एसएसपी अनंन्तदेव तिवारी के फैसले से मिला शादाब को इंसाफ

एसएसपी अनंन्तदेव तिवारी  के फैसले से मिला शादाब को इंसाफ

गौरतलब है कि मुज़फ्फरनगर की कोतवाली शहर पर फर्जी चेक से पैसे निकालने के संबंध में कुछ लोगो पर मुकदमा हुआ पुलिस की दबिश ओर एक मुल्ज़िम की गिरफ्तारी से आरोपियों ने अपने पड़ोस में रहने वाली एक महिला से मुकदमे के वादी शादाब ओर उसके भाई के खिलाफ बलात्कार का झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया वो तो भला हो एसएसपी मुज़फ्फर नगर अनन्तदेव तिवारी जो फर्जी नामजदगी ओर वादी के खिलाफ झूठा मुकदमा लिखाने के सख्त खिलाफ है जिहोंने शादाब की शिकायत पर कोतवाली पुलिस का निष्पक्ष विवेचना करने का आदेश दिया और इस मुकदमे के विवेचक का जिन्होंने तमाम दबाव के बाद भी इस झूठे मुकदमे में कोई कार्यवाही नही की। दरअसल इस महिला से यह झूठ मुकदमा दर्ज कराने वाले लोगो से रिलेटिड कुछ लोगो ने किदवईनगर मोहल्ले में एक युवक की हत्या कर दी थी जब मुल्ज़िम जेल चले गए तो उनके परिजनों ने फैसले का दबाव बनाया लेकिन जिनका बेटा मौत के आग़ोश में चला गया था वो नही माने तो आरोपियों ने अपने परिवार की एक लड़की से वादी के परिजनों के खिलाफ फर्जी बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराकर पुलिस से दबाव बनवाया नतीजा हत्या के वादी को हत्यारो से फैसला करना पड़ा। उसी से प्रेरित होकर शादाब ओर उसके भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया लेकिन शादाब की किस्मत अच्छी थी जो अनंतदेव मुज़फ्फरनगर के वर्तमान में कप्तान है और शादाब को इंसाफ की उम्मीद जगी ।एसएसपी अनंतदेव के सख्त आदेश के बाद इस मुकदमे के विवेचक ने गहनता से जांच करनी शुरू कर दी घटना के समय आशु व शादाब अपने घर पर मौजूद थे जिसकी सीडीआर से पुष्टि हुई दूसरे बुढाना मोड़ पुलिस चौकी पर सीसीटीवी कैमरे लगे है उनकी गाड़ी वहां से नही गुज़री, इसके अलावा बुढाना मोड़ पुलिस चौकी जहां की वादियां घटना बता रही है वो चौकी के पास ही है तो उसने पुलिस को क्यों सूचना नही दी इस जांच में सबसे बडी बात यह थी कि वादियां शादाब के द्वारा लिखाये गए मुकदमे के आरोपी गुफरान के भाई और रिश्तेदार के साथ पुलिस में घूम रही थी यहां तक कि 164 के बयान के दौरान भी गुफरान के भाई उसके साथ थे इन्ही तथ्यों के आधार पर पुलिस ने यह मुकदमा खारिज कर दिया।
एसएसपी ना होते तो जेल में होता मैं ओर मेरा भाई
अपने साथ चीटिंग से दुखी शादाब को जब पता चला कि उसके खिलाफ चुपचाप बलात्कार का झूठा मुकदमा दर्ज हो गया है तो अपने पिता के साथ वह तुरंत एसएसपी अनंन्तदेव से मिला वादी के खिलाफ मुकदमा दर्ज
करने से नाराज हुए तो पुलिस ने मुकदमा खारिज कर दिया अपने साथ इंसाफ होने के बाद शादाब ने कहा कि एसएसपी साहब मेरे ओर मेरे परिवार के लिए फरिश्ता बनकर आये उनकी वजह से मैं आज बेकसूर साबित हो गया हूँ नही तो मेरे विरोधी मुझे झूठे मुकदमे में फंसाकर जबरदस्ती फैसला कर लेते
यह है पूरा मामला
मुज़फ्फरनगर के खालापार निवासी शादाब बेगराजपुर में एक फैक्ट्री चलाते है। उनकी फर्म एम.ए.एग्रोवेट एण्ड जिलेटिन प्रा0 लि0 जिसका खाता पीएनबी बागपत रोड मेरठ सख्या 2533008700004266 हैं। दिनांक 24.7.2017 को समय करीब 11 बजे शादाब अपने बैंक पी.एन.बी बागपत रोड मेंरठ गया था। फर्म से सम्बन्धित कामकाज निपटाकर शादाब ने बैंक कर्मचारी आकाश से अपने खाते में जमा रकम पूछी तो उसने बताया कि तुम्हारे खाते में लगभग 9 लाख रूपया है। शादाब ने कहा कि मेरे एकाउन्ट में तो लगभग 17 लाख रूपया था। तो आकाश ने शादाब को बताया कि एकाउन्ट से आज ही चैंक सख्ंया 827198 से 8 लाख रूपये खाता संख्या 0332000110105127 खाता धारक नदीम पुत्र खलील अहमद मकान न0 907 दक्षिणी खालापार मुजफ्फरनगर के खाते पी0एन0बी0 शाखा शिव चौक में ट्रासंफर हो गये है। इस जानकारी के बाद शादाब ने अपने मौबाइल 8477867410 से अपने भाई आस मौहम्मद फोन न0 9759110000 पर फोन किया और पूरी जानकारी दी तब शादाब का भाई आस मौहम्मद पी0एन0बी शाखा शिव चौक पर पहुंचा और बैंक में मुख्य प्रबन्धक पी0के0झा से मिला और अपने भाई के खाते से नदीम के खाते में फर्जी चैक के माध्यम से 8 लाख रूपये धोखा धडी करके हडपने की सूचना दी। तब तक शादाब भी पी0एन0बी शाखा शिव चौक पर पहुंच गया। शादाब ने बैंक प्रबन्धक से अपने खाते से 8 लाख रूपया फर्जी तरीके से ट्रांसफर करने की बात कही तो मैनेजर पी0के0झा ने बताया कि आपके खाते की चेक सख्ंया 827198 से ही पैसा ट्रांसफर हुआ है। शादाब ने इस चैक संख्या की असली चैक अपने चैक बुक में दिखाई तो तब मैनेजर ने अपने स्टाफ को लगाकर पता कराया तो बैक डिटेल में आया कि शादाब के खाते से जो फर्जी चैक बनाकर रकम नदीम के खाते में ट्रांसफर की गयी है। वह नदीम ने अपने खाता सख्ंया 0332000110105127 पी0एन0बी शाखा से एस0बी0आई0 के खाता संख्या 31808014971 टचवुड मोबाईल कम्यूनिकेशन के खाते में दिनांक 24.7.2017 को 7 लाख छयानवे हजार रूपये ट्रांसफर कर दिये

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