मुगालते में कतई ना रहे फसल को खेत में जला सकते हैं किसान- राकेश

मुगालते में कतई ना रहे फसल को खेत में जला सकते हैं किसान- राकेश

जींद। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चैधरी राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार किसी तरह के मुगालते में न रहें। यदि किसानों की बातें नहीं मानी गई तो वे अपनी फसल को काटने के बजाय उसे खेत में जलाने की हिम्मत रखते हैं। किसान फसल को जलाने की हिम्मत रखते हैं।

हरियाणा के खरक पुनिया में बृहस्पतिवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चैधरी राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के कृषि आंदोलन की बाबत किसी भी तरह की गलत धारणा अपने मन के भीतर नहीं रखनी चाहिए। यदि सरकार यह यह सोचती है कि राजधानी के बाॅर्डरों पर आंदोलन कर रहे किसान खेतों में बोई गई फसल को काटने के लिए बॉर्डरों से अपने घरों को वापस लौट जाएंगे तो यह सरकार की गलतफहमी है।

भाकियू प्रवक्ता ने कहा कि अगर वह हमारे ऊपर ज्यादा जोर डालते हैं तो हम खेतों में ही अपनी फसलों को जलाने की हिम्मत रखते हैं। सरकार को यह कतई नहीं सोचना चाहिए कि किसानों का विरोध महीने 2 महीने में खत्म हो जाएगा। हम फसलों की बुवाई और कटाई के साथ-साथ कृषि कानूनों का विरोध जारी रखेंगे। चैधरी राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की ओर से फसलों की कीमतों में कोई इजाफा नहीं किया गया है। जबकि डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस की कीमतें लगातार बढ़ रही है। उन्होंने हुंकार भरी कि हम अपने ट्रैक्टरों को पश्चिम बंगाल तक भी ले जाएंगे। क्योंकि वहां के किसानों को भी एमएसपी नहीं मिल रही है।

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