यूनियन बजट 2019-20: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट भाषण

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नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज लोकसभा में 2019-20 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि कंपनी कर की 25 प्रतिशत न्यूनतम दर को 400 करोड़ रुपये तक वार्षिक कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए लागू किया जाएगा। फिलहाल, 250 करोड़ रुपये तक वार्षिक कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए यह दर लागू है। श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि 99.3 प्रतिशत कंपनियां इसमें शामिल होंगी। अब केवल 0.7 प्रतिशत कंपनियां ही इस दर से अलग होंगी।

कंपनी कर की 25 प्रतिशत न्यूनतम दर को 400 करोड़ रुपये तक वार्षिक कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए लागू किया गया, जबकि पहले इसकी सीमा 250 करोड़ रुपये थी

कर विवरणी भरने के लिए पैन और आधार में से किसी एक के इस्तेमाल का प्रस्ताव किया गया

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए किसी बैंक खाते से एक वर्ष में एक करोड़ रुपये से अधिक नकद निकासी पर 2 प्रतिशत टीडीएस

कर विवरणी भरने के क्रम में सटीकता बढ़ाने और समय घटाने के लिए कर दाताओं को पहले से भरी गई कर विवरणी उपलब्ध कराई जाएगी

अवांछित चलनों को समाप्त करने के लिए चरणबद्ध रूप से इलेक्ट्रॉनिक रूप में फेसलेस असेसमेंट की योजना शुरू की जाएगी

50 करोड़ रुपये से अधिक वार्षिक कारोबार वाले व्यवसायों के लिए कम लागत वाली डिजिटल भुगतान सुविधा दी जाएगी; ग्राहकों/व्यापारियों पर कोई एमडीआर शुल्क नहीं लगाया जाएगा



पैन – आधार में से एक के बदले दूसरे के इस्तेमाल का प्रस्ताव

इस बजट में पैन और आधार में से किसी एक को इस्तेमाल में लाने का भी प्रस्ताव किया गया है और जिनके पास आयकर विवरणी भरने के लिए पैन न हो उन्हें अपना आधार नम्बर उल्लिखित करने की अनुमति दी जाएगी और वे पैन के स्थान पर इसका उल्लेख कर सकते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि अब 120 करोड़ से अधिक देशवासियों के पास आधार उपलब्ध हैं। आयकर दाताओं की सुविधा और आसानी के लिए यह प्रस्ताव किया गया है।

पहले से भरी गई आयकर विवरणी

वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर दाताओं को पहले से भरी गई कर विवरणी उपलब्ध कराई जाएगी, जिसमें वेतन से आय, प्रतिभूतियों से पूंजीगत प्राप्तियां, बैंक से मिले ब्याज और लाभांश तथा कर में कटौतियों का विवरण शामिल होगा। उन्होंने कहा कि बैंकों, स्टॉक एक्सचेंजों, म्युचुअल फंडों, ईपीएफओ, राज्य पंजीकरण विभागों आदि जैसे संबंधित स्रोतों से ऐसे आय के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे न केवल आयकर विवरणी भरने में लगने वाले समय में कमी आएगी, बल्कि आय और करों की प्रस्तुति में सटीकता भी सुनिश्चित होगी।

अवांछित चलनों की समाप्ति के लिए फेसलेस ई-असेसमेंट

अपने भाषण में, वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर विभाग में असेसमेंट की जांच की मौजूदा प्रणाली में करदाता और विभाग के बीच काफी व्यक्तिगत संपर्क शामिल है, जिससे कर अधिकारियों की ओर से कुछ अवांछित व्यवहार को बढ़ावा मिलता है। ऐसे चलनों को समाप्त करने के लिए तथा प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए, वित्त मंत्री ने कहा कि इस वर्ष चरणबद्ध रूप से इलेक्ट्रॉनिक विधि से फेसलेस असेसमेंट की एक योजना शुरू की जा रह है, जिसमें कोई व्यक्ति आमने-सामने नहीं होगा।

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के उपाय

इस बजट में यह प्रस्ताव किया गया है कि यदि किसी बैंक खाते से एक वर्ष में एक करोड़ रुपये से अधिक धनराशि की नकद निकासी की जाएगी तो 2 प्रतिशत की स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की जाएगी। डिजिटल भुगतान और कम नकद अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने तथा डिजिटल भुगतान पर जोर देने के लिए हाल में उठाए गए अनेक कदमों से आगे बढ़ते हुए यह प्रस्ताव किया गया है।

