शिवराज सिंह चौहान गोवंश के हित में कानून बनाएंगे

शिवराज सिंह चौहान गोवंश के हित में  कानून बनाएंगे

भाजपा की केन्द्र और कई राज्यों में सरकार बनने के बाद गोवंश के संरक्षण पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया है। हालांकि कई अति उत्साही गोरक्षकों ने अप्रिय स्थितियां भी उत्पन्न कीं और प्रधानमंत्री ने उन्हें भावुकता के साथ फटकारा भी। इन हालातों के बीच एक अच्छी बात यह सामने आयी कि गोवंश की समस्याओं पर गंभीरता से विचार होने लगा। गोवंश को आवारा छोड़ देने की परम्परा पर मध्य प्रदेश सरकार ने कड़ा कदम उठाने की तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक ऐसा कानून लाने की तैयारी कर रहे हैं जिसमे गायों को आवारा छोड़ने वाले गोपालकों को सजा दी जा सकेगी। गोवंश को आवारा छोड़ने से जहां उनके चोरी होने और कत्लगाहों तक पहुंचाने की नोबत आ जाती थी, वहीं सड़क पर दुर्घटनाएं भी होने की संभावना बनी रहती थी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में नर्मदा यात्रा और एकात्म यात्रा निकाली थी। अब गोवंश पर कानून बनाने को उनका हिन्दू एजेण्डा बताया जा रहा है लेकिन यह गोवंश के संरक्षण और कानून-व्यवस्था की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा। आमतौर पर देखा जाता है कि गाय जब तक दूध देती है, तब तक तो लोग उसे बांध कर रखते हैं, अच्छा चारा भी खिलाते हैं लेकिन जैसे ही दूध देना बन्द करती है तो उसे छुट्टा छोड़ देते हैं। शिवराज सिंह चौहान की सरकार अब गायों को लेकर लापरवाही बरतने वाले लोगों को कानून के दायरे में लाना चाहती है। सरकार की नाराजगी उस बात पर है कि गोपालक गाय को दुहने के बाद ही आवारा छोड़ देते हैं। इससे गोमाता सड़कों पर आ जाती हैं और सड़क हादसों की वजह बन जाती हैं। गाय का सम्मान तो बहुत लोग करते हैं लेकिन जब उसके चलते नुकसान होता है तो उस पर डंडे बरसाने से भी नहीं हिचकते। इसके लिए असली दोषी गोपालक हैं।
राज्य के कानून मंत्री रामपाल सिंह के मुताबिक गोपालक इस तरह की लापरवाही न कर संके, इसलिए कानून का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। इस ड्राफ्ट को कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा और विधानसभा में पेश किया जाएगा। गोपालकों पर कानूनी कार्रवाई के लिए सरकार को मध्य प्रदेश गोवंश वध प्रतिबंध अधिनियम 2004 में बदलाव करना पड़ेगा। बदलाव के बाद नये कानून का नाम गोवंश संरक्षण एवं वध प्रतिबंध अधिनियम रखा जाएगा। सरकार को इस प्रकार का कानून बनाने के लिए परिवहन विभाग और पुलिस की एक रिपोर्ट से मजबूर होना पड़ा है। सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया है कि सड़क हादसों में मध्य प्रदेश का दूसरा स्थान है। देश भर में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े एकत्रित किये गये, तब इस बात का खुलासा हुआ। परिवहन विभाग की रिपोर्ट बताती है कि 2016 में मध्य प्रदेश में 54 हजार सड़क दुर्घटनाएं हुईं। सरकार के लिए यह चिंताजनक बात थी। इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि साल भर में 5228 हादसे आवारा पशुओं की वजह से हुए हैं। इस प्रकार औसतन 10 हादसे रोज आवारा पशुओं की वजह से हो रहे हैं। इन आवारा पशुओं में सबसे अधिक संख्या गोवंश की पायी गयी।
सरकार ने गोवंश के संरक्षण के लिए अब तक गौर अभयारण्य को बेहतर विकल्प माना था। अभी ज्यादा दिन नहीं हुए जब मध्य प्रदेश के सुसनेर स्थित गौ अभयारण्य में कई गायों की मौत हो गयी। इसका कारण गोवंश के रखरखाव में अव्यवस्था पायी गयी थी। विपक्षी दल कांग्रेस ने इस पर सरकार की आलोचना की थी और कहा कि भाजपा का गौ प्रेम भी दिखावा है, इसलिए अब सरकार गौ अभयारण्य की जगह गोपालकों पर ही यह जिम्मेदारी डालना चाहती है जिससे गोवंश का संरक्षण हो सके। चौहान की सरकार ने गोवंश के लिए पहले भी कई योजनाएं घोषित की थीं। सरकार ने बीमार और चोटिल गायों के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था की और लावारिस गायों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। अब गोपालकों की लापरवाही ने समस्या पैदा की है तो उसके लिए सरकार कानून बनाएगी।

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