लाइन लॉस 15 प्रतिशत से कम करने के लिए हरसंभव प्रयास करें अधिकारी : पं. श्रीकान्त शर्मा ऊर्जा मंत्री

लाइन लॉस 15 प्रतिशत से कम करने के लिए हरसंभव प्रयास करें अधिकारी : पं. श्रीकान्त शर्मा ऊर्जा मंत्री

लखनऊ : 20 जनवरी , 2018 : नोएडा के पावर मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट में उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री पं. श्रीकांत शर्मा ने शनिवार को उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) द्वारा उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय) पर केंद्रित एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यशाला में यूपीपीसीएल के अध्यक्ष आलोक कुमार, एमडी अपर्णा यू.,प्रदेश की सभी विद्युत वितरण कंपनियों के प्रबंध निदेशकों और निदेशकों ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला का उद्देश्य ''उदय योजना'' की शर्तों के अनुसार प्रदेश में विद्युत वितरण कंपनियों की आर्थिक स्थिति सुधारने व लाइन लॉस कम करने के मोर्चे पर हो रहे कार्यों की प्रगति को समझना और सुधार के लिए अलग-अलग कंपनियों द्वारा उठाए जा रहे कदमों और नए उपायों को साझा करना था।
मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हम सब सौभाग्यशाली हैं कि हम उस सरकार का हिस्सा हैं, जिसमें काम करने की पूरी आजादी है। हमारा मार्गदर्शन प्रधानमंत्री श्री मोदी जी और मुख्यमंत्री श्री योगी जी कर रहे हैं, जिनका एक ही लक्ष्य है-देश और प्रदेश की तरक्की।
श्रीकांत शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री योगी जी का ऊर्जा विभाग पर विशेष ध्यान है। इसलिए वह हर दिन विभाग की योजनाओं और नए कार्यों की प्रगति के बारे जानकारी लेते हैं। उनकी मंशा विभाग को उपभोक्ता फ्रेंडली बनाने की है, ताकि लोग आसानी से कनेक्शन ले सकें और तेजी से समस्याओं का समाधान पा सकें। योगी सरकार नई सोच की सरकार है और नया करने में विश्वास रखती है। इसलिए अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को बिना किसी दबाव के पूरी स्वतंत्रता से विभाग व जनता के हित में काम करने की छूट दे रही है। आज तक किसी सरकार ने ऐसी छूट नहीं दी है। इसलिए सरकार की भी अपेक्षा है कि अधिकारी व कर्मचारी तय लक्ष्यों को समय सीमा के भीतर हासिल करें और उपभोक्ताओं के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करें।
बीते 10 माह में विभाग के कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा, योगी सरकार ऊर्जा विभाग में बड़े बदलाव लाने में सफल रही है। इस बदलाव को केंद्र सरकार के साथ कई राज्यों की सरकारों ने भी उल्लेखनीय उदाहरण के रूप में स्वीकार किया है। स्वाभाविक रूप से हमसे अपेक्षाएं भी कई गुना बढ़ गई हैं। इन अपेक्षाओं को पूरा करने की क्षमता आप सब में है, बस जरूरत है अपनी सोच व कार्य पद्धति में थोड़े बदलाव की और कामकाज की सरकारी कार्यशैली से बाहर आने की। अपने काम और लक्ष्य के प्रति जो नजरिया निजी व मल्टीनेशनल कंपनियों के कर्मियों का होता है, अगर आप भी वह अपना लें,तो किसी भी लक्ष्य को पाना असंभव नहीं है। हमारे अधिकारी क्षमता, दक्षता और प्रतिभा के मामले में निजी कंपनियों के सीईओ से कम नहीं हैं।
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा, प्रदेश में जब योगी सरकार आई थी, तो बिजली विभाग आईसीयू में था और विभाग की आर्थिक स्थिति भी डावांडोल थी। काफी लोगों में आदत पड़ गई थी कि बिजली लो, लेकिन बिल मत दो। ऐसे लोगों को पूर्व सरकार का राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त था। योगी सरकार ने इस परिपाटी को बदलने का काम किया। लोगों को बेहतर बिजली देकर हमने लोगों का आह्वान किया कि आप हमें बिल दो, हम आपको बिजली देंगे। इस बात का प्रदेश में काफी सकारात्मक असर हुआ। बिजली आपूर्ति बेहतर होने से अब ज्यादा से ज्यादा लोग बिल देने को आगे आ रहे हैं। ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि हम उपभोक्ता को जो भी बिल जारी करें, वह पूरी तरह से सही हों। हमें अपने बिलिंग सिस्टम को ऐसा बनाना है कि उसमें करप्शन और करेक्शन के लिए कोई गुंजाइश न रहे। जब ऐसा होगा,तो उपभोक्ताओं की एक बड़ी समस्या का स्वतः समाधान हो जाएगा। श्उदय योजनाश् के लक्ष्य के अनुसार हमें मार्च 2019 तक प्रदेश का लाइन लॉस 15 प्रतिशत से कम करना है। इस लक्ष्य को पाने के लिए सरकार हर संभव मदद देने को तैयार है। इस कार्य में बिजली चोरी बड़ी बाधा है। उसे दूर करने के लिए हमने विजिलेंस टीम की संख्या 33 से बढ़ाकर 88 कर दी है। फरवरी के पहले सप्ताह में सभी 75 जिलों में बिजली थाने शुरू करने जा रही है।
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने राजस्व बढ़ाने के लिए फीडर मीटरिंग, एनर्जी ऑडिट, सभी बिजली कनेक्शन की मीटरिंग, फीडर सेग्रिगेशन, शत-प्रतिशत बिलिंग व उसके अनुपात में अधिकतम राजस्व वसूली के लिए ज्यादा ध्यान दिए जाने की जरूरत पर भी बल दिया।
कार्यशाला का समापन प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार ने ऊर्जा मंत्री जी का धन्यवाद ज्ञापन कर किया। इस अवसर पर यूपीपीसीएल की एमडी अपर्णा यू.सभी वितरण कंपनियों के एमडी और डायरेक्टर उपस्थित थे।

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