ADG प्रशांत का प्रहार-61 CRIMINALS को HELL तो 3885 को पहुंचाया JAIL

ADG प्रशांत का प्रहार-61 CRIMINALS को HELL तो 3885 को पहुंचाया JAIL

मेरठ। देश के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश के पश्चिम में स्थित मेरठ जोन में अपर पुलिस महानिदेशक का पद संभाल रहे आईपीएस प्रशांत कुमार ने बदमाशों को बदहवास करने में कोई भी कसर बाकी नहीं छोड़ी है। नये साल 2020 में 23 दिनों के अंतराल में ही एडीजी प्रशांत की पुलिस ने 2 बड़े ईनामिया बदमाशों का सफाया कर दिया। 26 जनवरी को एक लाख का ईनामी चांद तो 18 फरवरी को दो लाख के ईनाम वाले शक्ति के आतंक को समाप्त किया। अपने कार्यकाल में एडीजी का औसत 15 दिन में एक अपराधी का खात्मा रहा है और इसे वह लगातार बेहतर बनाने में सफल नजर आते हैं। एडीजी प्रशांत कुमार मेरठ जोन में अपने कार्यकाल में 61 क्रिमिनलों को 'हेल' तो 3885 बदमाशों को 'जेल' पहुंचा चुके हैं।

मेरठ जोन में सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार के अब तक के कार्यकाल में बदमाशों के खिलाफ बड़ी मुहिम चलायी गयी। जोन के नौ जनपदों में बदमाशों को बदहवास करने में आईपीएस प्रशांत कुमार के अभियान कारगर रहे। इस सरकार में 20 मार्च 2017 से 18 फरवरी 2020 तक बदमाशों के खिलाफ मेरठ जोन में 2115 पुलिस कार्यवाही की गयी। इन कार्यवाही के दौरान नौ जनपदों से 3885 बदमाशों और अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 1265 अपराधी पुलिस कार्यवाही के दौरान गोली लगने से घायल हुए। वहीं 62 बदमाशों को पुलिस मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। पुलिस के साथ आमना-सामना होने पर खाकी भी जौहर दिखाने से कभी पीछे नहीं हटी और कई मुठभेड़ में खुद एडीजी प्रशांत कुमार पुलिस का मनोबल बढ़ाने के लिए शामिल रहे। मेरठ जोन में जिन बदमाशों को गिरफ्तार किया गया, उनमें से 912 पर अलग अलग राशि के तहत पुलिस की ओर से ईनाम घोषित रहा।