भीम यूपीआई, यूपीआई-क्यूआर कोड, आधार पे, कुछ डेबिट कार्डों, एनईएफटी, आरटीजीएस आदि जैसे कम लागत वाले डिजिटल भुगतानों से कम नकद वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि 50 करोड़ से अधिक वार्षिक कारोबार के लिए उनके ग्राहकों को कम लागत वाले अथवा बिना लागत वाले डिजिटल भुगतान की पेशकश की जाएगी अथवा ग्राहकों के साथ-साथ व्यापारियों को एमडीआर का लाभ दिया जाएगा।

सार्वजनिक क्षेत्र के सभी सूचीबद्ध उपक्रमों के लिए जनता की 25 प्रतिशत भागीदारी के मानक को पूरा करने के लिए आवश्‍यक कदम

सरकार विदेशी बाजारों में सकल उधारी कार्यक्रम के एक हिस्‍से को बढ़ाएगी

नेत्रहीन व्‍यक्तियों के लिए आसानी से पहचान में आने वाले एक, दो, पांच, 10 और 20 रुपए के नये सिक्‍के इस्‍तेमाल के लिए जल्‍दी ही उपलब्‍ध


सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) में नागरिकों की बेहतर भागीदारी और सूचीबद्ध पीएसयू को अधिक व्‍यावसायिक और बाजारोन्‍मुख व्‍यवस्‍था के लिए सरकार का हर आवश्‍यक कदम उठाने का प्रस्‍ताव है, ताकि सूचीबद्ध पीएसयू के लिए जनता की 25 प्रतिशत भागीदारी के मानक को पूरा किया जा सके और विदेशी भागीदारी की सीमा को सभी पीएसयू कंपनियों की इजाजत योग्‍य सीमा तक लाया जा सके, जो उभरते हुए बाजार सूचकांक का हिस्‍सा हैं। केंद्रीय वित्‍त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने आज लोकसभा में 2019-20 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए यह बात कही।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए आसानी से पहचान में आने वाले एक, दो,पांच, 10 और 20 रुपए के नये सिक्‍के इस्तेमाल के लिए जल्दी ही उपलब्ध होंगे। प्रधानमंत्री ने 7 मार्च, 2019 को ये सिक्‍के जारी किये थे। ये नये सिक्‍के जल्‍दी ही जनता के लिए उपलब्‍ध होंगे। जीडीपी में भारत का सोवरन ऋण दुनिया भर में सबसे कम है जो 5 प्रतिशत से भी कम है। सरकार विदेशी बाजारों में विदेशी मुद्रा में अपनी सकल उधारी कार्यक्रम के एक हिस्‍से को बढ़ाना शुरू करेगी। इससे घरेलू बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों की मांग पर भी लाभप्रद प्रभाव पड़ेगा।

भारत अपनी अंतरिक्ष क्षमता का वाणिज्यिक लाभ पाने की दिशा में आगे बढ़ेगा, न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) को यह काम सौंपा गया

कंपनी विभिन्न अंतरिक्ष उत्पादों का वाणिज्यीकरण करेगी


केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज लोकसभा में 2019-20 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) को अंतरिक्ष विभाग की एक नई वाणिज्यिक इकाई के रूप में शुरू किया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी और उपग्रह प्रक्षेपित करने की क्षमता एवं वैश्विक कम लागत पर अंतरिक्ष उत्पादों के साथ भारत प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरा है। अब समय आ गया है कि इस क्षमता का वाणिज्यिक उपयोग हो। एक सरकारी क्षेत्र उद्यम अर्थात न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड को इसरो द्वारा किए गए अनुसंधान और विकास के लाभों को काम में लाने के लिए अंतरिक्ष विभाग की नई वाणिज्यिक शाखा के रूप में शामिल किया गया है।

यह कंपनी विभिन्न अंतरिक्ष उत्पादों के वाणिज्यीकरण का नेतृत्व करेगी। इसमें लांच व्हीकल का उत्पादन, प्रौद्योगिकियों का अंतरण और अंतरिक्ष उत्पादों का विपणन शामिल है।

महिला स्‍व–सहायता समूहों के लिए ब्‍याज सब्सिडी कार्यक्रम का सभी जिलों में विस्‍तार किया जाएगा

जन-धन बैंक खाते वाली स्‍व-सहायता समूह की प्रत्‍येक महिला सदस्‍य को 5,000 रुपये के ओवर ड्राफ्ट की सुविधा मिलेगी

मुद्रा योजना के तहत प्रत्‍येक स्‍व-सहायता समूह की एक महिला सदस्‍य 1,00,000 रुपये तक का कर्ज प्राप्‍त कर सकेगी


