इसे कहते है फेयर पुलिसिंग

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इसे कहते है फेयर पुलिसिंग अम्मार हत्याकांड के असली मुलजिम अरेस्ट, वादी ने कई को रंजिशन कराया था नामजद.
एसएसपी अनंन्तदेव के कार्यकाल में झूठे मुकदमो ओर फर्जी नामजदगी में गिरावट, निष्पक्ष विवेचनाएं जारी.
मुज़फ्फरनगर के कोतवाली इलाके में सीकरी के पूर्व प्रधान अम्मार की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी इस रंजिशन हत्याकांड में आधा दर्जन से अधिक लोगो को नामजद किया गया। एसएसपी अनंन्तदेव चूंकि एसटीएफ में रह चुके हैं इसलिए वह समझ गए थे कि जिन लोगों को इस हत्याकांड में नामजद कराया गया है उन्होंने भाड़े के शूटरों से हत्या तो कराई है लेकिन स्वंय हत्या नहीं की है इसी को ध्यान में रखते हुए एसएसपी ने क्राइम ब्रांच की टीम को लगाया इसी दौरान एसएसपी की टीम को सूचना मिली कि हत्याकांड को भाड़े के शूटरों से अंजाम दिलाया गया है फिर क्या था एसटीएफ के अनुभव का अनंन्तदेव तिवारी ने फायदा उठाया और इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले संदीप राहुल उर्फ कपिल और फौजी निवासीगण शामली आमिर निवासी चुडियाला थाना मीरापुर विजेंदर निवासी दौलतपुर थाना सिखेड़ा को कोतवाली इलाके के काली नदी से असलाह समेत गिरफ्तार कर लिया इन हत्यारों से पूछताछ के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि इन लोगों ने तो हत्या की है तथा अम्मार से रंजिश रखने वाले जेल में बंद जमशेद वह उसके परिजनों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है बाकी कई लोग जिन को नामजद किया गया था उनका हत्याकांड से कोई लेना देना नहीं रहा पुलिस की इस निष्पक्ष कार्यवाही का उन लोगों को जरूर लाभ मिलेगा जिनको रंजिशन नामजद किया गया था

फर्जी नामजदगी के विरोधी हैं अनंत देव तिवारी

गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर के एसएसपी अनंत देव तिवारी हमेशा से फर्जी नामजदगी के विरोधी रहे हैं उनका मानना है की रंजिशन कराई गई फर्जी नामजदगी से अदावत और बढ़ती है इसलिए फर्जी नामजदगी नहीं होनी चाहिए जब से अनंत देव ने मुजफ्फरनगर के एसएसपी के रूप में चार्ज संभाला है तबसे कई मुकदमों में दर्जनों झूठे नामजदगी किए गए लोगों को उन्होंने मुकदमे से बाहर करते हुए असली गुनहगारों को अंदर का रास्ता जरूर दिखाया है नगर कोतवाली क्षेत्र में अर्चना की हत्या के संबंध में मुकदमा दर्ज हुआ और इसमें मृतका के परिजनों ने विनीत पुत्र शिवराज निवासी ग्राम नरा थाना मंसूरपुर को नामजद कराया था लेकिन विवेचना के दौरान राजू पुत्र रमेश निवासी कृष्णापुरी थाना कोतवाली का नाम प्रकाश मे आया जिस पर पुलिस ने मुकदमे से विनीत का नाम गलत पाते हुए राजू को मुलजिम बनाया.
दूसरा मामला कोतवाली इलाके के ही था जिसमें राजू नामक व्यक्ति की गला काटकर हत्या कर दी गई थी जिसके संबंध में 5 जुलाई 2017 को कोतवाली पर मुकदमा पंजीकृत हुआ जिसमें संदीप वह सुमित नामजद हुए इसमें भी एसएसपी अनंत देव तिवारी की निष्पक्ष विवेचना के चलते दोनों लोगों की नामजदगी झूठी पाई गई और पुलिस ने मनोज पुत्र यशपाल को हत्या में शामिल पाया दिनांक 13 जून 2017 को मीरापुर थाना के मीरापुर इलाके में बबली नाम की बबली नाम की युवती की गला घोंटकर हत्या कर दी गई जिसमें 3 लोगों को नामजद किया कराया गया था लेकिन पुलिस विवेचना में नामजद लोगों की नामजदगी गलत पाई गई और पुलिस ने असली हत्यारों को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया

सबसे दिलचस्प था यह मुकदमा

दरअसल ककरौली थाना इलाके के गांव तेवड़ा में यामीन की हत्या कर दी गयी इस हत्या में बाबू को नामजाद किया गया लेकिन पुलिस बाबू को मुजरिम नही मान रही थी ऐसे में एसएसपी अनंतदेव ने इस मुकदमे का सुपरविजन किया और ककरौली थानाध्यक्ष को स्पष्ट निर्देश दिया कि इस मुकदमे के असली मुल्ज़िम ही जेल जाने चाहिए कोई बेकसूर जेल नही जाने पाए अपने कप्तान की मंशा को भाँपकर विवेचक ने गहनता से विवेचना शुरू की तो सामने आया कि तेवड़ा गांव के बाबू ने मुरसलीम को बलात्कार के झूठे मुकदमे में बहुत दिन पहले जेल भिजवा दिया था जेल से आने के बाद मुरसलीम ने कई बार बाबू को जेल भिजवाने का असफल प्रयास किया जब वो कामयाब नही हो पाया तो उसने गांव के यासीन की हत्या की योजना बनाकर उसका इल्ज़ाम बाबू पर लगा कर जेल भिजवाने की प्लानिंग कर डाली दरअसल बाबू का यासीन की लड़की से अफेयर था सब इस बात को जानते थे कई बार बाबू ओर यासीन में इस बात को लेकर विवाद हो चुका था इसलिए जब यासीन की हत्या हुई तो बाबू को नामजाद किया गया लेकिन एसएसपी अनंन्तदेव कर सुपरविजन में मामले का सही खुलासा हुआ और मुरसलीम व उसके साथी हत्या के मुकदमे में जेल गए और एक बेकसूर आदमी जेल जाने से बच गया

वादी के खिलाफ ही मुकदमे से भी परहेज

दरअसल मुज़फ्फरनगर में असली मुजरिम जेल जाने के बाद या जेल जाने से बचने के लिए वादी पर ही झूठ मुकदमा दर्ज करा देते है जिस पर मुलजिम पक्ष वादी से दबाव बनाकर फैसला कर लेते है इस परंपरा पर भी अनंन्तदेव अंकुश लगाने के लिए प्रयासरत है अभी हाल ही में कोतवाली नगर पर एक लड़के शादाब ने अपने पाटर्नर पर चेक में गड़बड़ी कर खाते से 8 लाख रुपये निकाल लिए एसपी सिटी के आदेश पर जांच में।मामला सही पाए जाने पर मुकदमा दर्ज हो गया अब मुलजिम पक्ष ने दबाव बनाकर फैसला करने की नीयत से अपने नोकर की पत्नी से वादी ओर उसके भाई के खिलाफ ही बलात्कार का झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया जब पीड़ित एसएसपी अनंतदेव से मिला और पुरा मामला बताया तो एसएसपी नाराज हो गए और पुलिस को हड़काते हुए कहा कि वादी के खिलाफ ही तुमने मुकदमा कैसे लिख लिया इसको तत्काल खत्म कर आरोपियों को जेल भेजो एसएसपी से मिलकर बाहर निकले शादाब के पिता ने उम्मीद जताई कि कप्तान साहब ही हिमे इंसाफ दिलाएंगे।

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