मणिशंकर अय्यर का पाकिस्तान प्रेम अब जहर बन गया है

मणिशंकर अय्यर का पाकिस्तान प्रेम अब जहर बन गया है

'ढाई आखर प्रेम का पढ़ै सो पंडित होय' यह बात कबीर दास जी ने कही है। सचमुच प्रेम का कोई जवाब नहीं है। प्रेम से हिंसक पशुओं को भी दोस्त बनाया जा सकता है। प्रकृति से प्रेम करो तो वह भी सहचरी बन जाती है। प्रेम दिल से किया जाता है। उसमे कोई दिखावा नहीं होता। निर्जीव से सजीव प्रेम करते हें तो यह एक पक्षीय दायित्व बनता है लेकिन सजीव से सजीव का प्रेम उभय पक्षीय होता है। दोनों पक्ष प्रेम के महत्व को समझते हैं, तभी प्रेम सार्थक होता है। इस बात को कुछ इस तरह से भी समझा जा सकता है। हम आग से प्रेम करते हैं। आग हमारी कई प्रकार से मदद करती है लेकिन प्रेम के अतिरेक में हमे आग को पकड़ने की कोशिश करें तो आग हमे जला देगी। इसी प्रकार हम सांपों से प्रेम करें। उनको प्रकृति के एक प्राणी की तरह स्वच्छन्द रहने दें लेकिन उनको पकड़ कर यदि हम गले से लगाये तो वे हमे डस भी सकते हैं। इस तरह प्रेम करने वाले दूसरे की प्रकृति भी देखें। गोस्वामी तुलसीदास ने सज्जनों और दुष्टों की बात की है। दोनों की समान रूप से वंदना भी की लेकिन यह भी कह दिया कि सज्जनों के लिए अच्छा यही होगा कि वे दुष्टों की संगति न करें। ये सभी बातें तब याद आती हैं जब कांग्रेस के निलम्बित नेता मणिशंकर अय्यर अपना पाकिस्तान के प्रति प्रेम प्रदर्शित करते हैं। उनके इस प्रेम-प्रदर्शन से उनकी पार्टी के ही नेता नाराज हो रहे हैं। देशवासियों को भी उनको यह प्रेम अच्छा नहीं लग रहा।
मणिशंकर अय्यर को संजवां में सैन्य छावनी में आतंकियों का हमला नहीं दिखाई पड़ रहा है। इन आतंकवादियों को उसी पाकिस्तान ने भेजा जहां से मणिशंकर अय्यर को हिन्दुस्तान से ज्यादा प्रेम मिलता है। मणिशंकर अय्यर ने यह बात उस समय कही जब संजवां में आतंकियों से मुकाबला करते हुए हमारे तीन जवान शहीद हो गये, कई लोग घायल हुए। मणिशंकर अय्यर कहते हैं कि उन्हें पाकिस्तान में जितना प्यार मिलता है, हिन्दुस्तान में उतनी ही नफरत का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा पाकिस्तान में आकर उन्हें काफी प्रेम मिलता है। वह करांची साहित्य महोत्सव में भाग लेने पहुंचे थे। इसी महोत्सव के दौरान मणिशंकर अय्यर ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के मुद्दों को हल करने का एक ही रास्ता है और वह रास्ता निर्बाध बातचीत का है। इतना ही नहीं वतनपरस्ती से अय्यर इतना नीचे पहुंच गये और कहा बातचीत के जरिये मुद्दों को हल करने की कोशिश के लिए पाकिस्तान अच्छे प्रयास कर रहा है लेकिन नई दिल्ली के पास इस प्रकार की नीति नहीं है। इस प्रकार मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान की सराहना की और अपने देश की आलोचना करके पाकिस्तान को यह बताया कि भारत में इस तरह के गद्दार भी रहते हैं और अपने को नेता कहते हैं। शायद यही कारण था कि करांची पहुंचते ही मणिशंकर के दिल में अचानक पाकिस्तान के प्रति प्रेम उमड़ आया। उन्होंने कहा कि वह पाकिसतान को प्यार करते हैं। पाकिस्तान पर प्यार उड़ेलने का कारण भी अय्यर ने बताया। उन्हांेने कहा कि वह पाकिस्तान से इसलिए प्यार करते हैं क्योकि वे भारत से प्यार करते हैं।
कितना अजीब है मणिशंकर का भारत के प्रति प्रेम? पाकिस्तान अपने हाथों में छुरे लेकर भारत से गले मिलने की बात करता है। अपने देश में भारत से गये मुसलमानों को मुहाजिर कहकर उन्हें दोयम दर्ज का नागरिक बताता है। वहां रह रहे अल्पसंख्यक हिन्दुओं को इतना प्रताड़ित करता है कि उनमे से कितने ही लोग घर-बार छोड़कर भरत में चले आये हैं। वहां जो रह रहे हैं, उनकी न तो बहू-बेटियां सुरक्षित हैं और न उनके धर्म स्थल। वहां के कई प्रांतों में न होने का आंदोलन चला रहा है। ब्लूचिस्तान और सिंध प्रांतों में स्वाधीन होने का आंदोलन चल रहा है। ब्लूचिस्तान और सिंध प्रांत तो पाकिस्तान की सरकार को कसाई की तरह देखते हैं। कुलभूषण जाधव जैसे भारतीय