डायबिटीज के मरीज भी खाएं लड्डू

डायबिटीज के मरीज भी खाएं लड्डू
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ऐसा देखा जाता है कि डाक्टर हमें जिस चीज को खाने से मना कर दें वही चीज खाने की इच्छा होती है। डायबिटीज के मरीजों को मीठा खाने से मना किया जाता है। उन्हें बिना शक्कर की चाय पीनी पड़ती है। वे कहीं भी जाएं तो चाय की बात सामने आते ही कहते हैं बिना चीनी की चाय बनाना। हालांकि शादी-व्याह में उन्हें अपने पर नियंत्रण नहीं रहता और एक-दो गुलाब जामुन खा ही जाते हैं। डायबिटीज की समस्या सबसे ज्यादा बुर्जुर्गों में होती है और परिवार के अन्य लोग जब लड्डू-जलेबी पर हाथ साफ कर रहे होते हैं तो उन्हें भी खाने की इच्छा होती है। इसलिए हम आपको ऐसे लड्डू बनाने के बारे में बता रहे हैं जिन्हें डायबिटीज के मरीज भी खा सकते हैं और उनके स्वास्थ्य को भी कोई नुकसान नहीं होगा।

लड्डू बनाने की विधि
इसके लिए आपको सबसे पहले 100 ग्राम मेथी को कम आंच पर हल्का गहरा रंग होने तक भून लें और फिर इसे पीस लें। इसके साथ ही सूखे अदरक को पीस लें। अब एक कड़ाही में 2 बड़ा चम्मच घी डालें और आधा किलोग्राम आटा डालें। आटे को चलाते हुए भूनते रहें जब आटा लगभग भुन जाए तो इसमें दो चम्मच गोंद डाल दें। थोड़ी देर बाद इसे आंच से उतार लें और इसमें मेथी के दानों का पाउडर और सूखे अदरक का पाउडर डालकर मिला लें।
अब फिर से आंच पर कड़ाही चढ़ाएं और इसमें 400 ग्राम गुड़ डालकर इसे पिघलने दें। अगर गुड़ पिघलने में परेशानी हो तो इसमें थोड़ा सा पानी मिला लें। पूरी तरह पिघलकर जब गुड़ गाढ़ा पेस्ट बन जाए तो इसे आंच से उतारकर इसमें बाकी सामग्री अच्छी तरह मिला लें। अब सूखने से पहले ही इसे साफ हाथों से गोल-गोल लड्डू बना लें।
कैसे खाएं ये लड्डू
डायबिटीज के रोगियों के लिए ये लड्डू फायदेमंद होते हैं लेकिन डायबिटीज की समस्या में मीठी चीजों से परहेज बताया जाता है। गुड़ से बना होने के कारण इस लड्डू से आपके ब्लड शुगर पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है।
डायबिटीज के वो मरीज जिनका शुगर कंट्रोल है, इस लड्डू को रोजाना एक खा सकते हैं। अगर आपका शुगर लेवल पहले से बढ़ा हुआ है तो आपको ये लड्डू नहीं खाना चाहिेए। ज्यादा डायबिटीज के केस में आपको फिर मेथी को अन्य तरीकों से प्रयोग करना चाहिए। ये लड्डू कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में भी मदद करता है।
अगर आपको डायबिटीज है और आप गर्भवती हैं तो ये लड्डू न खाएं। डायबिटीज होने के कई कारण हैं। यह एक अनुवांशिक बीमारी है इसलिए बच्चों को ये बिमारी मां-बाप से भी पहुंचने की संभावना होती है। डायबिटीज दो तरह का होता है टाइप एक डायबिटीज में शरीर बिल्कुल इंसुलिन नहीं बना पाता और टाइप दो डायबिटीज में शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता या बनाए गए इंसुलिन का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता है। मेथी के दानें कई औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। ये ब्लड शुगर को निंयत्रित करने में भी मदद करती है। मेथी में प्रोटीन, नियासिन, पोटैशियम, फाइबर, विटामिन सी, आयरन, और एल्कलॉयड होते हैं। ये सभी तत्व मधुमेह रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। मेथी का स्वाद थोड़ा कड़वा होता है इसलिए इसे ज्यादा मात्रा में खाने में लोगों को परेशानी हो सकती है लेकिन इसका लड्डू बनाकर सेवन करने से इसका कड़वापन दूर हो जाता है। मेथी का लड्डू स्वादिष्ट भी होता है और सेहतमंद भी। इसलिए इसे डायबिटीज रोगियों के अलावा भी लोग खा सकते हैं।
इंसुलिन हमारी कोशिकाओं के सहारे ग्लूकोज को पूरे शरीर में पहुंचाता है। जब इंसुलिन नहीं बन पाता या कम बन पाता है तो ग्लूकोज कोशिकाओं में नहीं जा पाता और खून में घुलता रहता है। इसी कारण खून में शुगर का लेवल बढ़ता जाता है।
मेथी फाइबर और एल्कलॉयड से भरपूर होती है। मेथी में सॉल्यूबल फाइबर होता है और ये फाइबर ब्लड में शुगर के सोखने की प्रक्रिया को धीमा करता है। इसके अलावा मेथी में एमिनो एसिड भी होता है जो शरीर में इन्सुलिन का उत्पादन बढ़ाता है जिससे आपके ब्लड में ग्लूकोज कम घुलता है और शुगर लेवल धीरे-धीरे कम होता जाता है। इन्सुलिन के उत्पादन में सहायता करने के कारण ही मेथी टाइप1 और टाइप2 दोनों मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।

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