सरकार, देश की विकास प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्‍साहित करना चाहती है। केन्‍द्रीय वित्‍त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज लोकसभा में 2019-20 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि भारत की विकास गाथा में और विशेषकर ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था में महिलाओं की भूमिका एक सुखद अध्‍याय है। वित्‍त मंत्री ने इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए मूल्‍यांकन और कार्य योजना सुझाने के लिए सरकार और निजी हित धारकों के साथ विस्‍तृत आधार वाली समिति गठित करने का प्रस्‍ताव किया। श्रीमती निर्मला सीतारामन ने कहा कि बजट का लिंग आधारित विश्‍लेषण बजटीय आबंटन जांच के लिए है। लैगिंक आधार दशकों से इसका पैमाना रहा है।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि महिलाओं की व्‍यापक भागीदारी से ही भारत तेजी से विकास कर सकता है। उन्होंने इस संदर्भ में स्‍वामी रामकृष्‍ण परमहंस को स्वामी विवेकानंद द्वारा लिखे गये पत्र का उल्‍लेख करते हुए कहा, "नारी की स्थिति सुधारे बिना संसार का कल्याण नहीं हो सकता। किसी पक्षी के लिए एक पंख से उड़ना संभव नहीं है।" यह सरकार मानती है कि हम महिलाओं की और अधिक भागीदारी से ही प्रगति कर सकते हैं।

महिला स्‍व-सहायता समूह

वित्‍त मंत्री ने जन-धन बैंक खाताधारी प्रत्‍येक महिला एसएचजी सदस्‍य को 5,000 रुपये के ओवरड्राफ्ट की अनुमति देने का प्रस्‍ताव किया। उन्‍होंने कहा कि महिला स्‍व-सहायता समूहों के लिए ब्‍याज सब्सिडी कार्यक्रम का विस्‍तार सभी जिलों में करने का भी प्रस्‍ताव किया गया है। श्रीमती निर्मला सीतारामन ने कहा कि प्रत्‍येक महिला एसएचजी में एक महिला सदस्‍य को मुद्रा योजना के अंतर्गत एक लाख रुपये तकका ऋण उपलब्‍ध कराया जाएगा।

उन्‍होंने कहा कि सरकार ने मुद्रा, स्‍टैंड अप इंडिया और स्‍व-सहायता समूह (एसएचजी) के माध्‍यम से महिला उद्यमिता को प्रोत्‍साहित करने की व्‍यवस्‍था की है।

तीव्र विकास सुनिश्चित करने तथा ट्रैकों, रॉलिंग स्टॉक के निर्माण को पूरा करने और यात्री सेवाओं में सुधार के लिए केन्द्रीय बजट में सार्वजनिक निजी भागीदारी का प्रस्ताव किया गया

उपनगरीय रेलवे में निवेश के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल का प्रस्ताव

केन्द्रीय बजट में सरकार ने समर्पित माल ढुलाई गलियारा परियोजना को 2022 तक पूरा करने का वादा किया

रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण का व्यापक कार्यक्रम इस वर्ष शुरू किया जाएगा


केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज लोकसभा में 2019-20 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि तीव्र विकास सुनिश्चित करने तथा ट्रैकों, रॉलिंग स्टॉक के निर्माण को पूरा करने और यात्री सेवाओं में सुधार के लिए केन्द्रीय बजट में सार्वजनिक निजी भागीदारी का प्रस्ताव किया जा रहा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि अनुमान है कि 2018-2030 के बीच रेल अवसंरचना के लिए 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी। इसे देखते हुए रेलवे का पूंजी परिव्यय प्रति वर्ष 1.5 से 1.6 लाख करोड़ रुपये है। सभी मंजूर परियोजनाएं पूरी करने में कई दशक लग जाएंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय रेल की उपनगरीय तथा लंबी दूरी वाली सेवाएं मुंबई जैसे महानगरों और छोटे शहरों में चमत्कारी कार्य कर रही हैं। रेलवे को दिल्ली-मेरठ मार्ग पर प्रस्तावित रैपिड रीजनल ट्रांसपोर्ट सिस्टम जैसी विशेष प्रयोजन साधन संस्थाओं के लिए उप-शहरी रेलवे में अधिक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि हम 2022 तक डेडिकेटेड फ्रैट कोरिडोर परियोजना को पूरा कर लेंगे, जो रेल यात्रियों के लिए मौजूदा रेलवे नेटवर्कों को मुक्त रखेगी।

