मुज़फ्फरनगर के बरला गाँव के धार्मिक स्थल पर मांस मिलने पर फिर एस 10 की टीम ने संभाला मोर्चा

मुज़फ्फरनगर के बरला गाँव के धार्मिक स्थल पर मांस मिलने पर फिर एस 10 की टीम ने संभाला मोर्चा
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मुज़फ्फरनगर के बरला गाँव के धार्मिक स्थल पर मांस मिलने पर फिर एस 10 की टीम ने संभाला मोर्चा ओर आपसी सदभाव रहा कायम,
एस 10 टीम का आज फिर गुडवर्क
एसएसपी ने जल्द मामले का खुलासे करने का दिया
गौरतलब है कि बकरीद के त्यौहार के मद्देनजर मुज़फ्फरनगर के एसएसपी अनंन्तदेव ने पुलिस को चौकसी बरतने के निर्देश दिए थे। आज जब लोग बकरीद के पर्व को मनाने में लगे हुए थे तभी मुज़फ्फरनगर मुख्यालय से लगभग 17 किमी दूर थाना छपार के गांव बरला के प्राचीन शिव मंदिर में किसी ने मांस का टुकड़ा मिलने की सूचना दी। इस पर ग्रामीण वहां पहुंचे तब तक पुलिस भी वहां पहुंच चुकी थी । जिस पर नागरिकों ने वहां हल्ला काटना शुरू कर दिया जिससे माहौल गरमा गया तब तक sdm सदर शीतल प्रसाद गुप्ता co सदर योगेंद्र सिंह भी पहुंच गए थे । इसके बाद एसएसपी अनन्त देव द्वारा गठित एस 10 से जुड़े दोनों समुदाय के सदस्य सतवीर त्यागी, राकेश आडवाणी, अरविंद आदि तथा दूसरी तरफ से तस्लीम महफूज़ खुर्शीद भी पहंच गए और इन सब ने मिलकर तय किया कि यह किसी शरारती तत्व की करतूत है इसलिए गांव में साम्प्रदायीक सदभाव कायम रहना चाहिए और पुलिस से उम्मीद जताई कि वह शीघ्र इसका खुलासा करेगी। पुलिस के आला अफसरों व पुरकाजी विधायक प्रमोद ऊंटवाल के भरोसे के बाद सभी लोग वापस लौट गए।

जब बिगड़े हालात को एस 10 ने किया काबू

इस घटना के बाद गर्माएं माहौल को शांत करने में आज फिर एसएसपी अनन्त देव द्वारा गठित साम्प्रदायिक सदभाव कायम करने में कई मामलों में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली एस 10 की टीम ने भी आज सराहनीय कार्य किया है। जिसकी बरला के ग्रामीणों ने भी तारीफ की है।

जब कवाल में फिर होते बचा बवाल

गौरतलब है कि वर्ष 2013 के दंगों की शुरुआत मुज़फ्फरनगर के कवाल गांव से हुई थी । इसी वजह से इस गांव को बेहद संवेदनशील माना जाता है । विगत दिवस जानसठ थाना इलाके के इसी गांव में दो लड़कों ने सोशल मीडिया फोबिया के चलते एक आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया। जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ तो कुछ लीगो ने इसकी सूचना इंस्पेक्टर जानसठ कमल सिंह चौहान को दी। इस सूचना पर कोतवाल तुरंत सक्रिय हो गए और गांव के सम्मनित ओर एस 10 से जुड़े लोगो से सम्पर्क किया । मामले की गंभीरता को जानते हुए और इंस्पेक्टर जानसठ कमल चौहान की सूझ बूझ ओर एस 10 से जुड़े लोगों के तुरंत सक्रिय होने से मामले की सही जानकारी सामने आई और कवाल के प्रधानपति इस्लाम ओर उनके समाज के लोगो ने आगे आकर आरोपी युवकों शाकिब पुत्र सत्तार व बिलाल पुत्र सलीम को पुलिस की हिरासत में दे दिया जिस कारण गांव में तनाव नही हो पाया।

एस 10 के लोगो ने ज़िम्मेदारी निभाई ककरौली गांव में बड़ा बवाल टला

दरअसल कई महीने पहले ककरौली गांव का सईद उम्र 55 साल तरावीह की नमाज पढ़कर अपने घर लौट रहा था तभी शुक्रताल की तरफ से आ रही बिसहाड़ा नोएडा के ग्रमीणो से भरी एक ट्राली की चपेट में आकर सईद की मौत हो गयी । चूंकि नमाज पढ़कर लोग लौट रहे थे इसलिए तुरंत मजमा एकत्र हो गया ट्राली में दूसरे समुदाय के लोगो को देखकर कुछ लोगो ने माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की लेकिन तब तक सीओ भोपा अकील अहमद थानाध्यक्ष अनिल कुमार ककरौली के दरोगा विजय त्यागी मौके पर पहुंच चुके थे उन्होंने 100 डॉयल ओर अपनी जीप में भरकर ट्राली में सवार लोगों को थाने पहुंचाया और एस 10 से जुड़े लोगों को सूचना दी इसके तुरंत बाद एसएसपी के पब्लिक टीम के सतीश आमिल प्रधान, शुऐब रजी, सैदा हसन आदि सक्रिय हो गए और उन्होंने ग्रमीणो को समझाया कि यह मात्र दुर्घटना है इसे दूसरा रूप नही देना चाहिए । अपने ग्राम प्रधान , पूर्व प्रधान ओर ज़िम्मेदार लोगो ओर सीओ अकील अहमद एसओ अनिल कुमार के समझाने पर ग्रामीण मान गए। इसके साथ ही एक बड़ा बवाल सूझ बूझ से टल गया

मंसूरपुर में जब नही हुआ बवाल

रमजान के महीना था मंसूरपुर गांव में दो अलग अलग सम्प्रदाय के दो लोगो के बीच लेनदेन को लेकर विवाद था एक व्यक्ति ने नमाज पढ़कर लौट रहे एक आदमी से विवाद के बाद फायरिंग कर दी तो कुछ लोगो ने इसे साम्प्रदायिक रूप देना चाहा लेकिन एस 10 की टीम के लोगो ने पुलिस और ग्रामीणों को सच्चाई बताई जिसके बाद इस घटना का साम्प्रदायिक करण नही हो पाया और दोनों पक्षो की गलती पाते हुए मुकदमा दर्ज हुआ और गांव मंसूरपुर में आपसी सदभाव कायम हो पाया था।

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