बीट पुलिस कांस्टेबल की व्यवस्था कानून व्यवस्था में सबसे महत्वपूर्ण :अमित शाह

बीट पुलिस कांस्टेबल की व्यवस्था कानून व्यवस्था में सबसे महत्वपूर्ण :अमित शाहThe Union Home Minister, Amit Shah launching the ERSS-112 helpline, in Chandigarh on September 20, 2019. The Governor of Punjab and Administrator, UT, Chandigarh, V.P. Singh Badnore, the Chief Minister of Haryana, Manohar Lal, the Union Home Secretary Ajay Kumar Bhalla and other dignitaries are also seen.
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा देश में पहली एकीकृत एमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ERSS), ई- बीट बुक (E- Beat Book) व ई-साथी (E-SAATHI) एप का लोकार्पण


केंद्रीय गृह मंत्री ने एकीकृत डायल 112 को संभव बनाने के लिए चण्डीगढ पुलिस को बधाई दी


चंडीगढ़ । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में पहली एकीकृत ERSS, E-Beat Book, E-SAATHI App का लोकार्पण किया जिससे अब चण्डीगढ में आम नागरिक को आपातकाल में सहायता के लिये अलग – अलग नम्बर याद रखने की आवश्यकता नहीं होगी | इसके लिए नयी सेवा एमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम डायल 112 पर सभी तरह की सहायता आम जनता के लिए उपलब्ध करवाई जाएगी |


महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निर्भया फंड के अंतर्गत इस तरह के एप को जनता के लिए उपलब्ध कराया ताकि महिलाओं और बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों मे कमी लाई जा सके और इसी के अंतर्गत सैक्टर – 9 स्थित चण्डीगढ पुलिस मुख्यालय में 112 कामन कंट्रोल रूम से पहले से चालित, डायल न. 100 (पुलिस), 101 (दमकल) व 108 (स्वास्थ्य) सेवाओं को जोड दिया गया हैं | जिसके लिए पुलिस कंट्रोल रूम में इन सभी हेल्प लाइन के कर्मचारियों का अलग-अलग डेस्क बनाया गया है, डिस्पैचर यहीं बैठकर अपने-अपने विभाग के काल डिस्पैचर के जरिए निकटतम उपलब्ध पी सी आर / एंबुलेंस / फायर टेंडर को सूचित करेंगे | इसमें कंट्रोल रूम मेन काल डाइवर्ट करने की सुविधा भी होगी| जब तक आम जनता इस आपातकालीन सेवा डायल 112 के बारे में पूरी तरह से जागरुक नही हो जाती तब तक पुराने आपातकालीन सेवा 100, 101, 108 भी चालू रखें जाएगें | भविष्य में अन्य सभी आपातकालीन सेवाओं जैसे कि यातायात (1073) महिला हैल्प लाईन ( 1091, 181) बाल हैल्प लाईन (1098), व आपदा प्रबंधन सहित अन्य सेवाओं को भी इस आपातकालीन सेवा डायल 112 से जोड दिया जाएगा| आज तक आपातकाल सहायता के लिए 20 से अधिक आपात नम्बर जनता की सुविधा के लिए चल रहे थे | कई बार नंबर व्यस्त रहने के कारण मिल नहीं पाता था लेकिन अब यह सेवा शुरु होने से इन सभी दिक्कतों का सामना नहीं करना पडेगा |


ई-बीट बुक सिस्टम के तहत हर "ई-बीट बुक" के ईंचार्ज को एंडराइड फोन दिये गये हैं, जिसके अन्दर बीट-इंचार्ज के पास पूरी पुलिसिंग का रिकार्ड होगा एवम इस फोन पर एक क्लिक करते ही पूरे शहर से जुडी हर जानकारी जैसे की बाजार, आभूषण विक्रेता, शराब के ठेके, वरिष्ठ नागरिकों की सूची, पीजी क्षेत्र के अच्छे बुरे नागरिकों के बारे में बीट ईंचार्ज को मिल जायेगी | इस पर अपराधियों के बारे में पूरा रिकार्ड दर्ज होगा | आम नागरिक गूगल प्ले स्टोर या एप्पल स्टोर से अपने मोबाईल पर ई-साथी एप डाउनलोड कर सकता है, जिससे कि कोई भी नागरिक किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधि, नशा-बिक्री, जुआ-सट्टे बाजी आदि की जानकारी पुलिस को आसानी से दे सकेगा | इसके साथ ही क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिक भी इस एप के माध्यम से पुलिस के सम्पर्क में रहेंगे | ई-बीट मेन इंटरएक्टिव फीचर भी होगा जिससे की सम्बंधित क्षेत्र के निवासी से सीधा सम्पर्क करके अपने सुझाव और शिकायत दे पायेंगे | इसके अतिरिक्त "ई-साथी एप" से आम जनता को बिना थाने में गए "आपकी पुलिस आपके द्वार" योजना के तहत पासपोर्ट सत्यापन, किरायेदार सत्यापन, नौकर सत्यापन, चरित्र सत्यापन आदि सेवाओं की अपने क्षेत्र के थाना-अध्यक्ष को सूचना देनी होगी और उनके एक बटन दबाते ही सम्बंधित थानाध्यक्ष उनके दिए हुए समय पर बीट सिपाही भेजकर वाँछित सेवा प्रदान करेगा| इसके लिये नागरिकों को एक बटन दबाकर सम्बंधित एप्लिकेशन डाउनलोड करना होगा | इस प्रोद्योगिकी तकनीकी कुशलता से एक ओर जहां बीट सिपाही सशक्त और सक्षम होगा वही ये सीसीटीएनएस और ईआरएसएस से पूर्णत: समायोजित व अनुकुल होगा | इससे दो तरफा सूचना का संचार सरल हो सकेगा | इसके अतिरिक्त ई-बीट बुक सिस्टम की भी शुरूआत की गई है जिसके अंतर्गत 54 अटल सहभागिता केंद्रबनाए गए हैं| अटल सहभागिता केंद्र शहर की सभी 54 में बनाये गये हैं और प्रत्येक दो बीट पर एक बीट-अधिकारी नियुक्त किया गया है | जनता अपने थाने के अतिरिक्त अटल सहभागिता केंद्र में जाकर सुविधानुसार पुलिस को शिकायत व सुझाव दे सकती हैं | अब चण्डीगढ में बीट स्टाफ की कोई भी कानून व्यवस्था संबंधित ड्यूटी नही लगाई जाएगी वे केवल अपने क्षेत्र में रहकर पुलिसिंग व घटित अपराधों की ही जांच करेंगे | इस क्रांतिकारी तकनीकी रुप से सुदृढ़ योजना के द्वारा आपातकालीन प्रतिक्रिया के समय में कमी आएगी | आपातकालीन सेवाओं में समय अत्याधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि कुछ क्षण ही किसी का जीवन बचा सकते हैं |

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