मुजफ्फरनगर में 5.31 लाख पौधे रोपित करने की तैयारी

मुजफ्फरनगर में 5.31 लाख पौधे रोपित करने की तैयारी

मुजफ्फरनगर : जिलाधिकारी जी0एस0 प्रियदर्शी के निर्देश पर प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी की अध्यक्षता में वृक्षारोपण समिति की बैठक का आयोजन कैलक्टेªट सभागार में किया गया। उन्होने बताया कि वर्ष 2018-19 के लिए 470 हैक्टेयर भूमि पर 5 लाख 31 हजार 300 पौधे रोपित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होने बताया कि लगभग 300 हैक्टेयर से अधिक भूमि का चिन्हांकन कर लिया गया है। शेष भूमि यथाशीघ्र चिन्हित कर ली जायेगी। उन्होने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा गत बैठक में निर्देश दिये गये थे कि नदियों के आस पास घने जंगल विकसित करने हेतु सिंचाई विभाग की खाली पडी भूमि का चिन्हीकरण कर जन अभियान चलाकर वृक्षारोपण कराया जाये। उन्होने बताया कि जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिये थे कि नदियों को पुर्नजीवित रखने का एक मात्र यही विकल्प है कि नदियों के किनारे घने जंगल विकसित किये जाये तथा छायादार वृक्षों के साथ-साथ फलदार वृक्ष भी लगाये जाये। इसके लिए जिला उद्यान अधिकारी से समन्वय करने के भी निर्देश दिये गये थे। जिलाधिकारी द्वारा डीएफओ को यह भी निर्देश दिये गये थे कि पौधे रोपित करने के बाद उनके रख-रखाव हेतु 3 वर्षो के रख-रखाव का प्राक्कलन भी बनाया जाये।

डीएफओ ने समिति को जिलाधिकारी के निर्देशों से अवगत कराते हुए बताया कि वन विभाग की भूमियों को सुरक्षित रखने हेतु किनारे-किनारे सुरक्षा खाई बनायी जाये और इस पर वृक्षारोपण कराया जाये जिससे वन विभाग की भूमि का हमेशा के लिए चिन्हांकन हो जायेगा। उन्होने बताया कि इसके लिए वन विभाग को मनरेगा योजनान्तर्गत कार्य योजना बनाये जाने के निर्देश दिये गये है। उन्होने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा यह भी निर्देश दिये गये है कि जानसठ रेंज के अन्तर्गत खाली पडी वन विभाग की भूमि पर सुरक्षा खाई बनाते हुए वृक्षारोपण कराया जाये। उन्होने बताया कि वन विभाग की ऐसी भूमि जो अतिक्रमण मुक्त करायी गयी है उस पर भी वृक्षारोपण कराये जाने के निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिये गये है। उन्होने बताया कि वन विभाग अपनी भूमि की बाउण्ड्री के किनारे-किनारे वृक्षारोपण का कार्य करायेगा जिससे वन विभाग की भूमि सुरक्षित हो जाये।
डीएफओ ने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा यह भी निर्देश दिये गये है कि वर्ष 2017-18 के विभागो को आवंटित लक्ष्य की शत प्रतिशत पूर्ति की जाये और कराये गये वृक्षारोपण का सत्यापन कराकर रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रस्तुत की जाये। उन्होने कहा कि सभी विभाग अपनी सत्यापन रिपोर्ट यथाशीघ्र उपलब्ध कराये। उन्होने बताया कि अभी तक 188 हैक्टेयर वन विभाग की भूमि चिन्हित कर ली गयी है 40 हैक्टेयर ग्राम समाज की भूमि चिन्हित हुई है, 20 हैक्टेयर भूमि का चिन्हांकन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा किया गया है। इसके अतिरिक्त 40 हैक्टेयर भूमि वृक्षारोपण हेतु सिंचाई विभाग ने चिन्हित की है। उन्होने बताया कि इसके अतिरिक्त अन्य विभागो द्वारा भी भूमि चिन्हित हुई है। डीएफओ ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम में नदियों को पुर्नजीवित और उनका अस्तित्व कायम रखने के लिए नदियों के किनारे घने जंगल विकसित किये जायेगे। उन्होने बताया कि वित्त वर्ष 2017-18 में मात्र हिण्डन के किनारे ही 45 हजार पौधे लगाये गये थे। उन्होेने बताया कि आवश्यकता से भी अधिक भूमि का चिन्हांकन यथाशीघ्र कर लिया जायेगा। उन्होने जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम मंे मुजफरनगर विकास प्राधिकरण,एनएचएआई, उपसा को भी भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिये। अधिशासी अभियंता सिंचाई ने बताया कि भूमि की कमी नही है रजवाहों एवं नहरों के किनारे काफी भूमि उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला विद्यालय निरीक्षक को भी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों की भूमि जल्द से जल्द चिन्हित कर अवगत कराये जाने के निर्देश दिये।
डीएफओ ने कहा कि सभी विभाग से समन्यव स्थापित कर वृक्षारोपण का निर्धारित लक्ष्य जिलाधिकारी के आदेशानुसार पूर्ति कराना सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होने कहा कि वृक्षारोपण महत्वपूर्ण एवं प्राथमिकता वाला कार्यक्रम है। उन्होने कहा कि जितना महत्वपूर्ण वृक्ष लगाना है उससे अधिक महत्वपूर्ण पौधों की देख भाल और सुरक्षा है। उन्होने बताया कि जहां जंगली जानवरों द्वारा पौधों को नुकसान पहुंचायें जाने की आशंका होगी वहां ट्रीगार्ड भी लगाये जायेगे। उन्होने बताया कि मानव जीवन के लिए वृक्षारोपण अतिआवश्यक है वृक्षों से हमें जीवन दायनी आक्सीजन प्राप्त होती है। उन्होने बताया कि आक्सीजन के बिना जीवन सम्भव नही है। उन्हेाने कहा कि सभी का कर्तव्य बनता है कि सभी नागरिक वृक्षारोपण जैसे महत्वपूर्ण अभियान में अपनी भूमिका निभाये।
डीएफओ ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार केवल लक्ष्य की पूर्ति ही नही करना है बल्कि पौधोें को सुरक्षित एवं जीवित रखने के लिए भी योजना तैयार की जाये। उन्हेाने कहा कि जिस विभाग की भूमि पर पौधारोपण किया जाये उस विभाग का दायित्व होगा कि वो उन्हें सुरक्षित और संरक्षित करे जिससे एक हरा भरा माहौल मिल सकें। उन्हेाने कहा कि नदियों को पुर्नजीवित करने कर एक मात्र यही उपाय है कि नदियों के किनारें घने जंगल विकसित किये जाये। उन्हेाने यह भी निर्देश दिये कि छायादार वृक्षो के साथ साथ फलदार वृक्ष भी लगाये जाये।
बैठक में बीएसए, जिला उद्यान अधिकारी, उपसा एवं मुजफरनगर विकास प्राधिकरण सहित सम्बन्धित अधिकारी गण उपस्थित रहे।

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