सरकार उन एनआरआई को आधार कार्ड जारी करने पर विचार करेगी, जिनके पास भारतीय पासपोर्ट हैं

2019-20 के दौरान सरकार 4 नए दूतावास खोलेगी

17 आइकॉनिक पर्यटन स्थलों को विश्व स्तरीय पर्यटन गंतव्यों के रूप में विकसित किया जाएगा

भारतीय विकास सहायता योजना (आईडियाज) में बदलाव किया जाएगा


केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने आज लोकसभा में 2019-20 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार उन एनआरआई को आधार कार्ड जारी करने पर विचार करेगी, जिनके पास भारतीय पासपोर्ट हैं। उन्होंने एक मिशन लांच करने का प्रस्ताव दिया, जो भारतीय पारम्परिक कारीगरों और उनके उत्पादों को वैश्विक बाजार से जोड़ेगा। जहां भी आवश्यकता होगी इनके लिए पेटेंट और भौगोलिक संकेतक प्राप्त किए जाएगे।

भारत के सॉफ्ट पॉवर की विभिन्न तरीकों से सराहना की जा रही है। पिछले तीन वर्षों के दौरान 192 देशों में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया। महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन 'वैष्णव जन तो तेने कहिए' को 40 देशों में उनके प्रमुख कलाकारों द्वारा गाया जा रहा है। वार्षिक 'भारत को जानो' क्विज प्रतियोगिता में न केवल एनआरआई बल्कि विदेशी भी भाग ले रहे है।

4 नए दूतावास

वित्त मंत्री ने कहा, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भारत के बढ़ते प्रभाव और नेतृत्व को मजबूती प्रदान करने के लिए सरकार ने दूतावास और उच्चायोग उन देशों में स्थापित करने का निर्णय लिया है जहां अभी तक भारत का रेजीडेंट राजनयिक मिशन नहीं है। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान सरकार 4 नए दूतावास स्थापित करेगी। इससे विदेश में भारत की उपस्थिति में विस्तार होगा तथा दूतावास स्थानीय भारतीय समुदाय को बेहतर सेवाएं प्रदान करेगी।

मार्च, 2018 में सरकार ने अफ्रीका (रंवाडा, दिजिबाउती, इक्वेटेरियल ग्वीनिया, ग्वीनिया, कांगो गणराज्य, बुरकीना फासो, कैमरून, मॉरीटेनिया, केप वर्दे, सियरा लियोन, चाड, साओ तोम तथा प्रिंसिप, इरीट्रिया, सोमालिया, ग्वीनिया बिसाउ, स्वाजीलैंड, लाईबेरिया और टोगो) में 18 नए भारतीय राजनयिक मिशन स्थापित करने की मंजूरी दी। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान रंवाडा, दिजिबाउती, इक्वेटेरियल ग्वीनिया, ग्वीनिया गणराज्य और बुरकीना फासो में 5 दूतावास खोले जा चुके है।

आईडियाज

वित्त मंत्री ने कहा कि प्राचीन बुद्धिमता को ध्यान में रखते हुए भारत ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग के माध्यम से देशों के साथ आर्थिक सहयोग की नीति का पालन किया है। भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। सरकार वैकल्पिक विकास मॉडलों पर ध्यान देगी। इनमें निजी क्षेत्र हिस्सेदारी, बहुपक्षीय वित्त पोषण, कॉरपोरेट और अनिवासी भारतीयों द्वारा योगदान शामिल है। वित्त मंत्री ने प्रस्ताव दिया कि आईडियाज योजना की चालू वित्त वर्ष में पुनर्संरचना की जाएगी। भारतीय विकास सहायता योजना (आईडियाज) विकासशील देशों में ढांचागत संरचना विकास तथा क्षमता निर्माण की परियोजनाओं के लिए रियायती दर पर धनराशि उपलब्ध कराती है।

आइकॉनिक पर्यटन केन्द्र

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार 17 आइकॉनिक पर्यटन केन्द्रों को विश्व स्तरीय गंतव्यों के रूप में विकसित कर रही है, जो अन्य पर्यटन केन्द्रों के लिए एक आदर्श केन्द्र साबित होगा। इससे पर्यटकों का अनुभव बेहतर होगा और इन स्थलों पर घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।

