बीएस येदियुरप्पा के रोड शो का संकेत

बीएस येदियुरप्पा के रोड शो का संकेत
  • whatsapp
  • Telegram
  • koo

कर्नाटक में चुनावी घमासान दिन प्रतिदिन तेज होता जा रहा है। मतदान की तारीख 12 मई जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, सभी राजनीतिक दल और उनके प्रत्याशी मतदाताओं को प्रभावित करने में कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहते। मुख्य मुकाबला तीन राजनीतिक दलों के बीच दिखाई पड़ रहा है। सत्तारूढ़ कांग्रेस, मुख्य विपक्षी भाजपा और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल (एस) के नेता शहर से लेकर गांव-गांव तक घूम रहे हैं। ऐसे गहमागहमी भरे माहौल में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी बीएस येदियुरप्पा ने 19 अप्रैल को नामांकन दाखिल किया। उन्होंने नामांकन से पूर्व रोड शो किया जिसमें बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। इस रोड शो का संकेत यदि समझा जाए तो यही कहा जा सकता है कि इस बार भाजपा वहां अपनी सरकार बनाने में सफल रहेगी। बीएस येदियुरप्पा के रोड शो का संकेतने भी इसी जन समर्थन को देखकर कहा है कि 40 हजार वोटों से जीत दर्ज करूंगा।
बीएस येदियुरप्पा अपनी परम्परागत सीट शिमोग से सांसद हैं और कर्नाटक भाजपा इकाई के अध्यक्ष भी। इस प्रकार भाजपा का राज्य में नेतृत्व वही कर रहे हैं। इसलिए 2013 के विधानसभा चुनाव से इस चुनाव का आकलन नहीं किया जा सकता। उस समय श्री येदियुरप्पा ने भाजपा से अलग होकर अपनी पार्टी बनायी थी और उन्हें 225 सदस्यीय विधानसभा में 6 विधायक मिले थे। बाद में वह 2014 के लोकसभाा चुनाव में भाजपा में वापस आ गये और शिमोग से उन्हें शानदार सफलता मिली। उससे पूर्व 2008 में श्री येदियुरप्पा ही भाजपा के प्रदेश मंे सबसे लोकप्रिय नेता थे और दक्षिण भारत में भाजपा को पहली बार बहुमत से सरकार बनाने का अवसर देकर प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री बने थे। इस बार भाजपा को उन्होंने 2008 की तरह ही संगठित किया है। भाजपा और कांग्रेस की ओर से उम्मीदवारांे की सूची जारी करने के बाद नामांकन दाखिल करने का सिलसिला शुरू हो गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने इस बार शिकारीपुर विधानसभा क्षेत्र से अपना पर्चा दाखिल किया है। पर्चा दाखिल करने से पहले उन्होंने रोड शो किया जिसमें बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने श्री येदियुरप्पा पर ही भरोसा जताया है क्योंकि वे दक्षिण भारत में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त कर चुके हैं और जनता का समर्थन और विश्वास उनके साथ है। बीएस येदियुरप्पा की छवि किसानों के बीच विशेष रूप से अच्छी है।
कर्नाटक के मौजूदा राजनीतिक समीकरण को देखें तो 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश की कुल 224 विधानसभा सीटों में से 122 कांग्रेस के खाते में गयी थीं जबकि भाजपा और जनता दल (एस) के खाते में 40-40 विधायक रहे थे। भाजपा से अलग होकर वी.एस. येदियुरप्पा ने पार्टी बनायी थी जिसे 6 विधायक मिले थे। इस बार हालात 2008 की तरह दिखाई पड़ रहे हैं जब भाजपा ने स्पष्ट बहुमत से सरकार बनायी थी। भाजपा ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत लगा दी है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह लगातार वहां का दौरा कर रहे हैं। इसके अलावा भाजपा के कई अन्य नेता भी वहां डेरा डाले हुए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अब तक प्रदेश का 6 बार दौरा किया है लेकिन इस बीच हैदराबाद की मक्का मस्जिद विस्फोट के मामले में अदालत के फैसले ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर दिया है क्योंकि कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद का जो मुद्दा उठाया था उसे अदालत ने खारिज कर दिया। इसीलिए अमित शाह ने भावुक होकर कहा था कि हिन्दू संस्कृति को बदनाम करने के लिए राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए। राहुल ने महान हिन्दू संस्कृति को आतंकवाद से जोड़ने का पाप किया है।
