मुजफ्फरनगर में खाकी का खौफः बड़े माफिया दे रहे दरख्वास्त, अनन्त देव से बचाओ

मुजफ्फरनगर में खाकी का खौफः बड़े माफिया दे रहे दरख्वास्त, अनन्त देव से बचाओ

मुजफ्फरनगर। मार्च 2017 में जब उत्तर प्रदेश में सियासी निजाम बदला और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर गोरखपुर के गोरख मठ का एक संत संन्यासी योगी आदित्यनाथ विराजमान हुए तो शायद ही किसी ने सोचा नहीं होगा कि एक योगी का ये 'योग' यूपी की जनता में भयमुक्त समाज की स्थापना के सपने को साकार करने वाला साबित होगा, लेकिन इस योगी के 'हठ योग' ने साल भर के कार्यकाल से पहले पहले ही यूपी में खाकी का सीना चौड़ा करते हुए दहशत में भी इतना खौफ पैदा कर दिया कि बाजारों में रंगदारी मांगकर समाज को भयभीत करने वाले बदमाश हाथों में माफीनामे की तख्तियां लेकर 'जान की अमान' मांगते घूमते नजर आने लगे हैं। मुजफ्फरनगर में जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुलिस की कमान आईपीएस अनन्त देव के हाथों में सौंपकर मई 2017 में उनको तैनात किया तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि क्राईम कैपिटल में अपराधियों पर अंकुश लगाने में सीएम का ये 'अनन्त' प्रयास सफल हो पायेगा या नहीं? परन्तु आज जो परिणाम मुजफ्फरनगर की जनता के सामने हैं, वो साबित करते हैं कि अनन्त देव इस जिले को क्राईम फ्री बनाने में सफल हुए हैं। अपने आठ माह के कार्यकाल में अनन्त देव ने जहां 7 बड़े कुख्यात बदमाशों को एनकान्टर में ढेर करने का काम किया, वहीं दर्जनों मुठभेड़ों में बड़े इनामी वांछित अपराधियों को गिरफ्तार कर जिला पुलिस ने अपने कप्तान का कद ऊचा करने का काम किया।
एस-7 व एस-10 के लिए एक सार्वजनिक मीटिंग में एसएसपी अनन्त देव ने जनता को विश्वास दिलाया था कि अब उनका मिशन 2018 बड़े माफियाओं का गठजोड़ तोड़ने पर केन्द्रित रहेगा। एसएसपी की इन बातों को उस समय लोगों ने उनका बडबोलापन ही समझा, कोई यकीन करने को तैयार नहीं था कि एसएसपी संजीव जीवा माहेश्वरी, सुशील मूंछ, मीनू त्यागी, अजित मखियाली और सुनील राठी जैसे माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए एक कदम भी आगे बढ़ा पायेंगे, लेकिन अपने ऐलान के एक माह बाद ही अनन्त देव ने इन माफियाओं में ऐसी भगदड़ मचा दी है कि इंसान की जान को कीडे-मकौडे से भी सस्ती मानने वाले इन माफियाओं के चेहरों पर दहशत नजर आती है। ये माफिया अब 'अनन्त प्रकोप' से बचने के लिए बड़े अफसरों की चौखट पर पहुंचकर जान की अमान मांग रहे हैं।
फीयरलैस आईपीएस अनन्त देव की कार्यप्रणाली का मूल मंत्र रहा है...'''जो कोई न कर सके, वहां से ही शुरूआत की जाये...''', इसी मोटिव को लेकर चम्बल की दुर्दांत घाटी से मुजफ्फरनगर तक के सफर में अनन्त ने न जाने कितने अपराधियों का अंत करने का जोखिम उठाया है। उन्होंने मुजफ्फरनगर से माफिया तंत्र की कमर तोड़ने का कार्य शुरू कर दिया है। आर्थिक अपराध में सबसे आगे खड़े नजर आने वाले कुख्यात सुशील मूंछ को एसएसपी ने घेरने के लिए पहले प्राॅपर्टी विवाद के एक मामले में शहर कोतवाली पुलिस के द्वारा 120बी का मुल्जिम बनाया गया। इसके साथ ही मेरठ के परतापुर थाना क्षेत्र में मां-बेटे के दोहरे हत्याकांड में सुशील मूंछ को वांछित किया गया। मूंछ की गिरफ्तारी के लिए वारंट भी जारी कराने में पुलिस सफल रही। पुलिस की इस कार्यवाही से सुशील मूंछ गिरोह में दहशत साफ नजर आती है। सुशील मूंछ ने पुलिस की 'गोली' से बचने के लिए जेल को सुरक्षित समझा और शनिवार को मेरठ कचहरी में पूरी सेटिंग के साथ मूंछ गिरोह का एक सदस्य सरेंडर एप्लीकेशन लेकर पहुंचा, लेकिन वकीलों की हड़ताल होने के कारण सरेंडर के मंसूबे धरे रहे गये।