जनजातीय सांस्कृतिक विरासत का डिजिटल भंडार

वित्त मंत्री ने घोषणा की कि समृद्ध जनजातीय सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए एक डिजिटल भंडार का विकास किया जा रहा है, जहां दस्तावेज, लोक गीत, तस्वीर और वीडियो डिजिटल रूप में रखे जाएंगे। डिजिटल भंडार में जनजातियों के विकास, उद्गम, जीवन पद्धति, स्थापत्य कला, शैक्षणिक स्तर, पारम्परिक कला, लोक नृत्य आदि को संरक्षित किया जाएगा।

जीएसटी प्रक्रियाओं को और सरल बनाया गया: 5 करोड़ वार्षिक से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को त्रिमासिक जीएसटी रिटर्न फाइल करनी है: सामान आपूर्तिकर्ता के लिए शुरूआती सीमा 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये की गई

पूर्व जीएसटी शासन पूर्व के 3.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि वाले मुकदमों के निपटान के लिए सबका विश्‍वास विवाद समाधान नीति योजना

भारत में गैर-निर्मित रक्षा उपकरणों पर सीमा शुल्‍क की छूट: मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए कुछ वस्‍तुओं पर सीमा शुल्‍क बढ़ाया गया

पेट्रोल और डीजल के उत्‍पाद शुल्‍क और उपकर में एक-एक रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्‍तरी: सोने और अन्‍य बहुमूल्‍य धातुओं पर लगने वाला सीमा शुल्‍क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत किया गया: तम्‍बाकू उत्‍पादों और क्रूड पर बहुत कम उत्‍पाद शुल्‍क लगाया गया


केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज लोकसभा में 2019-20 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि केन्‍द्रीय बजट-2019-20 में अप्रत्‍यक्ष करों से संबंधित प्रमुख प्रस्‍तावों में जीएसटी प्रक्रियाओं को और सरल बनाया गया है। पेट्रोल और डीजल पर एक-एक रुपये प्रति लीटर का विशेष अतिरिक्‍त उत्‍पाद शुल्‍क बढ़ाया गया है, सोने और बहुमूल्‍य धातुओं पर सीमा शुल्‍क बढ़ा कर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है, तम्‍बाकू और क्रूड पर नाम मात्र का उत्‍पाद शुल्‍क लगाना शामिल है: बजट में कुछ रक्षा उपकरणों को आयात में छूट देने, कुछ कच्‍चे माल और पूंजीगत वस्‍तुओं पर सीमा शुल्‍क घटाने तथा कच्‍चे और अर्ध परिष्‍कृत चमड़े पर आयात शुल्‍क तर्कसंगत बनाने का प्रावधान किया गया है।

जीएसटी

श्रीमती निर्मला सीतारामन ने घोषणा की है कि जीएसटी प्रक्रियाओं को और सरल बनाया जा रहा है। उन्‍होंने वस्‍तुओं की आपूर्तिकर्ताओं के लिए छूट की सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये से अधिक करने की घोषणा की। 5 करोड़ रुपये से अधिक वार्षिक टर्नओवर वाले करदाता अपनी रिटर्न हर तिमाही में दाखिल करेंगे। छोटे व्‍यापारियों के लिए रिटर्न तैयार करने हेतु मुफ्त लेखा साफ्टवेयर उपलब्‍ध कराया गया है। एक पूरी तरह स्वचालित जीएसटी रिफंड मॉडयूल लागू किया जाएगा। किसी करदाता के लिए एक से अधिक कर लेजरों के स्‍थान पर एक ही लेजर बनाया जाएगा।

बजट में इलेक्‍ट्रोनिक इनवॉयस प्रणाली का प्रस्‍ताव किया गया है, जिसमें इनवॉयस विवरण जारी होने के साथ ही इस केन्‍द्रीय प्रणाली में शामिल कर लिया जाएगा। इसका करदाता द्वारा रिटर्न फाइल करने से पूर्व उपयोग किया जा सकेगा। अलग से ई-वे बिल की कोई जरूरत नहीं होगी। जनवरी, 2020 से शुरू होने वाली इलेक्‍ट्रोनिक इनवॉयस प्रणाली अनुपालन भार को कम करने में महत्‍वपूर्ण साबित होगी।

वित्‍तमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने के साथ अप्रत्‍यक्ष कर की स्थिति में महत्‍वपूर्ण सुधार हुआ है। इसे भारी सुधार की संज्ञा देते हुए उन्‍होंने कहा कि जीएसटी प्रणाली केन्‍द्र और राज्‍य को एक साथ लाने में समर्थ हुई है, जिसके परिणाम स्‍वरूप 17 कर और 13 उपकर एक हो गए हैं और करों की विभिन्‍न दरों की संख्‍या केवल चार हो गई है। लगभग सभी वस्‍तुओं की दरों में कमी हुई है। दसों तरह की रिटर्नों का स्‍थान एक रिटर्न ने ले लिया है। कर विभाग के अधिकारियों से करदाताओं का आमना-सामना कम हो गया है। सीमा पर होने वाली जांच पड़ताल समाप्‍त हो गई है। एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य में वस्‍तुओं की आवाजाही बाधा मुक्‍त होने से समय और ऊर्जा की बचत हुई है। एक राष्‍ट्र एक कर का सपना अर्जित हुआ है।

