रोज एक दूसरे से हाथ मिलाएं, जाट और मुसलमान : अजित सिंह

रोज एक दूसरे से हाथ मिलाएं, जाट और मुसलमान : अजित सिंह
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मुजफ्फरनगर। : लोकदल के मुखिया चौधरी अजित सिंह ने मुजफ्फरनगर में दो दिवसीय कार्यक्रम से पार्टी के मिशन 2019 की शुरूआत करते हुए अपना विजन भी सामने रख दिया है। उन्होंने साल 2013 में मुजफ्फरनगर दंगों के कारण यहां पैदा हुई सामाजिक खाई को पाटने के लिए अपील करते हुए कहा कि सभी प्रण कर लें कि रोज किसान और मुसलमान आपस में हाथ मिलाकर एक दूसरे के सामाजिक कार्यक्रमों का हिस्सा बनेंगे। दंगों की खटास को भुलाकर अपने बच्चों के भविष्य की खातिर आपसी सद्भाव को मजबूती देते हुए नये सिरे से आगे बढ़ेंगे।
मंगलवार को रालोद अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह अपने दो दिवसीय प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत दिल्ली से यहां सरकूलर रोड स्थित रालोद कार्यालय पर करीब 12 बजे आये और 12.20 बजे उनके द्वारा रालोद कार्यालय के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया गया। रालोद जिला कार्यालय प्रभारी स्व. विक्रम सिंह कुटबा की स्मृति में पार्टी सदस्यों के द्वारा निर्मित कराये गये चौधरी चरण सिंह हाॅल का भी छोटे चौधरी ने लोकार्पण किया।
यहां पर पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए चौधरी अजित सिंह ने कहा कि मेरे यहां आने का मकसद सामाजिक गठजोड़ के टूटने ताने बाने को मजबूती देना है, मैं यहां पर कोई बड़ी पंचायत या मीटिंग करने नहीं आया हूं। मैं आप सभी से सलाह लेने आया हूं कि चार साल पहले यहां पर जो जुल्म हुआ क्या वो सही था? इस दंगे के बाद एक ऐसी पार्टी सत्ता में आई, जिसने अपने अभी तक के कार्यकाल में सभी कुछ बर्बाद करके रख दिया है। इस पार्टी के नेताओं ने आज तक देश को कुछ नहीं दिया, सिवाये बोलने के उनके द्वारा कुछ भी कार्य नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने साल 2013 में कवाल कांड के बाद एक साजिश रचकर भाई को भाई से लड़ाकर सामाजिक द्वेष और रंजिश पैदा की। मैंने जब भी कहा था और फिर दोहराता हूं, 2013 में मुजफ्फरनगर ने जो कुछ भी झेला वो सरासर गलत था, लेकिन जो कुछ हो चुका है, उसे हम सभी को भूलना होगा। बच्चों के भविष्य के लिए फिर से मुजफ्फरनगर में आपसी सद्भाव को बढ़ावा देना होगा।
चौधरी. अजित सिंह ने कहा कि यहां मैं किसान बिरादरी को जीवित करने आया हूं, जिसमें भी वर्गों व समुदायों के लोगों का समावेश था। आज जाट समाज के लोग ये प्रण कर लें कि उनको रोजाना एक मुसलमान से हाथ मिलाना है, उनके दुख दर्द में पूर्व की भांति शामिल होना हैं, उनके बच्चों की शादियों में जाकर खुशियों को बांटना हैं, इसी प्रकार मुलसमान भी जाटों को अपनाने में झिझके नहीं। सभी को मिलकर दंगा कराने वाली ताकतों को जवाब देना होगा। ये मिलन केवल चुनावी दौर तक सीमित नहीं रखना हैं हमें फिर से सामाजिक सद्भाव की वही तस्वीर बनानी है, जो चै. चरण सिंह ने तैयार की थी। रालोद प्रमुख ने कहा कि भाजपा फिर से दंगा कराने की फिराक में हैं, ऐसे में मैं बताना चाहता हूं कि दंगा रोकने की ताकत यदि किसी में है तो वो रालोद ही है। 2013 में एक दंगे ने भाजपा को मजबूती दी, सम्प्रदायिक सोच रखने वाले सत्ता में पहुंचे। जिस मुजफ्फरनगर में 1947 के बंटवारे, 1992 के बाबरी कांड के बाद भी दंगे नहीं हुए। गांवों में साम्प्रदायिक सौहार्द्र कायम रहा, वहां भाजपा ने साजिशन दंगा करा दिया। गांवों में सामाजिक तंत्र छिन्न भिन्न हो गया। आज संभलने का वक्त है। आज मैं भाजपा को यहीं मुज़फ्फरनगर को दफनाने आया हूं। बड़ी मीटिंग बाद में की जायेगी। मैं दो दिनों तक हिन्दु मुस्लिम सभी वर्गों से मिलकर इस जिले में अमन और शांति बहाली के साथ ही आपसी सद्भाव बढ़ाने के रास्ते तलाशने पर चर्चा करूंगा। मुजफ्फरनगर ऐसा जिला है, यदि ये शांत रहेगा तो देश भी तरक्की करेगा। यहां की अशांति भारत को प्रभावित करती है। इसके पश्चात चै. अजित सिंह पीडब्ल्यूडी निरीक्षण भवन पर गये और पार्टी कार्यकर्ताओं व विभिन्न संगठनों के लोगों से मुलाकात की।

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