राजनाथ सिंह ने राजधानी में छठे "हुनर हाट" मेले का उद्घाटन किया
नई दिल्ली :केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हस्तनिर्मित उत्पादों के लिये हाथों की दक्षता के साथ-साथ दिल और दिमाग की कुशलता की भी जरूरत है। राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में बाबा खड़क सिंह मार्ग पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा 'गरिमा के साथ विकास' विषय पर आयोजित हुनरहाट उद्घाटन करने के बाद कहा, "हुनर का मतलब: ह - हाथों से बनाया, उ - उम्मीदों से सजाया, न - नफासत से तराशा, अ - अच्छा मुनाफा, और र - रोजगार में इजाफा।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि इन कुशल दस्तकारों के कौशल को पहचानने एवं और ज्यादा प्रचारित करने की जरूरत है। उन्होंने हुनरहाट के लिये एक पोर्टल विकसित करने की सलाह भी दी ताकि इस मंच को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और प्रचारित किया जा सके।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को इस हुनरहाट को आयोजित करने के लिये बधाई दी। उन्होंने कहा कि हस्तनिर्मित उत्पादों को केवल हाथों की दक्षता की ही नहीं बल्कि दिल एवं दिमाग की भी जरूरत होती है। और देश का प्रत्येक क्षेत्र ऐसी प्रतिभाओं से भरा पड़ा है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने देश भर से आये विशेषज्ञ हथकरघा कारीगरों, दस्तकारों एवं भोजन विशेषज्ञों के स्टॉलों का भी दौरा किया। जहां एक ओर देश भर से आये विशेषज्ञ हस्तशिल्पियों के उत्कृष्ट हथकरघा उत्पाद एवं वस्त्र प्रदर्शित किये गये थे वहीं दूसरी ओर 18 फरवरी 2018 तक आयोजित होने वाले इस हुनरहाट में लोगों ने परंपरागत भारतीय संगीत की भी एक झलक पायी। बाद में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देश भर के विशेषज्ञ हस्तशिल्पियों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अवसर उपलब्ध करवाने लिये हुनरहाट का आयोजन अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में देश भर में आयोजित किये गये हुनरहाट मेलों की वजह से इनसे जुड़े 3 लाख से ज्यादा हस्तशिल्पियों एवं उनसे जुड़े लोगों को रोजगार एवं रोजगार संबंधी अवसर प्राप्त हुए।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इससे पहले प्रगति मैदान में अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में (2016, 2017), बाबा खड़क सिंह मार्ग, नई दिल्ली में (2017), पुड्डुचेरी में (2017) और मुंबई (2017) में हुनरहाट आयोजित किये जा चुके हैं। नकवी ने कहा कि देश भर के 22 राज्यों एवं संघ-शासित क्षेत्रों के अल्पसंख्यक समुदायों से आने वाले हस्तशिल्पी बाबा खड़क सिंह मार्ग में आयोजित इस छठे हुनरहाट मेले में भाग ले रहे हैं। और 12 राज्यों से इसमें विशेषज्ञ खानसामे भी आये हैं। इन हथकरघा कारीगरों एवं खानसामों में बड़ी संख्या में महिलायें भी शामिल हैं। नकवी ने कहा कि बाबा खड़क सिंह मार्ग पर आयोजित इस हुनर हाट में प्रतिदिन प्रख्यात कलाकारों द्वारा गज़ल, कव्वाली एवं अन्य संगीत कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है। हथकरघा एवं हाथ से बनें उत्कृष्ट उत्पाद जैसे अजरख,अप्लीक, बाघ, बंधेज, चूड़ियां, बीदरी का काम, काले पत्थर पर चित्तकारी, लकड़ी पर आलेख, मोमबत्तियां एवं फूल, बांस से बने उत्पाद, चीनी-मिट्टी के उत्पाद, चंदेरी रेशम, चिकनकारी, कालीन, गीजा एवं मटका रेशम, कांच के सामान, स्वर्ण घास के उत्पाद, इकट, मुरादाबादी, और मद्रासी कांसे का काम, जयपुरी जूती, कच्छ की दस्तकारी, कलमकारी, कांथा, कश्मीर की कला, लिनेन के वस्त्र उत्पाद, माहेश्वरी उत्पाद, संगमरमर उत्पाद, धातु-उत्पाद, मूजा घास के उत्पाद, मिट्टी-दर्पण का काम, मुट्वा कच्छ दस्तकारी, नमदा, पारसी गारा दस्तकारी, कलम-चाकू, फूल-पत्ती का काम, रोगन कला, शांतिपुरी साड़ी, टेरॉकोटा, तोरण बंदनवार, बनारसी रेशम की साड़ियां, लकड़ी पर कारीगरी का काम, लौह उत्पाद, ज़री उत्पाद उन कुछ उत्पादों में शामिल हैं जो इस हुनरहाट में प्रदर्शन एवं बिक्री के लिये उपलब्ध हैं।
इसके अलावा हुनरहाट में आने वाले लोग विभिन्न पकवानों जैसे बंगाली पकवान एवं मिठाइयां, उत्तर-पूर्व के पकवान, गुजराती थाली, आइस-क्रीम ब्रॉउनी, झारखण्ड के पकवान, कश्मीरी वाज़वान, पारसी भोनू, राजस्थानी पकवान, राजकोट की मिठाइयां, शवर्मा, तमिल पकवान, मुगलई भोजन, बिहार की बाटी, गोवा का भोजन, हैदराबादी खिचड़ा एवं अन्य व्यंजनों का आनंद ले रहे हैं।
epmty
epmty