राजनीति में जाति-धर्म का घालमेल नहीं होना चाहिए : अखिलेश यादव

राजनीति में जाति-धर्म का घालमेल नहीं होना चाहिए : अखिलेश यादव

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी का एजेण्डा विकास है और उसका लक्ष्य सामाजिक सद्भाव तथा लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करना है। राजनीति में जाति-धर्म का घालमेल नहीं होना चाहिए। भाजपा द्वारा समाज के ध्रुवीकरण की खतरनाक राजनीति से जनता को सचेत और सतर्क करने में हमें जरा भी चूक नहीं करनी चाहिए।

यादव ने कहा कि भाजपा का छुपा एजेण्डा है कि समाज में असंतोष पैदा हो और विषमता में वृद्धि हो। गोरखपुर और फूलपुर में समाजवादी पार्टी की शानदार जीत से भाजपा की बोली बिगड़ गई हैं। भाषा की मर्यादा टूट गई है। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के परस्पर सहयोग को षडयंत्र बताया जा रहा है। भाजपा अपने कुप्रचार से 2019 ई0 के चुनावांे को प्रभावित करने की कोशिश में है
अखिलेश यादव ने कहा कि आज स्थिति यह है कि उत्तर प्रदेश में अपराधों पर कोई रोक नहीं है। न्याय की बात कोई सुनने वाला नहीं है। राजभवन जो पहले बहुत सक्रिय रहता था आजकल मौन है। चारों तरफ मंहगाई और भ्रष्टाचार का बोलबाला हैं। समाजवादी सरकार से भाजपा सरकार का काम में कोई मुकाबला नही है। इसलिए विकास के झूठे दावे किए जा रहे हैं। इनवेस्टर्स मीट का बड़ा हल्ला मचा लेकिन प्रदेश में पूंजी और उद्योग लगाने का वादा करने वाले कहां गुम है?

मुख्यमंत्री ने कहा कि आरएसएस और भाजपा की नीतियां सामाजिक न्याय की विरोधी हैं। समाजवादी पार्टी इस मत की है कि आबादी के हिसाब से अधिकार और अवसर मिलना चाहिए। आधार के जरिए जनगणना आसानी से हो सकती है। तभी समाजवादी व्यवस्था लागू होगी।

उन्होंने कहा कि जिस समाज में घोर गरीबी और बेरोजगारी हो वहां भाजपा समरसता की बात कैसे कर सकती है? 20 करोड़ लोग भूखे सोने को मजबूर हैं। कर्ज, बेकारी और गरीबी से तंग आकर चार वर्ष में लगभग 50 लाख किसान खेती छोड़कर पलायन कर गए हैं। प्रतिमाह लगभग 1 हजार किसान आत्महत्या कर रहे हैं। केवल भारत में किसान आत्महत्या कर रहा है। दुनिया के किसी भी देश में आत्महत्या किसान नहीं करता है। किसानों पर 12 लाख 60 हजार करोड़ का कर्ज है। जबकि बड़े पूंजी घरानों का 17 लाख करोड़ रूपये का ऋण माफ कर दिया गया।

यादव ने कहा कि नौजवान बेरोजगारी के शिकार है। उन्हें 2 करोड़ नौकरी देने का भाजपा का वादा कोरा ही रहा। युवा पीढ़ी पर हताशा और कुंठा की काली छाया है। भाजपा राज में कानून की धज्जियां उड़ रही हैं। यह सरकार बलात्कारियों का बचाव कर रही है। बेटी बचाओं का नारा देती है और रोज ही बच्चियां दुष्कर्म की षिकार हो रही हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी, जीएसटी से व्यापार चैपट है। छोटे-छोटे लाखों उद्योग बंद हो गए हैं। चीन से एक साल में जितना आयात होता है उतना तो यूपी का बजट है।
अखिलेश यादव ने कहा कि देश के करोड़ों बच्चों के पास किताबें नहीं है। देश के 37 प्रतिशत स्कूलों में बिजली नहीं है। उत्तर प्रदेश में बच्चों को घटिया किस्म के बैग, स्वेटर, जूते-मोजे दिए गए जो चंद दिनों में फट गए।
भाजपा की कोशिश है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था को तहस नहस किया जाए। लोकतंत्र की व्याख्या भाजपा अपनी सुविधा के अनुसार करती हैं। भाजपा की अफवाहों को जनता ही रोक सकती है। समाजवादी पार्टी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है कि कोई लोकतंत्र के साथ छल न कर सके। उन्होंने आह्वान किया कि सन् 2019 के चुनावों में सपा-बसपा गठबंधन को सफलता दिलाने में सभी एकजुट होकर लक्ष्य की प्राप्ति करेंगे।


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