नोएडा फर्जी मुठभेड़ के मामले में राज्य सभा में हंगामा सदन स्थगित

नोएडा फर्जी मुठभेड़ के मामले में राज्य सभा में हंगामा सदन स्थगित

राज्यसभा में नोएडा फर्जी मुठभेड़ मामले को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। नोएडा में जिम ट्रेनर जितेंद्र यादव के 'फर्जी मुठभेड़' के मामले की गूंज राज्यसभा में भी सुनाई दी। समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने इस मामले पर स्थगन प्रस्ताव लाते हुए तत्काल चर्चा कराने की मांग की। इस मामले में राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ ।

इस पर राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि नोटिस मिल चुका है और इस पर नियम के तहत चर्चा की जाएगी। इससे बिफरे समाजवादी पार्टी के सांसदों ने सदन में जमकर नारेबाजी की, जिसके चलते सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।

आपको बता दें आपको बता दें कि नोएडा में दो युवकों को गोली मारने के बाद उसे फर्जी मुठभेड़ करार देने वाले दरोगा का फर्जी मामला सामने आया था। दरोगा को गिरफ्तार कर लिया गया था और यूपी पुलिस ने दरोगा के खिलाफ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज कर जांच शुरु कर ‌दी थी।

शनिवार रात को नोएडा के सेक्टर-122 में जितेंद्र यादव को दरोगा विजय दर्शन ने गोली मार दी थी। इस मामले में जितेंद्र के परिजनों ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा था कि प्रमोशन पाने के लिए दरोगा ने यह एनकाउंटर करने की कोशिश की थी। रविवार पूरे दिन इस मामले पर गहमागहमी रही और फोर्टिस अस्पताल में भी जितेंद्र के परिजनों समेत आसपास के गांवों के तमाम लोग विरोध में जुट गए थे। पुलिस ने इस मामले को व्यक्तिगत विवाद का मामला बताते हुए एनकाउंटर मानने से इनकार कर दिया था।

डीआईजी के मुताबिक जिस शख्स को गोली लगी थी वह जिम ट्रेनर है और उसका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं था। यह फर्जी मुठभेड़ नहीं बल्कि किसी जातीवजह से अचानक हुआ हादसा है। उन्होंने कहा कि जितेंद्र के बड़े भाई धर्मेंद्र यादव की दरोगा से अच्छी जान-पहचान थी और जितेंद्र का भी उससे मिलना जुलना था। ऐसे में केवल प्रमोशन पाने के लिए अपने ही तालुकात वाले की फर्जी मुठभेड़ की बात हजम नहीं होती। दूसरी बात, यदि कोई फर्जी मुठभेड़ होता तो वारदात होते ही वायरलेस के जरिए तुरंत जिले भर की पुलिस को इनफार्मेशन दी जाती, लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ।

घटना की जानकारी मिलते ही समाजवादी पार्टी के कई नेता और बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा भी जखमी जितेंद्र का हाल जानने अस्पताल पहुंचे थे।

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