अनन्त देव का बदमाशों में किस कदर खौफ है इसका अन्दाजा चरथावल इलाके के गांव के बिरालसी निवासी कुख्यात बदमाश दीपक गांव वालो के साथ थाने में हाजिर हो गया कि मुझे जेल भेज दो मै अब अपराध कभी नही करूगां इससे पहले भी सीकरी के अम्मार हत्याकांड का एक आरोपी अनन्त देव के खौफ के कारण अदालत में बुर्का पहनकर हाजिर हो गया था
अब नम्बर आया संजीव जीवा माहेश्वरी का, जीवा इन दिनों मैनपुरी जिला कारागार में भाजपा नेता व पूर्व मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड के आरोप में बंदी है। बतात हैं कि दो फरवरी को डीआईजी सहारनपुर रेंज शरद सचान को जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी ने एक प्रार्थना पत्र भेजा। इसमें पायल ने डीआईजी से कहा...'''मेरा पति संजीव माहेश्वरी इन दिनों भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवदी हत्याकांड के आरोप में जेल में बन्द है। उनका पुत्र सुनील दत्त द्विवेदी वर्तमान में फर्रुखाबाद विधानसभा सीट से भाजपा विधायक हैं। ये परिवार ब्राह्मण है और एसएसपी मुजफ्फरनगर भी ब्राह्मण जाति से आते हैं। पायल माहेश्वरी ने ये आरोप लगाये कि अनन्त देव जातिगत आधार पर ब्राह्मण होने के नाते भाजपा विधायक सुनील दत्त के साथ मिलकर उसके पति को पुलिस कस्टडी में ही मरवाने की साजिश रच रहे हैं। पायल ने इस मामले में उचित जांच कराकर कार्यवाही करने और जीवा की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की। बता दें कि पायल माहेश्वरी मुजफ्फरनगर सदर विधानसभा सीट से साल 2017 में रालोद के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं।
पायल की प्रार्थना और सुशील मूंछ की सरेंडर एप्लीकेशन यह साबित करती है कि किसी से न डरने वाले ये माफिया अब अपनी जान की अमान चाह रहे हैं। इनकी एक ही दरख्वास्त है कि अनन्त से बचाओ। उधर ब्रह्मदत्त द्विवेदी और अनन्त देव एक नदी के दो किनारों की भांति हैं, अनन्त का इस परिवार से कभी कोई सरोकार नहीं रहा है। अपनी सर्विस लाइफ में अनन्त देव कभी फर्रुखाबाद में तैनात नहीं रहे। इस सम्बंध में जब एसएसपी अनन्त देव से पूछा गया तो उनका कहना था कि ये आरोप बेबुनियाद हैं, वो माफियाओं के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। इसमें किसी प्रकार की कोई साजिश नहीं है, जो गलत हैं उनको पुलिस सजा देने का काम करेगी।
अनंत मिशन 2018ः माफिया गठजोड़ तोड़ने को जीवा, मूंछ, मीनू, राठी व अजित मखियाली जैसे कुख्यात निशाने पर
मुजफ्फरनगर। जिले में कम्युनिटिंग पुलिस के सहारे खाकी की छवि सुधारने में किसी हद तक सफल एसएसपी अनंत देव ने अपराधियों के सफाये के बाद अब जनविश्वास जगाया है कि माफिया गैंग चला रहे लोगों का सफाया होगा। अपने इस इरादे को पूरा करने के लिए इस सुपर काॅप ने मुजफ्फरनगर के नागरिकों और मीडिया से सहयोग की अपेक्षा की है। कभी क्राईम कैपिटल के रूप में वैश्विक पटल पर कुख्यात रहा मुजफ्फरनगर एसएसपी अनन्त देव के मिशन के कारण अब क्राईम फ्री डिस्ट्रिक्ट की ओर बढ़ रहा है। जनपद के इतिहास में पहली बार जनवरी के कोहरे में कोई बड़ी वारदात नहीं हुई, न तो कोल्हुओं को लूटा गया, न ही कोई डकैती की वारदात सामने आई। इतना ही नहीं हत्याओं के लिए मशहूर इस जिले में साल 2018 का पहला महीना ऐसा रहा, जिसमें कोई हत्या नहीं हुई। माफिया गठजोड़ तोड़ने को जनता के बीच जाकर अनन्त देव ने जो वादा किया, फरवरी माह में उसे वो पूरा करत हुए नजर आ रहे हैं। उनके 'जौहर' से माफियाओं की 'पदमावत की रिलीज' रुक चुकी है।
