उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ही होगें

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक  ओपी सिंह ही होगें

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ही होगें। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कल फिर प्रस्ताव भेजा गया। जिसके बाद उनको केंद्र से रिलीव किया जा रहा है। माना जा रहा है कि सोमवार को वह कार्यभार संभाल लेंगे। सीआइएसएफ में डीजी के पद पर तैनात ओपी सिंह 1983 बैच के उत्तर प्रदेश कॉडर के आइपीएस अधिकारी है उनके नाम पर उत्तर प्रदेश सरकार की तीन सदस्यीय कमेटी ने 31 दिसंबर को मुहर लगाई थी। उनको तीन जनवरी तक अपना काम संभलना था।लेकिन केंद्र सरकार से रिलीव करने पर विलंब हो गया ।

केंद्र सरकार ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से दोबारा प्रस्ताव मांगा था।उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके नाम का प्रस्ताव दोबारा केंद्र सरकार को भेजा। इसके बाद सीएम दफ्तर ने ओपी सिंह की फाइल दोबारा पीएमओ को अनुमोदन के लिए भेज दी थी।

केंद्र सरकार ने सीआइएसएफ में डीजी के पद पर तैनात ओपी सिंह को अब रिलीव कर दिया है। इसके बाद उनको केंद्र सरकार ने डीजी सीआइएसएफ के पद से रिलीव करने का मन बनाया। ओपी सिंह 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी है, वह प्रदेश के डीजीपी के रूप में कल अपना संभाल सकते हैं। उनका कार्यकाल 30 जनवरी 2020 तक है।
वर्तमान में ओपी सिंह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में महानिदेशक के पद पर तैनात हैं। सुलखान सिंह के पुलिस महानिदेशक पद से 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने के बाद ओपी सिंह को इस अहम पद की जिम्मेदारी सौंपी जानी थी। ओपी सिंह बिहार के गया जिले के मीरा बिगहा गांव के रहने वाले हैं। वह वर्तमान में सीआईएसएफ डीजी के पद पर तैनात हैं। वह 1983 बैच के यूपी कैडर के आईपीएस ऑफिसर हैं। वह केंद्र और यूपी में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को निभा चुके हैं। ओपी सिंह को 1993 में बहादुरी के लिए इंडियन पुलिस मेडल, 1999 में सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस मेडल और 2005 में विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक मिल चुका है।
ओम प्रकाश सिंह के पास उत्तर प्रदेश में काम करने का अनुभव रहा है। वह प्रदेश के लखीमपुर खीरी, बुलंदशहर, लखनऊ, इलाहाबाद में बतौर एसएसपी रह चुके हैं। लखनऊ में तो वह तीन बार एसएसपी रह चुके हैं। इसके अलावा आजमगढ़ और मुरादाबाद के डीआईजी और मेरठ जोन के आईजी के रूप में भी कार्यभार संभाल चुके हैं। दरअसल योगी सरकार को एक ऐसे पुलिस अधिकारी की जरूरत थी जो 2019 लोकसभा चुनाव तक पुलिस विभाग की काम संभाल सके।

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