200 दिन के कार्यकाल में कमाल के कलेक्टर बने राजीव शर्मा

200 दिन के कार्यकाल में कमाल के कलेक्टर बने राजीव शर्मा

मुजफ्फरनगर। जनपद मुजफ्फरनगर में कलेक्टर के पद पर 200 दिन का कार्यकाल पूर्ण करने वाले आईएएस राजीव शर्मा ने इस अल्प कार्यकाल में 'माइल स्टोन' स्थापित किये। जल और पर्यावरण संरक्षण के लिए उन्होंने नदी सफाई और वृक्षारोपण पर विशेष जोर दिया। खुद लोगों को प्रेरित करने के लिए अपने पूरे परिवार के साथ काली और गंगनहर में उतर पड़े। डीएम राजीव शर्मा ने वास्तव में मुजफ्फरनगर की जनता का अभिभावक बन कर दिखाया है। पांच साल के बाद जिला प्रशासन जब कटि प्रतिबद्धता के साथ शहर को अतिक्रमण मुक्त करने क लिए निकला तो इसमें डीएम राजीव शर्मा का दृढ़ संकल्प स्पष्ट नजर आया। वायरल फीवर के प्रकोप को थामने के लिए उन्होंने जनपद में दृढ़ निश्चय के साथ लोेगों को एलोपैथी के महंगे खर्च से बचाने के लिए पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर देश का प्रथम होम्योपैथी दवाई पिलाओ अभियान चलाकर मुजफ्फरनगर को नई पहचान दिलाने के साथ ही नई नजीर पेश की। इसके लिए उन्होंने खुद आगे आकर शासन को प्रस्ताव भेजा और सरकार को ये अभियान चलाने के लिए रजामंद करने का काम किया। नई शिकायत निस्तारण प्रणाली लागू करने, जनता का दुख दर्द बांटने के साथ ही सामाजिक दायित्वों का निर्वहन किया और जनता को भी इसके लिए प्रेरित किया।

30 जनवरी 2018 को आईएएस राजीव शर्मा को डीएम के रूप में तैनात करने का निर्णय शासन ने लिया था तब से आज 18 अगस्त 2018 को मुजफ्फरनगर में उनके कार्यकाल को 200 दिन पूरे हो गये है। उनके 200 दिन के कार्यकाल पर खोजी न्यूज के सम्पादक एस. राशिद अली * खोजी * की खास रपट

तीन फरवरी 2018 को मुजफ्फरनगर में नये कलेक्टर के पद पर चार्ज संभालने वाले आईएएस राजीव शर्मा ने 34 साल प्रशासनिक सेवा में गुजारे। पीसीएस अफसर के रूप में सर्विस की शुरूआत करने वाले राजीव शर्मा जिन जनपदों में रहे वहां उनके द्वारा लीक से हटकर कार्य करने का काम किया गया। हमीरपुर जनपद में जब वो सर्विस के शुरूआती दिनों में एसडीएम के पद पर कार्यरत रहे तो वहां उनके द्वारा जिस इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प के साथ काम किया गया, वो आज भी याद किया जाता है। डीएम राजीव शर्मा कहते हैं,''कार्य करने के लिए क्षमता और दृढ़ इच्छाशक्ति का होना जरूरी है, आज लोगों में ये कम देखने को मिलती है। मुजफ्फरनगर जनपद में तैनाती के रूप में राजीव शर्मा को अपनी सर्विस में पहली बार कलेक्टर का पद मिला। उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति को मुजफ्फरनगर ने देखा, परखा और अपनाया भी। यहां उनके द्वारा 'अबकी बार, आर या पार' संकल्प के साथ अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया तो इसकी धमक शासन तक सुनाई दी। डीएम राजीव शर्मा के इस अभियान ने पांच साल पहले तत्कालीन डीएम सुरेन्द्र सिंह और इसके पहले डीएम रहे डा. प्रभात कुमार के कार्यकाल के अतिक्रमण हटाओ अभियान को भी भुला दिया गया। आज के दौर में जब ब्यूरोक्रेट अपनी लग्जरी लाइफ जीने के लिए जाने जाते हैं, इस भीड़ में एक अलग कार्यशैली रखने वाले ब्यूरोक्रेट राजीव शर्मा लग्जरी लाइफ के आकर्षण को छोड़कर चलते हैं, अपने कार्यालय और घर में भीषण गर्मी में भी एसी नहीं चलाते। ये देखकर कई लोगों को हैरानी भी होती है। मुजफ्फरनगर में 200 दिन के कार्यकाल में डीएम राजीव शर्मा ने फरियादियों को सम्मान देने की मीठी पहल की, उसकी चर्चा शासन तक हुई। इस पहल में डीएम ने अपने कार्यालय पर मुजफ्फरनगर के प्रमुख उत्पाद में शामिल गुड़ को अतिथि सत्कार का साधन बनाया। यहां आने वाले हर फरियादी व व्यक्ति को गुड़ और पानी देकर उसकी बात सुनी जाती है। इस कार्यशैली से डीएम राजीव शर्मा ने गुड़ देने के साथ गुड जैसी बात कहने की एक नई परम्परा की शुरूआत की। उनकी यही कार्यशैली उनको ब्यूरोक्रेट की भीड़ में अलग रखती है।