एस-7 व एस-10 की सफलता पर आयोजित अलग अलग समारोह में एसएसपी अनंत देव कह चुके हैं...''मुजफ्फरनगर में जनसहयोग से अपराधियों और अपराधों पर अंकुश लगाने में कामयाबी मिली है। अब इसी तरह से ही माफियाओं का सफाया किया जायेगा। जनता ऐसे माफिया अपराधियों को संरक्षण कतई न दे, इनकी सूचना पुलिस तक पहुंचाई जाये, अगर जनता से पुलिस का सीधा संबंध होगा तो ऐसी माफियागर्दी पर अंकुश लगाया जा सकता है। सुशील मूंछ, संजीव जीवा माहेश्वरी, मीनू त्यागी, अजित मखियाली, सुनील राठी के गैंग पुलिस के निशाने पर हैं। ये माफिया इतने सक्षम हैं कि जेल में बन्द रहने के बावजूद अपना गिरोह बखूबी चला रहे हैं, रंगदारी का खेल, अवैध कब्जे का कारोबार किया जा रहा है। मैं जानता हूं कि इनको समय समय पर राजनीतिक संरक्षण रहा है, कुछ लोग इनको पूरा समर्थन दे रहे हैं, इन माफियाओं के साथ उनके संरक्षणदाताओं की कमर तोड़ने का काम पुलिस करेगी। इन माफियाओं की कमाई में हिस्सेदार, इनके साथ संगठित अपराध करने में शामिल लोगों पर हमारी पूरी नजर है। जल्द ही ये अभियान शुरू होगा...''',।
साल 2018 में आंकड़े चौकाने वाले है, इस क्राईम डिस्ट्रिक्ट में एसएसपी अनन्त देव ने कमाल किया है। साल 2017 के जनवरी माह में जहां मुजफ्फरनगर में नौ हत्याएं हुई, एक डकैती, पांच लूट और छह लोगों का अपहरण किया गया। मुजफ्फरनगर के आंकड़े देखें तो एक साल में औसतन डेढ़ से मर्डर केस थानों में पंजीकृत होते हैं, लेकिन आठ माह की कप्तानी में अनन्त देव ने ऐसा रूतबा कायम किया कि जनवरी माह में पहली बार जनपद में न तो कोई हत्या हुई और लूट व डकैती से भी अपराधियों ने परहेज किया। किसी जमाने में अपहरण मुजफ्फरनगर का एक बड़ा उद्योग बना हुआ था। कोलकाता के बड़े उद्यमी घराने के चिराग प्रतीक दीवान अपहरण को यहीं पर अंजाम दिया गया, जिसने तीन राज्यों के शासन प्रशासन को हिलाकर रख दिया था। एसएसपी अनन्त देव की मेहनत अब सुखद नतीजों के रूप में रंग ला रही है। ये बदलाव मुजफ्फरनगर में करीब 20 साल के इतिहास में ऐतिहासिक रहा।
'''...जिले में अब अपराधों में कमी आई है, पुलिस बदमाशों को उन्हीं की जुबां में सख्त जवाब दे रही है, इससे आम जनता में पुलिस के प्रति विश्वास पैदा हुआ, जनता बदमाश और अपराध के सफाये में सहयोगी भूमिका निभा रही है, अब उन माफियाओं पर उनका निशाना है, जिनके अपराध अदृश्य हैं, दबंगई के बल पर काम करने वाले माफिया हमारे राडार पर हैं, ये ऐसे गिरोह हैं, जो जेल के अन्दर या बाहर से गिरोह चलाकर सुपरी किलिंग करा रहे, जमीनों पर अवैध कब्जे करने व लोगों में धमकी देर दहशत फैलाने वालों पर शिकंजा कसेगा, सुशील मूंछ, मीनू त्यागी, सुनील राठी, संजीव जीवा, अजित मखियाली जैसे माफियाओं व उनके सरंक्षकों के खिलाफ बड़ा गंभीर अभियान मुजफ्फरनगर में जल्द शुरू होगा....''',,!
अनंत देव, एसएसपी, मुजफ्फरनगर।

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