जिला उद्योग केन्द्र के उपायुक्त अपने कार्य व व्यवहार से अपनी विशिष्ट पहचान बनाएं : सतीश महाना, औद्योगिक विकास मंत्री

जिला उद्योग केन्द्र के उपायुक्त अपने कार्य व व्यवहार से अपनी विशिष्ट पहचान बनाएं : सतीश महाना, औद्योगिक विकास मंत्री

लखनऊः उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा है कि औद्योगिक विकास के बिना राज्य की आर्थिक प्रगति सम्भव नहीं है, अतः इस दिशा में मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा प्रख्यापित नवीन नीतियों के प्रकाश में एक टीम की तरह समर्पित होकर कार्य करना होगा। जो अधिकारी इस अभियान में सम्मिलित नहीं होंगे, उनको घर भेज दिया जाएगा। अतः उद्यमियों एवं उद्योगपतियों के मध्य यह संदेश जाना चाहिए कि जिला उद्योग केन्द्र स्तर तक सकारात्मक परिवर्तन हो रहा है। श्री महाना आज यहां सचिवालय के तिलक हाल में आयोजित समस्त जिला उद्योग केन्द्र के उपायुक्तों के सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।
औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि आगामी 21-22 फरवरी को आयोजित होने वाली उ0प्र0 इन्वेस्टर्स समिट प्रदेश में औद्योगिक क्रान्ति की ओर पहला कदम है। इसके बाद प्रदेश में उद्योगों के अनुकूल वातावरण बनेगा तथा निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। इसलिए सभी सम्बन्धित अधिकारियों को अपने कार्य व व्यवहार से अपनी विशिष्ट पहचान बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास से संबंधित अधिकारियों के उत्तरदायित्व निर्धारित किए जाएंगे तथा निर्धारित समय-सीमा के भीतर स्वीकृतियाँ नहीं होने पर सम्बन्धित सभी अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
महाना ने कहा कि वे उद्योग व उद्यम से सम्बन्धित सभी अधिकारियों से यह अपेक्षा करते हैं कि उनको नवीन औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 व अन्य निवेशोन्मुख नीतियों के प्राविधानों की जानकारी कंठस्थ होनी चाहिए, जिससे वे किसी निवेशक की जिज्ञासा का समय से सही उत्तर दें सके तथा उद्यमियों के मार्गदर्शक की भूमिका का निर्वहन सफलतापूर्वक कर सके। उन्होंने ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहली बार निवेश के साथ ही रोजगार सृजन पर भी समान रूप से बल दिया है। इससे राज्य में उपलब्ध अथाह जनबल को काम मिलेगा तथा व्यापक सामाजिक व आर्थिक विकास सम्भव हो सकेगा।
इस राज्य स्तरीय वृहद् सम्मेलन में जिला उद्योग केन्द्र तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अधिकारियों को नवीन औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017 व अन्य निवेशोन्मुख नीतियों के प्राविधानों तथा ईज-आॅफ डूइंग बिजनेस व तैयार किए जा रहे नये सिंगल विण्डो पोर्टल के विषय में विभिन्न प्रस्तुतिकरणों के माध्यम से जानकारी दी गई।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव, औद्योगिक विकास श्री आलोक कुमार सिन्हा ने कहा कि आज का सत्र प्रदेश में औद्योगिक विकास हेतु अत्यंत लाभदायक सिद्ध होगा। उद्योगों के विकास के नये अवसर सृजित हो रहे हैं, जिनका लाभ लघु एवं मध्यम उद्यमियों तक पहुंचाने में जिला स्तर के अधिकारियों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है, अतः इस अवसर को खाली नहीं जाने देना है।
प्रमुख सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग श्री अनिल कुमार ने उपस्थित अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि सभी सम्बन्धित अधिकारियों को विभिन्न नीतियों के प्राविधानों की जानकारी अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर निवेश हेतु एमओयू (सहमति पत्र) पत्र जिला उद्योग केन्द्र के उपायुक्त हस्ताक्षर कर सकते है।
इस अवसर पर सभी अधिकारियों को नई औद्योगिक नीति तथा अन्य सम्बन्धित नीतियों के प्रमुख बिन्दुओं को संचालित कर तैयार की गठ्र बुकलेट वितरित की गई।
सचिव, औद्योगिक विकास एवं अधिशासी निदेशक, उद्योग बन्धु-श्री संतोष कुमार यादव ने कहा कि सभी अधिकारियों को नीतियों में उपलब्ध प्रोत्साहनों एवं अन्य प्राविधानों को याद रखने में यह बुकलेट सहायक होगी। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 इन्वेस्टर्स समिट 2018 में पूरे देश से निवेशक आ रहे हैं। अतः यह ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है कि राज्य के ही जिलों के उद्यमी इस आयोजन में प्रतिभाग करने से छूट नहीं जाएं। इसलिए इस सम्बन्ध में जिला स्तर पर भरपूर प्रयास किए जाने चाहिये तथा सभी जिलों में होर्डिंग्स के माध्यम से समिट का प्रचार-प्रसार किया जाए।
सचिव, औद्योगिक विकास एवं अवस्थापना विकास एवं प्रबन्ध निदेशक, पिकप-सुश्री अलकनंदा दयाल ने जिला उद्योग केन्द्रों के उपायुक्तों के समक्ष नई औद्योगिक विकास नीति के क्रियान्वयन हेतु निर्धारित प्रक्रिया एवं नियमावली के विषय में विस्तृत प्रस्तुतिकरण करते हुए इस सम्बन्ध में कई अधिकारियों की जिज्ञासाओं के उत्तर दिए। उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि नवीन नीति के अन्तर्गत ऐसी औद्योगिक इकाईयों जो मेगा इकाई के लिए निर्धारित निवेश नहीं भी करती है, किन्तु नीति में निर्दिष्ट संख्या में रोजगार सृजन करेंगी तो मेगा इकाईयों को प्राप्त सुविधाएं व प्रोत्साहनों का लाभ उठा सकेंगी।
सम्मेलन में समस्त जिला उद्योग केन्द्रों के उपायुक्तों सहित अपर मुख्य सचिव, औद्योगिक विकास आलोक कुमार सिन्हा, प्रमुख सचिव, एमएसएमई- अनिल कुमार, सचिव, औद्योगिक विकास- संतोष कुमार यादव, सचिव, औद्योगिक विकास एवं अवस्थापना विकास एवं प्रबन्ध निदेशक, पिकप- अलकनंदा दयाल, प्रबन्ध निदेशक, यूपीएसआईडीसी एवं निदेशक उद्योग रणवीर प्रसाद, विशेष सचिव, औद्योगिक विकास आलोक कुमार पाण्डे सहित औद्योगिक विकास विभाग के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

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