ई-कोर्ट के माध्यम से उन नागरिकों को एक अवसर मिलता है जो दुर्गम इलाकों में निवास करते हैं : न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर

भारत के उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर ने आल इण्डिया रिपोर्टर नागपुर द्वारा स्थापित ए.आई.आर. कैफे एवं ई-लाइब्रेरी का उद्घाटन आज यहाँ गोमतीनगर विनीत खण्ड, स्थित न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के परिसर में किया। इस अवसर पर उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर, इलाहाबाद के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति दिलीप बी. भोसले, उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता, इलाहाबाद उच्च न्यायालय/जज इंचार्ज जे.टी.आर.आई. एवं इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अन्य न्यायमूर्तिगण उपस्थित थे।
उच्च न्यायालयोें के कम्प्यूटर कमेटीज के प्रथम सम्मेलन के समापन सत्र के अवसर पर उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर ने कहा कि ई-कोर्ट के माध्यम से उन नागरिकों को एक अवसर मिलता है जो दुर्गम इलाकों में निवास करते हैं। यह बहुत स्वस्थ परिचर्चा थी, जिससे प्रत्येक संबंधित व्यक्ति कुछ न कुछ सीख के साथ ही विभिन्न राज्यों के हाईकोर्ट द्वारा प्रदान की जा रही ई-सुविधाओं का लाभ उठा सकता है।
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने कहा कि ई-कोर्ट के माध्यम से 12 लाख ट्रांजेक्शन प्रतिदिन हो रहे हैं। ई-कोर्ट के लिए हाईकोर्ट में अतिरिक्त स्क्रीन लगाने के साथ ही आवाज को रिकार्ड करने की भी सुविधा है। उन्होंने कहा कि ई-फाईलिंग का प्रयोग वकील, क्लर्क व याचिकाकर्ता कर सकते हैं। डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड पर केस की सभी जानकारी याचिका कर्ता को प्रदान की जाती है।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजेश बिन्दल ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है सभी कोर्ट को कम्प्यूटराइज्ड करना, तकनीकी टीम द्वारा शिक्षित कर लोगों को जागरूक बनाना है। डिस्प्ले बोर्ड व पोस्टरों के माध्यम से लोगों को जानकारी दी जा रही है। जिला आदलतों की कोर्ट नोटिस समाचार पत्रों में प्रकाशित की जा रही है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों के सहयोग से भी जन जागरूकता फैलाने का भी कार्य किया जा रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में आम जन को स्टाॅल लगाकर ई-कोर्ट की जानकारी दी गयी। इसी प्रकार फरीदाबाद में एफ.एम. रेडियो के माध्यम से ई-कोर्ट के बारे में जानकारी दी जा रही है।
सत्र के समापन को कोलकाता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस, गुजरात हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अकील ए. कुरेशी, मद्रास हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति टी.एस. शिवागनानम, जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति आलोक अराडे, इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति श्री अंजनी कुमार मिश्रा तथा अन्य न्यायमूर्ति वक्ताओं ने सम्बोधित किया।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति दिलीप बी. भोसले ने उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर को स्मृति चिन्ह भेंटकर उन्हें सम्मानित किया।

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