मुजफ्फरनगर में डीएम पद का कार्यभार ग्रहण करने के दौरान उन्होंने कहा था कि जिले में पहली बार उनको कलक्टर पद के लिए जिम्मेदारी मिली है। उन्होंने कहा था कि मुजफ्फरनगर में वो 42 लाख लोगों के संरक्षक के रूप में डीएम बनकर आये हैं। मैं किसी को भी निराश नहीं करूंगा। जनता की सेवा का जो मौका शासन ने दिया है, उसको जिम्मेदारी से निभाते हुए जन आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए काम करेंगे। जिले में कानून व्यवस्था को बड़ी चुनोती मानते हुए उन्होंने इसे शीर्ष पर बताया। डीएम राजीव शर्मा ने विश्वास दिलाया था कि कानून व्यवस्था के बाद हेल्थ, एजूकेशन और कृषि व किसान को उनकी प्राथमिकता में रहेंगे। आईएएस राजीव शर्मा ने पहले दिन जो कहा था कि उसको वो पूरा करने में जुटे रहे। डीएम राजीव शर्मा सवेरे नौ बजे ही कलक्ट्रेट में अपने कार्यालय में आम जनमानस की समस्याओं के निस्तारण के लिए उपस्थित मिले। अपनी इस कार्यप्रणाली के चलते वो जिले के उन आईएएस अफसरों में शामिल हो गये, जो यहां तैनाती के दौरान जनसमस्याओं के निस्तारण को जुनून की हद तक सक्रिय रहे। राजीव शर्मा शायद जिले के ऐसे पहले जिलाधिकारी रहे हैं, जो शासन की मंशा के अनुसार सवेरे नौ बजे से 12 बजे तक तो अपने कार्यालय में उपलब्ध रहते ही हैं, शाम को चार बजे के बाद भी वो देर शाम तक कार्यालय में डटे नजर आते हैं। होली पर्व को सकुशल सम्पन्न कराने की पहली चुनौती उन्होंने बखूबी पूरी की। पुलिस और प्रशासन की जुगलबन्दी ने आपसी प्यार का गुलाल उड़ाया और पिचकारियों से भाईचारे की बौछार होती दिखी। होली के इस उत्सव में साम्प्रदायिक सौहार्द्र का रंग घुलता नजर आया। उन्होंने प्रदेश के आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धर्मसिंह सैनी के हाथों मुजफ्फरनगर से 'स्वस्थ रहिए-स्वस्थ रखिए' के प्रेरक संदेश के साथ देश के पहले होम्योपैथी वायरल ज्वर प्रतिरोधक दवा पिलाओ अभियान की शुरूआत करायी। अभी तक डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को जनपद में ये दवाई पिलाई जा चुकी है। अभियान अभी भी निरंतर जारी है। इस अभियान के कारण इस साल बुखार पीड़ितों की संख्या में कमी आई। पर्यावरण संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में जनपद के नोडल अधिकारी प्रमुख सचिव सार्वजनिक उद्यम रामी रेड्डी के साथ जनपदभर में करीब 19 लाख पौधे रोपित कराने का काम किया। भूजल जीवन की आस, जल संरक्षण का करो प्रयास के संदेश के साथ डीएम राजीव शर्मा ने जनपद में 145 तालाबों की खोदाई और जीर्णोद्धार के लिए वृहद अभियान छेड़ा, खुद फावड़ा उठाकर तालाब की खोदाई करते नजर आये। 14 दिन में गन्ना किसानों को भुगतान, आॅर्गेनिक खेती को बढ़ावा, स्वयं सहायता समूहों के आर्थिक उन्नयन के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की निःशुल्क ड्रेस वितरण को इससे जोड़ना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत जनपद के 443 परिवारों की बेटियों का अभिभावक बनकर उनका कन्यादान कराया। मुजफ्फरनगर इस योजना सर्वाधिक शादी कराने वाला जनपद बना। गुड के माध्यम से गुड गर्वेनेंस करने वाले डीएम राजीव शर्मा ने छह साल से बेनूर जनपद के सांस्कृतिक इतिहास की धरोहर जिला कृषि एवं औद्योगिक प्रदर्शनी (नुमाइश) का छह साल बाद सफल आयोजन कराया। इस साल की नुमाइश मुजफ्फरनगर का सबसे बड़ा इकाॅनोमी इवेंट बन गया। इसके अलावा एक ऐतिहासिक क्षण उस समय जुड़ा जब मुजफ्फरनगर जनपद का चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018 के सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम प्रदेश भर में हिट रहा। योग दिवस पर योगाभ्यास और अन्य गतिविधियों में प्रर्दशन पर मुजफ्फरनगर को उत्तर प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल हुआ। इसके लिए आयुष विभाग उत्तर प्रदेश की ओर से मुख्य सचिव राजीव कुमार ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