उधर, कांग्रेस की घबड़ाहट भी दिखाई पड़ने लगी है जिससे भाजपा नेताओं का दावा और मजबूत माना जा रहा है। कांग्रेस ने इस बार भी मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्ध रमैया को ही मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी लगभग घोषित कर रखा है। सिद्ध रमैया उत्तर कर्नाटक से चुनाव लड़ने में घबड़ाहट महसूस कर रहे हैं। हाल ही में सिद्ध रमैया ने कहा था कि वे दो सीटों से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने चामुंडेश्वरी सीट से अपना नामांकन कर रखा है। अब चर्चा है कि सिद्धरमैया बादामी विधानसभा क्षेत्र से भी चुनाव लड़ेंगे। सिद्धरमैया इस बात को महसूस भी कर रहे हैं कि उनके दो सीटों से चुनाव लड़ने को पार्टी की कमजोरी बताया जाएगा। इसीलिए उन्होंने दो सीटों से चुनाव नहीं लड़ने की अपनी इच्छा से कांग्रेस आलाकमान को अवगत करा दिया। हालांकि इसे भी सियासत बताया जा रहा है। बहरहाल सिद्धरमैया कहते हैं कि गत दिनों बगलकोट जिले के नेता एक बार फिर मेरे पास आये थे। इनमें एसआर पाटिल, जीटी पाटिल तथा विधानसभा क्षेत्र बादामी के कुछ नेताओं का उल्लेख किया और कहा कि ये लोग दबाव बना रहे हैं कि मैं वहां से चुनाव लडूं लेकिन मैंने उनसे कह दिया है कि इस पर चर्चा करूंगा। पार्टी हाईकमान को भी स्पष्ट कर चुका हंू कि मैं दो सीटों पर चुनाव लड़ने का इच्छुक नहीं हूं। इस प्रकार सिद्धरमैया यह साबित करना चाहते हैं कि चामुण्डेश्वरी सीट पर उनकी विजय सुनिश्चित है लेकिन उत्तर कर्नाटक में वे चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं रखते तो इस पर विपक्षी दल भाजपा ने सवाल उठाया है।
इस प्रकार भाजपा राज्य के सभी वर्गों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के साथ ही कांग्रेस पर हमला करने का कोई अवसर नहीं गंवाती है। भाजपा ने अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी वहां चुनाव प्रवार में लगा रखा है। इनमें वे मुख्यमंत्री भी हैं जो एक दशक से ज्यादा सरकार चला चुके हैं और अपने राज्य के विकास की छवि कर्नाटक के सामने रखते हैं। गत दिनों छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा0 रमन सिंह उस समय भी मौजूद थे जब बीएस येदियुरप्पा शिकारीपुर से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन करने जा रहे थे। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि अगर कर्नाटक के लोगों को केन्द्र की नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों का लाभ हासिल है तो उन्हें भाजपा को वोट देना चाहिए। डा0 रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सिद्ध रमैया की सरकार पिछले पांच वर्षों में प्रदेश के किसानों, महिला और पिछड़े वर्ग के हितों की रक्षा करने में पूरी तरह से विफल रही है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में केन्द्र सरकार की योजनाओं के लाभ लक्षित समूहों तक क्यों नहीं पहुंचे? निःसंदेह इसके लिए राज्य सरकार दोषी है। डा0 रमन सिंह ने कहा कि राज्य में महिलाएं अपने को असुरक्षित महसूस करती हैं। राजनीतिक हिंसा पर भी कांग्रेस सरकार नियंत्रण नहीं कर पा रही है। भाजपा व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के 25 समर्थकों की मौत हो गयी और सरकार चुप बैठी रही। इस प्रकार राज्य में हिन्दू भी सुरक्षित नहीं हैं।
डा0 रमन सिंह ने इस प्रकार कांग्रेस के हिन्दू कार्ड को भोथरा करने का प्रयास किया है क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जिस प्रकार मठों और मंदिरों में संतो-महंतों का आशीर्वाद लिया उससे हिन्दू मतदाताओं में उनकी चर्चा होने लगी थी। भाजपा ने बहुत ही सुनियोजित तरीके से कांग्रेस की चुनावी रणनीति को असफल करने का प्रयास किया है। इससे बीएस येदियुरप्पा का यह दावा मजबूत लगता है कि शिकारीपुर से वे 40 हजार मतों से जीतेंगे और भाजपा की सरकार बनाएंगे। (ऋषि कपूर-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

  • whatsapp
  • Telegram
  • koo
epmty
epmty
Top