नागरिक को पाकिस्तान उन्हंे जासूस बताकर फांसी की सजा सुना देता है। भारतीय कैदियों को जेल के कैदियों से मरवा देता है। उसकी नीतियां मणिशंकर को अच्छी लगती हैं और भारत की नीतियों से वे दुखी होते हैं। कहते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच के मुद्दों को सुलझाने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता है और वह है बातचीत का रास्ता। मुझे गर्व है कि पाकिस्तान ने इस नीति को स्वीकार कर लिया है लेकिन दुखी भी हूं कि इसे भारतीय नीति के तौर पर नहीं अपनाया गया। मणिशंकर अय्यर का पाकिस्तान के प्रति प्रेम कोई नया नहीं है। उन्होंने 2015 में भी पाकिस्तान का स्तुति गान किया था। पाकिस्तानी टीवी चैनल को दिये साक्षात्कार में मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि यदि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के रास्ते को बहाल करना है तो प्रधानमंत्री के पद से नरेन्द्र मोदी को हटाना पड़ेगा। टीवी एंकर ने पूछा था कि दोनों देशों के बीच गतिरोध दूर करने के लिए क्या किया जाए तो अय्यर ने जवाब दिया था कि पहली और सबसे बड़ी चीज है कि मोदी को हटाया जाए, तभी वार्ता आगे बढ़ सकती है। उन्हांेने कहा कि इसके लिए हमे और चार साल इंतजार करना होगा। मणिशंकर इतना नीचे गिर गये और कहा हमे अर्थात कांग्रेस को सत्ता में वापस लाइए और उन्हें हटाइए।
भारत की धरती, हवा और पानी ने यह कैसा इंसान पैदा किया है? भारत में नफरत पैदा करने वाला, आतंकवादियों को भेजकर खून-खराबा कराने वाला पाकिस्तान ऐसे गद्दारों की तलाश में ही रहता है। इसलिए मणिशंकर अय्यर को पाकिस्तान में प्यार नजर आता है। भारत की बुराई करने वाले को पाकिस्तान प्यार नहीं करेगा तो कौन करेगा? उन्हें पाकिस्तान में इतना प्रेम मिलता है तो वे वहीं क्यों नहीं रहते। मणिशंकर अय्यर कांग्रेस के नेता थे लेकिन गुजरात चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ उन्होंने अपमानजनक टिप्पणी कर दी थी। इसके बाद उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। इसके बावजूद उनको कांग्रेस से ही जोड़कर देखा जाता है। कांग्रेस देश की मुख्य विपक्षी पार्टी और सत्तारूढ़ भाजपा की आलोचना करती रहती है। लेकिन पाकिस्तान जैसे दुश्मन देश की तारीफ करने वाले मणिशंकर अय्यर को वह भी अब बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। मणिशंकर की इस गद्दारी को कांग्रेस नेता हनुमंत राव गले से नीचे नहीं उतार पाये और कहा कि अब उनके लिए कांग्रेस में जगह नहीं होनी चाहिए। हनुमंत राव ने कहा कि मणिशंकर अय्यर को कांग्रेस ने सब कुछ दिया लेकिन उन्होंने हमेशा अपने बयानों से पार्टी को नुकसान ही पहुंचाया है। राव कहते हैं कि वे पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर मणिशंकर अय्यर की पार्टी की प्राथमिक सदस्यता खत्म करने की मांग करेंगे।
मणिशंकर अय्यर ने कांग्रेस ही नहीं इस देश को बदनाम किया है और उनके खिलाफ देशद्रोह की कार्यवाही होनी चाहिए। कांग्रेस के लिए तो वे धूमकेतु ही बन गये हैं। गुजरात में विधानसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री श्री मोदी को नीच आदमी कहा था और कांग्रेस को उसका नतीजा भुगतना पड़ा। इसी प्रकार अब पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के साथ कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने हैं। मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान प्रेम वाला बयान देकर भाजपा को ब्रह्मास्त्र पकड़ा दिया है। भाजपा इस मामले को निश्चित रूप से उठाएगी और कांग्रेस के पास इसका कोई जवाब नहीं होगा। इसलिए हनुमंत राव की यह सलाह बहुत उचित है कि मणिशंकर अय्यर को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया जाए। इसके बाद मणिशंकर अय्यर को देश की जनता और कानून-व्यवस्था के हवाले कर दिया जाए क्योंकि उनका पाकिस्तान प्रेम अब जहर बन गया है।

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