18 बहादुर बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2017 से सम्मानित किया जाएगा

18 बहादुर बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2017 से सम्मानित किया जाएगाThe Chief of Army Staff, General Bipin Rawat felicitating Nazia who has won the Bharat Award for her daring effort to take on the illegal business of gambling and betting in her neighbourhood in Agra district of Uttar Pradesh, in New Delhi

नई दिल्ली : 7 लड़कियों समेत 18 बच्चों का चयन राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिये किया गया है। 3 बहादुर बच्चों को मरणोउपरांत ये पुरस्कार दिए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24 जनवरी, 2018 को इन बच्चों को पुरस्कार देंगे। ये बहादुर बच्चे राजपथ पर आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस परेड 2018 में भाग लेंगे, जहां वे मुख्य आकर्षण केन्द्रों में एक होंगे।

प्रतिष्ठित राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार उत्तर प्रदेश की 18 वर्षीय कुमारी नाजिया को दिया जाएगा, जिन्होंने अपने घर के आस-पास दशकों से चल रहे अवैध जुए और सट्टेबाजी के खिलाफ आवाज़ उठाई। जान से मारने की धमकी के बावजूद उन्होंने अपना संघर्ष जारी रखा।

प्रतिष्ठित गीता चोपड़ा पुरस्कार कर्नाटक की 14 वर्षीय कुमारी नेत्रावती एम. चव्हाण को दिया जाएगा, जिन्होंने दो लड़कों को डूबने से बचाने के लिए अपनी जान दे दी।

संजय चोपड़ा पुरस्कार पंजाब के 17.5 वर्षीय मास्टर करनवीर सिंह को दिया जाएगा, जिन्होंने अपने निरंतर प्रयास और असीमित साहस से कई बहुमूल्य जीवनों की रक्षा की।

मेघालय के मास्टर बेटशवाजॉन पेनलेंग (14 वर्ष), ओडिशा की कुमारी ममता दलाई (7.5 वर्ष) और केरल के मास्टर सेवेस्टियन विनसेंट (13.5 वर्ष) को बापू गैधानी पुरस्कार दिया जाएगा। बेटशवाजॉन ने बहादुरी से अपने भाई को जिंदा जलने से बचाया। ममता दलाई ने अपनी दोस्त को एक मगरमच्छ के जबड़े से बाहर निकाला। सेवेस्टियन ने रेल पटरी पर एक दुर्घटना से अपने दोस्त को बचाया।

पुरस्कार प्राप्त करने वाले अन्य बच्चे हैं- कुमारी लक्ष्मी यादव (छत्तीसगढ़), कुमारी मनशा एन, मास्टर एन. शांगपोन कोंनयाक, मास्टर योआकनेई, मास्टर चिंगई वांगसा (सभी नागालैंड से), कुमारी समृद्धि सुशील शर्मा (गुजरात), मास्टर ज़ोनंटुलांगा, स्वर्गीय मास्टर एफ. लालचंदमा (दोनों मिजोरम से), मास्टर पंकज सेमवाल (उत्तराखंड), मास्टर नदफ मोहम्मद अब्दुल रउफ (महाराष्ट्र), स्वर्गीय कुमारी लोक्राकपम राजेश्वरी छानू (मणिपुर) और मास्टर पंकज कुमार महंता (ओडिशा)।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और अन्य गणमान्य व्यक्ति इन बच्चों से मुलाकात करेंगे। भारतीय बाल कल्याण परिषद द्वारा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार की शुरूआत की गई है।

पुरस्कार के अंतर्गत एक मेडल, प्रमाण-पत्र और नगद धनराशि दी जाती हैं। स्कूली शिक्षा पूरी करने तक उन्हें वित्तीय सहायता भी दी जाती है। कुछ राज्य सरकारें भी उन्हें वित्तीय सहायता देती हैं।

1957 से अब तक 963 बहादुर बच्चों को ये पुरस्कार दिए गए हैं जिनमें 680 लड़के और 283 लड़कियां हैं।

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