प्रियंका के प्रहार से पलट गयी सरकार

प्रियंका के प्रहार से पलट गयी सरकार
  • whatsapp
  • Telegram
  • koo
  • Story Tags


दो दिन के हाईप्रोफाइल ड्रामे के बाद बीते दिवस हालांकि यूपी सरकार ने दो कदम पीछे हटते हुए चुनार गेस्ट हाउस में नजरबंद प्रियंका के सामने हथियार डालकर आखिर उन्हें पीड़ितों से मिलवाकर मामले को निपटाने की कोशिश की है, लेकिन इससे मृत प्रायः कांग्रेस को नई संजीवनी भी दे दी है। इस पूरे प्रकरण में प्रियंका गांधी वाड्रा ने खुद को जिस तरह से प्रस्तुत किया, उससे ये कयास लगाये जाने लगे हैं कि प्रियंका गांधी यूपी में ही नहीं, बल्कि देश में कांग्रेस का बड़ा चेहरा हो सकती है। यह बात उस समय और भी बेहद खास मायने रखती है, जब कांगे्रेस को अपने नये राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश है। सोनभद्र प्रकरण का सियासत पर इतना असर हुआ है कि सीएम योगी को सोनभद्र पहुंचकर सियासी डेमेज कन्ट्रोल का प्रयास करना पड़ा।

ज्ञात हो कि सोनभद्र के घोरावल कोतवाली क्षेत्र की मूर्तियां ग्राम पंचायत के उम्भा गांव में जमीनी विवाद के चलते चली गोली में 9 की मौत हो गई व 25 घायल हो गए थे। इसके बाद गांव में एसपी सहित भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। इस मामले में बिहार कैडर के एक आईएएस अधिकारी का नाम भी सामने आया था। हालांकि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोनभद्र की घटना को लेकर तत्काल ही सरकार से दोषियों के खिलाफ सख््त कार्रवाई करने और मृतकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की थी, लेकिन जिस तरह से इस मामले को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने संज्ञान लेकर जो स्टैण्ड लिया, वह अन्य सियासी दलों के लिए राॅल माॅडल बन कर रह गया और क्षेत्रीय व राष्ट्रीय दलों ने इस मामले का संज्ञान लिया, लेकिन बाजी कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा के ही हाथ लगी। सोनभद्र मामले को लेकर प्रियंका गांधी न केवल पीड़ितों से मिलने सोनभद्र के लिए निकल पड़ी, बल्कि पुलिस-प्रशासन द्वारा रोके जाने पर वे सड़क पर ही बैठ गयी और प्रशासन द्वारा चुनार गेस्ट हाऊस में नजर बंद करने के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा जमानत लेने की पेशकश पर उन्होंने जेल जाना स्वीकार करते हुए जमानत लेने से साफ इंकार कर दिया। साथ ही उन्होंने पूछा था कि उन्हें बताया जाये कि उनका अपराध क्या है और वे क्यों जमानत लें। प्रियंका गांधी के अड़ जाने के बाद आखिर सरकार को बैकफुट पर आकर नरम रूख अपनाते हुए यू टर्न लेना पड़ा और लगभग उनके आगे हथियार डालते हुए सोनभद्र पीड़ितों को उनसे मिलवाना पड़ा। पीड़ितों से मिलते समय प्रिंयका गांधी वाड्रा बेहद भावुक नजर आयी। उन्होंने पीड़ितों के न केवल आंसू पौंछे और अपने हाथों से पानी पिलाया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि वे हर हाल में उनके साथ हैं और उन्हें न्याय दिलाकर ही रहेंगी।

सोनभद्र हत्याकाण्ड़ में प्रियंका का रोल बेहद सराहनीय रहा। कांग्रेसियों की मानें तो यह योगी सरकार की हार और कांग्रेस की सैद्धान्तिक जीत है और इससे कांग्रेस में एक नये उत्साह का संचार हुआ है। इससे यूपी सरकार को यह भी स्पष्ट संदेश मिला है कि विगत चुनाव में कांग्रेस भले ही कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पायी हों, लेकिन अब वह सरकार के लिए स्पीड़ बे्रेकर का काम अवश्य ही करेगी। इस संदेश का क्रियात्मक रूप बहुत ही जल्द लोगों को आज उस समय देखने को मिल गया, जब सीएम योगी आदित्यनाथ सोनभद्र जा पहुंचे और उन्होंने घायलों का हाल जाना।

जानकारों की मानें तो सोनभद्र हत्याकाण्ड़ के बाद प्रियंका गांधी द्वारा लिए गये स्टैण्ड़ के दौरान पुलिस-प्रशासन की हटधर्मी से भी जनता में गलत संदेश गया है, जिसका डैमेज कंट्रोल मुमकिन नहीं दिख रहा है। क्योंकि आरोप है कि एसपीजी सुरक्षा प्राप्त प्रियंका गांधी वाड्रा को चुनार गेस्ट हाऊस में नजर बदं करने के दौरान वहां की लाईट का प्रबन्ध नहीं किया गया और उन्हें मोबाइल की रोशनी में मीडिया से बात करनी पड़ी। हालांकि यह मुद्दा जब मीडिया की सुर्खी बना तो वहां जेनरेटर चला दिया गया था।

epmty
epmty
Top