जीएसटी परिषद की प्रशंसा करते हुए वित्‍तमंत्री ने कहा कि जीएसटी के शुरूआती चरण के दौरान सामने आई समस्‍याओं के समाधान के लिए परिषद, केन्‍द्र और राज्‍यों ने सक्रिय रूप से काम किया है। जीएसटी की दरों में काफी कमी हुई है, जिससे प्रतिवर्ष लगभग 92 हजार करोड़ रुपये की राहत मिली है।

सबका विश्‍वास विवाद समाधान नीति योजना

जीएसटी शासन से पूर्व बड़ी संख्‍या में लम्बित मामलों के मुद्दों पर उन्‍होंने कहा कि इस भार को हटा कर व्‍यापार को आगे बढ़ने की अनुमति देने की जरूरत है। सेवा कर और उत्‍पाद कर के विवादों में 3.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि फंसी हुई है। बजट में विवाद समाधान-सह-माफी योजना 'सबका विश्‍वास विवाद समाधान नीति योजना-2019' का प्रस्‍ताव किया गया है। इससे इन विवादों के जल्‍दी समाप्‍त होने में मदद मिलेगी। इस योजना के तहत स्‍वैच्छिक खुलासा मामलों के अलावा अन्‍य मामलों के लिए कर में 40 से 70 प्रतिशत की राहत दी जाती है, जो कर की देय राशि पर निर्भर करती है। इस योजना में ब्‍याज और जुर्माने के भुगतान में भी राहत देने का प्रावधान है। इस योजना के तहत मुक्‍त किए गए व्‍यक्ति पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा।

सीमा शुल्‍क

सीमा शुल्‍क के बारे में वित्‍तमंत्री ने कहा कि देश की सीमाओं को सुरक्षित बनाने, मेक इन इंडिया के तहत अधिक घरेलू मूल्‍य संवर्धन अर्जित करने, आयात निर्भरता कम करने, एमएसएमई क्षेत्र को संरक्षण देना, स्‍वच्‍छ ऊर्जा को बढ़ावा देने, अनावश्‍यक आयात को रोकने, कमियां दूर करने के उद्देश्‍य के साथ प्रस्‍तावों को तैयार किया गया है। रक्षा आधुनिकीकरण और उन्‍नयन को राष्‍ट्रीय प्राथमिकता और तुरंत जरूरत बताते हुए बजट में देश में निर्मित न होने वाले रक्षा उपकरणों के आयात पर मूल सीमा शुल्‍क में छूट देने का प्रस्‍ताव किया गया है।

मेक इन इंडिया को उत्‍साह जनक लक्ष्‍य बताते हुए वित्‍तमंत्री ने कुछ विशेष वस्‍तुओं पर मूल सीमा शुल्‍क बढ़ाने का प्रस्‍ताव किया है, जिससे घरेलू उद्योगों को समानता का अवसर उपलब्‍ध हो। इन वस्‍तुओं में पीवीसी, काजू गिरी, विनाइल फलोरिंग, टाइल्‍स, मैटल फिटिंग्‍स, फर्नीचर माउंटिंग्‍स, ऑटो पार्ट्स, विशेष किस्‍म के सिंथेटिक रबड़, मार्बल स्‍लैब्स, केबिल, सीसीटीवी कैमरा, आईटी कैमरा, डिजिटल और नेटवर्क वीडियो रिकार्ड शामिल हैं। उन्‍होंने देश में अब निर्मित हो रही कुछ विशेष इलेक्‍ट्रोनिक वस्‍तुओं पर लगने वाले सीमा शुल्‍क छूट को वापस लेने का प्रस्‍ताव किया है। देश के प्रकाशन और प्रिंटिंग उद्योग को प्रोत्‍साहित करने के लिए आयातित किताबों पर 5 प्रतिशत सीमा शुल्‍क लगाया जाएगा।