एडीजी प्रशांत कुमार की पुलिस क्रिमिनलों की कमर तोड़ने का काम कर रही है। जिससे पूरे जोन में बदमाश अपराध से तौबा करते नजर आ रहे है। आईपीएस प्रशांत कुमार से पहले आईपीएस आंनन्द कुमार को सूबे के कानून एवं व्यवस्था पर कार्यरत भेजा गया था उनकी जगह तेजतर्रार आईपीएस प्रशांत कुमार को 15 अगस्त 2017 को मेरठ जोन के एडीजी के रूप में भेजा गया। एडीजी प्रशांत कुमार पर मेरठ जोन की कमान संभालने के बाद कानून एवं व्यवस्था की बड़ी चुनौती थी। जिसको एडीजी प्रशांत ने चुनौती मानते हुए कानून एवं व्यवस्था को कायम करने में सक्षम रहे। एडीजी प्रशांत की पुलिस ने मुठभेड़ में 61 अपराधियों को हेल एक्सप्रेस में सवार कर दिया। एडीजी प्रशांत की पुलिस ने 2017 में 17 बदमाशों को अपराध की दुनिया के साथ ही ये जहां भी छोड़ने के लिए विवश कर दिया, यह सिलसिला यहीं नहीं रूका, बल्कि पुलिस ने एग्रीसिव पुलिसिंग के सहारे इसे बढ़ाते हुए 2018 में हुई मुठभेड़ों में 22 बदमाशों को यमलोक पहुंचाया तो वहीं साल 2019 में 20 बदमाशों का अंत किया तो 2020 का गणतंत्र दिवस भी नये अंदाज में मनाते हुए कुख्यात लखटकिया बदमाश चांद को अपराध की दुनिया से ओझल कर दिया और इसके बाद दो लाख के ईनामी बदमाश शक्ति नायडू को हेल एक्सप्रेस में सवार कर दिया। पुलिस ने जिन 61 अपराधियों को आमना-सामना होने पर यमलोक पहुंचाया, उनमें 10 लखटकिया इनामी बदमाश शामिल रहे। मेरठ जोन में मारे गये बदमाशों में यूं तो कई बड़े नाम हैं, लेकिन एडीजी प्रशांत कुमार की बड़ी उपलब्धियों में लखटकिया बदमाश सबसे ऊपर रहे। इनमें सबसे बड़ी उपलब्धि हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश यानि तीन राज्यों की पुलिस का सिरदर्द कुख्यात बलराज भाटी का एनकाउंटर रहा। बलराज पर तीन राज्यों से ढाई लाख का ईनाम घोषित था। इसके बाद बड़े बदमाशों में एडीजी प्रशांत की पुलिस ने हाल ही में दो लाख के ईनामी कुख्यात अपराधी शक्ति नायडू का अंत किया। डेढ़ लाख के इनामिया कुख्यात लुटेरे चांद मौहम्मद का सफाया पुलिस इससे पहले कर चुकी हैं, जोकि इनामी बदमाशों के लिहाज से तीसरा बड़ा नाम था। जबकि आईपीएस प्रशांत कुमार के एडीजी मेरठ जोन के पद पर मौजूदा कार्यकाल की बड़ी चुनौती की बात करें तो दरोगा का कत्ल कर पुलिस हिरासत से फरार एक लाख के ईनामी बदमाश रोहित सांडू और उसके साथियों का एनकाउंटर उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखी जाती है। एडीजी प्रशांत कुमार के कार्यकाल में बलराज भाटी व शक्ति सहित 10 बदमाश एक लाख के इनामी थे, जो अपराध की दुनिया में दहशत का पर्याय बने रहे। इसके साथ ही 27 ऐसे बदमाशों का एनकाउंटर कर खात्मा किया गया, जिन पर पुलिस ने 50-50 हजार का इनाम तय किया था। वहीं 25-25 हजार के घोषित ईनाम वाले 11 बदमाश, 15-15 हजार की ईनामी राशि वाले 4 बदमाश और 12-12 हजार के 3 तथा 5-5 हजार की ईनामी राशि वाले 2 बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर किया गया।

एडीजी प्रशांत कुमार के कार्यकाल में मेरठ जोन में कुल 29.31 लाख रुपये की ईनामी रकम वाले 61 बदमाशों के खात्मे ने सरकार का इकबाल बुलन्द किया और आज भी मेरठ जोन में आईपीएस प्रशांत की पुलिस जौहर दिखाने में कमतर साबित नहीं हो रही। एडीजी के रूप में पहले ही ऑपरेशन से आईपीएस प्रशांत कुमार उत्तर प्रदेश में चले अपराध उन्मूलन अभियान में अव्वल पायदान पर खड़े नजर आ रहे हैं। आज तक भी उत्तर प्रदेश के दूसरे जोन मेरठ जोन को बदमाशों के खिलाफ चली मुहिम में पछाड़ नहीं पाये। आईपीएस प्रशांत कुमार के कार्यकाल में मेरठ जोन में खौफ का व्यापार करने वाले बदमाशों के अंदर खाकी की ऐसी दहशत पैदा हुई कि वह अपराध के रास्तों को छोड़कर थानों में जाकर अपराध न करने की कसमें खाते नजर आने लगे। एडीजी प्रशांत कुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'गोली मारोगो तो गोली खाओगे' के फार्मूले को लागू कर अपराध की दुनिया के सहारे समाज में दहशत फैलाने वालों को ही खाकी के जौहर से भयभीत करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी, इसलिए ही आज मेरठ जोन को अपराधियों की कब्रगाह कहा जाता है।''

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