सभी की सहभागिता के आधार पर महत्वाकांक्षी जिलों में विकास योजनाओं का करें क्रियान्वयन : राजनाथ सिंह

सभी की सहभागिता के आधार पर महत्वाकांक्षी जिलों में विकास योजनाओं का करें क्रियान्वयन : राजनाथ सिंहThe Union Home Minister, Rajnath Singh chairing the meeting of “Transformation of Aspirational Districts”, in Lucknow, Uttar Pradesh on April 09, 2018. The Chief Minister of Uttar Pradesh, Yogi Adityanath is also seen.

लखनऊ : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि देश के सबसे पिछड़े जिलों को महत्वाकांक्षी जिलों के रूप में चिन्हित कर उनके सर्वांगीण विकास का कार्यक्रम है। लखनऊ में प्रदेश के 8 महत्वाकांक्षी जिलों के अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि सबसे बड़ा प्रदेश होने के कारण भारत के विकास में इस राज्य की अहम भूमिका है। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश की भारत के विकास में महत्वपूर्ण भागीदारी है। हल ही में आयोजित निवेशकों के शिखर सम्मेलन में जिस तरीके से निवेशकों ने उत्तर प्रदेश में रुचि दर्शायी उससे साफ जाहिर है कि यह प्रदेश निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाता जा रहा है।
महत्वाकांक्षी जिलों की चर्चा करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की विकास की खास अवधारणा है। उन्होने कहा कि जीडीपी के मामले में ऊंची दर के साथ ही मानव संसाधन सूचकांक भी बढ़ना चाहिए। उन्होने कहा कि महत्वाकांक्षी जिलों के सामाजिक आर्थिक विकास की दिशा में सभी की भागीदारी आवश्यक है। उन्होने कहा कि विकास के लिए केंद्र व राज्य तथा जिला प्रशासन मिल कर काम करें। उन्होने कहा कि रोज़मर्रा की दिक्कतों को लेकर एक उच्च शक्ति प्राप्त समिति भी बनाई गई है, जो जमीनी चुनौतियों के मद्देनजर दिशा-निर्देशों में परिवर्तन के लिए अधिकृत है।
गृह मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के आठ महत्वाकांक्षी जिलों में से 4 सीमावर्ती इलाके में पड़ते हैं। गृह मंत्रालय के पास इनके लिए विशेष योजना है। सीमावर्ती इलाका विकास कार्यक्रम के तहत कार्ययोजना तैयार कर गृह मंत्रालय को भेजी जा सकती है। उन्होने कहा कि विकास के अंतर को दूर करने के लिए इस योजना को लागू किया जाएगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि रैंकिंग के जरिये नीति आयोग इन जिलों के बीच प्रतियोगिता विकसित कर रहा है, लेकिन उन्होने सुझाव दिया कि जिलाधिकारी आकड़ों की बजाए कार्यक्रम क्रियान्वयन की गुणवत्ता पर ज़ोर दें। जिलाधिकारियों को सलाह देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वे एक दूसरे के बेहतर अनुभवों को साझा करें। उन्होने कहा कि जिलाधिकारी महत्वाकांक्षी जिलों में महत्वाकांक्षी ब्लाकों की पहचान करें और उनके बीच प्रतियोगिता को प्रोत्साहित करें। जो लोग विकास के क्षेत्र में विशेष उल्लेखनीय कर रहे हैं उनकी पहचान कर उन्हें पुरस्कृत किया जाए।

राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना और स्वच्छ भारत अभियान जन आंदोलन इसी लिए बन सका क्योंकि इसके साथ आम जनता जुड़ी। महत्वाकांक्षी जिलों की प्रधानमंत्री की इस योजना को भी जन आंदोलन बनाने की जरूरत है। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश में 8 महत्वाकांक्षी जिलों में से 4 तीस प्रतिशत और 4 दस प्रतिशत से भी नीचे हैं। डेल्टा रैंकिंग की चर्चा करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि नीति आयोग जिलों को सर्वे एजेंसी उपलब्ध कराएगा ताकि सर्वशुद्ध आंकड़े सामने आ सकें।

गृह मंत्री ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे महत्वाकांक्षी जिलों को विकास के पैमाने पर राष्ट्र की मुख्य धारा में लाने के लिए सभी से संवाद स्थापित करें और नवीनतम तकनीक का उपयोग करें। मानव संसाधन के अधिकतम विकास का लक्ष्य हासिल करने में यह सहायक होगा।

केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि 2019 तक उत्तर प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों को संचार सुविधा से लैस कर दिया जाएगा। उन्होने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में तेजी से निजीकरण हुआ है, 2011 में 53 हजार गांव मोबाइल नेटवर्क से बाहर थे उनमें से 20 हजार गांव को अब तक कवर किया जा चुका है। वित्तीय समावेशन की चर्चा करते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि देश में इस समय बैंकों की करीब 1.5 लाख शाखाएं हैं। उन्होने कहा कि आने वाले 6 महीने में बैंकिंग के क्षेत्र में आ रही दिक्कतों को दूर कर लिया जाएगा।

कार्यक्रम में समापन संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों को हिदायत दी कि वे रोजाना कुछ समय निकाल कर योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करें। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बहराइच में मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो रहा है और जल्द ही सिद्धार्थनगर तथा फ़तेहपुर में भी मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन सहभागिता के आधार पर कार्यक्रमों को लागू किया जाए। उन्होने कहा कि इस साल 14 अप्रैल को बाबा साहब अंबेडकर की जयंती के मौके पर हर ब्लॉक में ऐसे गांव में लोगों को शासन की हर योजना का फायदा पहुंचाया जाएगा जहां अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की आबादी 50 फीसद या इससे ज्यादा होगी।

गौरतलब है की आज उत्तर प्रदेश के आठ महत्वाकांक्षी जिलों- श्रावस्ती, बहराइच, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, सोनभद्र, चित्रकूट, चंदौली और फतेहपुर के जिलाधिकारियों, नोडल अधिकारियों और प्रभारी मंत्रियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारियों ने अपने अपने जिलों से संबंधित विकास कार्यों का लेखा जोखा प्रस्तुत किया।

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