घरेलू विनिर्माण को और बढ़ावा देने के लिए बजट में कुछ कच्‍ची सामग्रियों और पूंजीगत वस्‍तुओं पर सीमा शुल्‍क घटाने का प्रस्‍ताव किया गया है। इन वस्‍तुओं में सीआरजीओ सीट के कुछ उत्‍पाद, अलोय रिबन, ईथाइलीन डाइक्‍लोराइड, प्रोपाइलीन ऑक्‍साइड, कोबाल्‍ट मेट, नेफ्था, ऊन फाइबर, कृत्रिम किडनी निर्माण के सामान और डिस्‍पोजेबल स्‍ट्रेलाइज्ड, डाइलाइजर और न्‍यूक्लियर पॉवर संयंत्रों का ईंधन शामिल है। वित्‍तमंत्री ने ई-मोबिलिटी को और प्रोत्‍साहित करने के लिए विद्युत वाहनों के कुछ पुर्जों पर छूट देने की घोषणा की है।

पेट्रोल और डीजल पर शुल्‍क और उपकर

वित्‍तमंत्री ने कहा कि बजट में पेट्रोल और डीजल पर एक-एक रुपये प्रति लीटर विशेष अतिरिक्‍त उत्‍पाद शुल्‍क तथा सड़क और बुनियादी ढांचा उपकर बढ़ाने का प्रस्‍ताव किया है। कच्‍चे तेल के मूल्‍य कम हुए हैं। इससे पेट्रोल पर उत्‍पाद शुल्‍क और उपकर की समीक्षा करने का मौका मिला है।

सीतारामन ने सोने और अन्‍य मूल्‍यवान धातुओं पर लगने वाले सीमा शुल्‍क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने की घोषणा की है। बजट में कच्‍चे और अर्ध परिष्‍कृत चमड़े पर निर्यात शुल्‍क को तर्कसंगत बनाने का प्रस्‍ताव किया है ताकि इस क्षेत्र को राहत उपलब्‍ध हो।

तम्‍बाकू उतपादों और क्रूड पर शुल्‍क

वित्‍तमंत्री ने बताया कि तम्‍बाकू उत्‍पाद और क्रूड राष्‍ट्रीय आपदा और आकस्मिक ड्यूटी को बढ़ावा देते हैं। कुछ मामले इसी आधार पर लड़े जा रहे हैं कि इन वस्‍तुओं पर कोई मूल उत्‍पाद शुल्‍क नहीं है। इस मुद्दे के निपटान के लिए बजट में तम्‍बाकू उत्‍पादों और क्रूड पर बहुत कम मूल उत्‍पाद शुल्‍क लगाने का प्रस्‍ताव है। उन्‍होंने सीमा शुल्‍क अधिनियम में कुछ संशोधन करने का प्रस्‍ताव किया। उन्‍होंने बताया कि मौजूदा रूख से पता चला है कि अनावश्‍यक छूट और निर्यात प्रोत्‍साहन प्राप्‍त करने के लिए कुछ फर्जी कम्‍पनियां गलत तरीके अपना रही हैं। उन्‍होंने यह घोषणा की कि 50 लाख रुपये से अधिक की शुल्‍क मुक्‍त स्क्रिप्‍स और ड्रॉबैक सुविधा का गलत उपयोग करना एक गंभीर और गैर-जमानती अपराध होगा।

सरकार का 2019-20 के दौरान 1,05,000 करोड़ रुपये विनिवेश का लक्ष्य

एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के प्रस्ताव को फिर से शुरू किया जाएगा

निजी क्षेत्र द्वारा रणनीतिक सहभागिता के लिए केन्द्रीय सार्वजनिक उद्यमों की संख्या बढ़ाई गई


केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज लोकसभा में 2019-20 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार ने 2019-20 के दौरान 1,05,000 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की रणनीतिक बिक्री करेगी और गैर-वित्तीय क्षेत्र में लोक-उद्यमों को मजबूती प्रदान करेगी।

उन्होंने कहा कि सरकार गैर-वित्तीय सार्वजनिक क्षेत्र में विनिवेश नीति को जारी रखेगी। सरकार 51 प्रतिशत हिस्सेदारी को बनाए रखेगी। ऐसे उद्यमों पर अलग-अलग विचार किया जाएगा, जहां सरकार की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से कम हो जाती है और सरकार नियंत्रण बनाए रखना चाहती है। सरकार ने 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी की वर्तमान नीति में भी संशोधन का फैसला लिया है। इसके लिए 51 प्रतिशत हिस्सेदारी में सरकार नियंत्रित संस्थाओं की हिस्सेदारी को भी शामिल किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ चयनित केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का रणनीतिक विनिवेश सरकार की प्राथमिकता बनी रहेगी। सरकार एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया फिर से शुरू करेगी और निजी क्षेत्र द्वारा सहभागिता के लिए सार्वजनिक् क्षेत्र के उद्यमों का प्रस्ताव देगी।