डीएम राजीव कुमार के कार्यकाल में ईद सकुशल सम्पन्न हुई। कांवड यात्रा 2018 को ऐतिहासिक बनाने का काम भी उनके द्वारा किया गया। शिवभक्त कांवडियों को सुविधाजनक व्यवस्था देने के लिए डीएम राजीव कुमार ने एसएसपी अनंत देव के साथ मिलकर बेहतर व्यवस्था बनाई। दोनों अफसरों ने यूपी बाॅर्डर पर कांवडियों के स्वागत के लिए ऐतिहासिक व्यवस्था कराई। आकाश से हेलीकाॅप्टर से पहली बार जिले के कलेक्टर व एसएसपी ने कांवडियों पर फूल बरसाये। कांवड यात्रा को निर्विवाद सम्पन्न कराया गया।

डीएम राजीव शर्मा के 200 दिन के कार्यकाल को लेकर वरिष्ठ पत्रकार सुनील जैन का कहना है कि उनके द्वारा पहले ही दिन जिले के नागरिकों के संरक्षक बनकर काम करने का जो संकल्प दर्शाया गया, उसको पूरा किया गया। जिस नुमाइश के आयोजन को उनके पूर्ववर्ती अफसर 'बिग रिस्क' मानकर हाथ खड़े कर देते थे, उसी को उन्होंने जनपद के इतिहास का सबसे बड़ा सफल आर्थिक कार्यक्रम बना दिया। पैगाम-ए-इंसानियत के अध्यक्ष आसिफ राही कहते हैं कि डीएम राजीव शर्मा ने जनपद के साम्प्रदायिक सौहार्द्र के लिए सरकार की नीतियों को हर वर्ग और समुदाय के लोगों को पहुंचाने का काम किया। ईद और कांवड यात्रा में संवेदनशील होकर काम कर ईदगाह पर मुस्लिमों को गले लगाकर बधाई दी तो वहीं शिवभक्तों पर फूल बरसाकर अपनी समान नीति को साबित किया। शाहपुर निवासी वरिष्ठ समाजसेवी एवं पत्रकार सचिन सिंघल कहते हैं कि आईएएस राजीव कुमार जैसे अफसर जनपद में विरले ही आये हैं। उन्होंने हर क्षेत्र में बेहतर काम करके दिखाया है, इस साल की कांवड यात्रा को चुनौती माना जा रहा था, लेकिन उन्होंने अपने दृढ़संकल्प से साल 2018 का कांवड मेले में कीर्तिमान ही बना दिया। जनपद में कानून व्यवस्था को प्रगाढ़ता प्रदान करने पर जोर दिया गया। ग्रामीण विकास को लेकर भी कई प्रमुख कदम उनके द्वारा उठाये गये।

इटावा में जन्मे, कानपुर में रही लम्बी तैनाती

आईएएस राजीव शर्मा मूल रूप से इटावा जनपद के रहने वाले हैं। राजीव शर्मा का जन्म 2 जुलाई 1961 को इटावा में हुआ था। सोशोलाॅजी में एम. एससी. व एम.ए. करने के साथ ही राजीव शर्मा ने पीजी डिप्लोमा भी किया हुआ है। प्रशासनिक सेवा में वो पीसीएस अफसर के रूप में 1994 में आये और पहली पोस्टिंग हमीरपुर जिले में बतौर एसडीएम मिली। वो अलग अलग 30 जनपदों में बतौर एसडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट और एडीएम के रूप में तैनात रहे। साल 2006 में राजीव शर्मा का आईएएस में प्रमोशन हुआ और उन्हें सीडीओ सिद्धार्थनगर बनाया गया। यहां तैनाती के बाद शासन ने उन्हें कानपुर का मुख्य विकास अधिकारी बनाया और बाद में वहीं पर नगर आयुक्त कानपुर व एडिशनल कमिश्नर कानपुर के पद पर तैनात किया गया। इसके बाद शासन ने इन्हें विशेष सचिव श्रम एवं सेवायोजन विभाग लखनऊ फिर यहां से तबादला करते हुए विशेष सचिव लोक निर्माण विभाग लखनऊ के पद पर तैनात किया। वहां से ही शासन ने राजीव शर्मा को मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

epmty
epmty
Top