर रहे हैं जिसका नतीजा है कि उत्तर प्रदेश में खाकी का इकबाल बुलंद होने लगा है बदमाश उत्तर प्रदेश छोड़ने की फिराक में घूम रहे हैं लगभग दो दशक बाद बदमाशों में पुलिस की दहशत साफ़ दिखाई पड़ रही है इन एनकाउंटर से हमेशा पुलिस पर इल्ज़ाम लगाने वाली आम जनता भी बड़ी खुश है क्योंकि एनकाउंटर बंद रहने के दौरान कुख्यात अपराधियों ने जिस तरह आम जनता से रंगदारी मांगी व्यापारियों की हत्या की गई उससे आम जनता भी पीड़ित थी वैसे यूपी में फिलहाल खाकी का इक़बाल बुलंद है पिछले दिनों बिजनौर पुलिस कप्तान के नेतृत्व में थाना मंडावर के गांव बालावाली में 15000 के इनामी आफताब पुत्र ईसा निवासी नहटोर जनपद बिजनौर से पुलिस का आमने-सामने का मुकाबला हुआ गौरतलब है कि इसी थाना इलाके में पिछले दिनों सब इंस्पेक्टर शहजोर मलिक की 6 जून को अज्ञात बदमाशों ने हत्या कर दी थी तब से मंडावर इलाके की पुलिस बेहद सतर्क थी हालांकि जब मंडावर पुलिस का सामना 15000 के इनामी बदमाश से हुआ तो उसने पुलिस पर जान से मारने की नीयत से सीधा हमला किया जिसमें मंडावार थानाध्यक्ष जसवीर सिंह गोली लगने से घायल हो गए इस रियल एनकाउंटर में आफताब भी पुलिस की Bullet से घायल हो गया इनामी बदमाशो को पकड़ने का सिलसिला लगातार जारी है थाना खतौली पुलिस तथा क्राइम ब्रांच की टीम ने मुखबिर की सूचना पर गंग नहर पुल पर मोटरसाइकिल पर सवार होकर जा रहे दो बदमाशों की घेराबंदी की। बदमाशों ने समर्पण करने के बजाए पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग करते हुए एक बदमाश को धर दबोचा, जबकि उसका दूसरा साथी फरार होने में कामयाब हो गया। पुलिस की फायरिंग में पकड़े गए बदमाश के पैरों में गोली भी लगी। पूछताछ के दौरान पकड़े गए बदमाश ने अपना नाम मोनू पुत्र श्याम सिंह निवासी ग्राम नंगली साधु थाना दौराला जनपद मेरठ बताया। पुलिस के अनुसार पकड़े गए बदमाश पर ₹12000 का इनाम घोषित है । एडीजीपी आंनद कुमार प्रदेश भर की पुलिस को एक्टिव मोड़ में किये हुए है।यही वजह है कि पुलिस इनामी बदमाशो को जेल भेजने में लगी है। सहारनपुर के एसएसपी बबलू कुमार की टीम ने 12 हजार के इनामी सगीर को बिहारीगढ़ इलाके से तो देवबंद पुलिस ने 17 सालों से फरार 12 हजार के इनामी मांगा को गिरफ्तार किया।
आज़मगढ़ एसपी अजय साहनी की टीम ने दिल्ली से एक लाख के इनामी बदमाश सागर को सीधी मुठभेड़ में गोली मारते हुए गिरफ्तार किया इस मुठभेड़ में खुद एसपी अजय साहनी को गोली लग गयी लेकिन बुलेटप्रूफ जैकेट पहनने से वो घायल नही हुए। आगरा पुलिस ने 5 हजार के इनामी केवल को तो गाज़ियाबाद की इंदिरापुरम पुलिस ने 5 हजार के इनामी शोएब व साहिबाबाद पुलिस ने 5 5 हजार के इनामी पवन ओर सनजय को,बुलंदशहर में हत्या और लूट में वांछित 5 हजार के इनामी बबलू को बागपत के बालोनी पुलिस ने पांच हजारी आदेश को उसके दो साथियों सहित तो एटा जनपद की पुलिस ने ढाई हजार के इनामी आशु को ओर 15 हजार के इनामी इमरान उर्फ लंबू को फिरोजाबाद पुलिस ने मेरठ के खरखोदा थाने ने 5 हजार के इनामी अशफ़ाक़ मेरठ के सदर बाजार पुलिस ने 5 हजार के इनामी शहज़ाद को पकड़ कर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया।
फेयर काम कर रही है पुलिस
उत्तर प्रदेश एटीएस ने अपने चीफ ओर एडीजीपी कानून व्यवस्था आनंद कुमार और एटीएस आईजी असीम अरुण के निर्देशन में मुज़फ्फरनगर के कुटेसरा गांव से बांग्लादेशी युवक अब्दुल्ला को पकड़ा था। वह बांग्लादेशी आंतकी संगठन का सदस्य है ओर फर्जी पासपोर्ट ओर अन्य दस्तावेजो को बनवाकर आतंकी गतिविधियों में लिप्त था। एटीएस ने इस को पकड़ने के बाद उसके सम्पर्क में रहने वाले मदरसे में पढ़ने वाले देवबंद के तीन ओर शामली के जलालाबाद से दो युवकों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की पुलिस को शक था कि यह युवक अब्दुल्ला की आतंकी गतिविधियों में लिप्त है। पुलिस ने इन कश्मीरी युवकों से गहनता से पूछताछ की लेकिन उनका अब्दुला की किसी गतिविधियों में साथ नही पाया गया तब पुलिस ने मदरसा संचालकों को इन बेकसूर युवकों को सौंप दिया।
एटीएस की निष्पक्ष जांच की सराहना
अब तक जिस भी दल की सरकार रही उसमे आतंकी घटनाओं में बेकसूर लोगो को जेल भेजने के आरोप लगते रहे है। ऐसे में जब यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार है तो इन युवकों के परिजनों और शुभचिंतकों को लगा कि अब यह पांचों युवक आतंकी बनकर बेकसूर होते हुए भी जेल चले जायेंगे। लेकिन जब इन मदरसों के संचालकों के पास पुलिस का फोन आया कि आपके मदरसे में पढ़ने वाले बच्चे पुलिस जांच में बेकसूर पाए गए है इसलिए आप इन्हें अपनी सुपुर्दगी में ले जाए जैसे है पुलिस ने यह सूचना दी तो किसी को विश्वास ही नही हुआ कि भाजपा सरकार में किसी मुस्लिम को आतंकी मामले में पुलिस ने उठाया हो और बेकसूर पाए जाने पँर छोड़ दिया गया हो।

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