विकास वित्त संस्थाओं के माध्यम से कोष उपलब्ध कराने के संबंध में अनुशंसाएं देने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा

आवास वित्त क्षेत्र के लिए प्रस्तावित नियमन प्राधिकरण आरबीआई को सौंपा जाएगा

पीएफआरडीए से एनपीएस ट्रस्ट को पृथक करने का प्रस्ताव

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 6 महीने के लिए आंशिक ऋण गारंटी देने का प्रस्ताव


केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज लोकसभा में 2019-20 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार ने अगले पांच वर्षों के दौरान ढांचागत संरचना में 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश करने की इच्छा व्यक्त की है। इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा, जो दीर्घ अवधि की वित्त उपलब्धता के संबंध में वर्तमान स्थिति और विकास वित्त संस्थाओं के बारे में हमारे पूर्व के अनुभव का अध्ययन करेगी। समिति विकास वित्त संस्थाओं के माध्यम से कोष प्रवाह और संरचना के संबंध में अनुशंसाएं देने प्रदान करेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि आवास क्षेत्र के दक्षता पूर्ण नियमन के लिए आवास वित्त क्षेत्र के नियमन प्राधिकरण को एनएचबी से वापस लेकर आरबीआई को पुनः सौंपा जाएगा। इस संबंध में वित्त विधेयक में आवश्यक प्रस्ताव शामिल किए गए हैं।

सदस्यों के हितों को ध्यान में रखते हुए तथा पीएफआरडीए से एनपीएस ट्रस्ट के संबंध से समान दूरी रखते हुए पीएफआरडीए से एनपीएस ट्रस्ट को पृथक करने के लिए कदम उठाए जाने का प्रस्ताव दिया गया है। इसके लिए उचित सांगठनिक संरचना भी गठित की जाएगी। अंतर्राष्ट्रीय बीमा लेन-देन और विदेशी बीमा कम्पनियों की शाखाओं को खोलने के संबंध में वित्त मंत्री ने कहा कि कुल पूंजी आवश्यकता को 5000 करोड़ रुपये से कम करके 1000 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है।

वित्तीय रूप से मजबूत एनबीएफसी के उच्च श्रेणी वाले सम्मिलित परिसम्पत्तियों (मूल्य चालू वित्त वर्ष में 1 लाख करोड़) को खरीदने के लिए सरकार ने पहली बार 10 प्रतिशत तक के घाटे के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 6 महीने का आंशिक ऋण गारंटी देने का प्रस्ताव दिया है।

ऋण को प्रोत्साहन देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी दी जाएगी

सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को पहली बार 10 प्रतिशत तक के घाटे के लिए एक बार छह महीने का आंशिक ऋण गारंटी प्रदान करेगी

वित्त विधेयक में एनबीएफसी पर आरबीआई के नियामक प्राधिकरण को मजबूती प्रदान करने के समुचित प्रस्ताव दिए गए है


केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज लोकसभा में 2019-20 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए तथा ऋण को प्रोत्साहन देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी दी जाएगी। जीवन जीने के आसानी के लिए बैंक तकनीक का उपयोग करके ऑनलाइन व्यक्तिगत ऋण और घर पर बैंकिंग सुविधा प्रदान करेगे। सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक का ग्राहक सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों की सुविधा का लाभ लेने में सक्षम होगा। वर्तमान में बैंक खाताधारक के खाते में कोई भी व्यक्ति रकम जमा कर सकता है। इस पर खाताधारक का कोई नियंत्रण नहीं होता। सरकार ऐसे खाताधारकों को सशक्त बनाने के लिए कदम उठाएगी। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रशासन को मजबूत करने के लिए सुधार करेगी।

बैंकिंग प्रणाली को दोषरहित बनाने के प्रयासों के वित्तीय लाभ मिलने लगे है। पिछले वर्ष वाणिज्यिक बैंकों के फंसे कर्ज में 1 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है। आईबीसी तथा अन्य उपायों के कारण बैंकों ने 4 लाख करोड़ रुपये प्राप्त किए है। सुविधा कवरेज अनुपात 7 वर्षों में अपने उच्चतम स्तर पर है। घरेलू ऋण बढ़कर 13.8 प्रतिशत हो गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए सरकार ने बैंकों की संख्या घटाकर 8 कर दी है।



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