मास्टर विजय सिंह को अब मिला भाकियू का साथ-राकेश टिकैत बोले, पुलिस प्रशासन की हरकत शर्मनाक

मास्टर विजय सिंह को अब मिला भाकियू का साथ-राकेश टिकैत बोले, पुलिस प्रशासन की हरकत शर्मनाक
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मुजफ्फरनगर शामली के गांव चौसाना में 4 हजार बीघा से ज्यादा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा हटवाने के लिए 1994 से संघर्ष कर रहे मास्टर विजय सिंह पर पुलिस प्रशासन की निरंतर कार्यवाही कई सवाल उठा रही है। केन्द्र और राज्य सरकार के मंत्रियों के द्वारा प्रशासन की कार्यवाही की निंदा करते हुए नाराजगी जताने के बाद भी मास्टर विजय सिंह के खिलाफ एक हास्यास्पद आरोप में मुकदमा दर्ज कर दिया गया। ऐसे में अब मास्टर विजय सिंह को भारतीय किसान यूनियन का भी समर्थन मिला है।



भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत का केरल से बयान



भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने केरल से बयान जारी करते हुए कहा कि एक आंदोलनकारी के साथ इस तरह का बर्ताव पुलिस प्रशासन की तानाशाही है। इसे शर्मनाक बताते हुए उन्होंने कहा कि भाकियू मास्टर जी के साथ है और उनके खिलाफ की गयी कार्यवाही को लेकर आंदोलन चलाने से भी हम पीछे नहीं हटेंगे।


जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. के निर्देशों के तहत मास्टर विजय सिंह को कलेक्ट्रेट से हटवा दिया गया था



बता दें कि 18 सितम्बर को जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. के निर्देशों के तहत 26 फरवरी 1996 से भू माफियाओं के खिलाफ कलेक्ट्रेट में धरने के रूप में अहिंसात्मक आंदोलन चला रहे मास्टर विजय सिंह को कलेक्ट्रेट से हटवा दिया गया था। इसके बाद प्रशासन के खिलाफ विभिन्न संगठनों ने रोष जताते हुए इस कार्यवाही का विरोध किया।


केन्द्रीय पशुपालन, डेयरी विकास एवं मत्स्य राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान और राज्य सरकार में व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल का समर्थन



केन्द्रीय पशुपालन, डेयरी विकास एवं मत्स्य राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान और राज्य सरकार में व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने भी मास्टर विजय सिंह से शिव चैक गोल मार्किट पर उनके धरने पर जाकर मुलाकात की और प्रशासन के रवैये पर दुख जताते हुए उनको न्याय का भरोसा दिलाया था। लगातार मास्टर विजय सिंह के साथ जनसमर्थन नजर आ रहा है, ऐसे में 20 सितम्बर को सिविल लाइन थाने में मास्टर विजय सिंह के खिलाफ कलेक्ट्रेट में अपने धरने पर रस्सी बांधकर अण्डरवियर और अन्य कपड़े सुखाने के आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। इससे इस प्रकरण ने नया तूल पकड़ लिया है। अब मास्टर विजय सिंह के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन भी कूद पड़ी है।



भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने प्रशासन के रवैये को शर्मनाक करार दिया



भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने प्रशासन के रवैये को शर्मनाक करार देते हए कहा कि एक आंदोलनकारी का सम्मान करना चाहिए। राकेश टिकैत किसानों के डेलिगेशन की साथ केरल में किसान सम्मेलन में प्रतिभाग करने के लिए गये हुए हैं। इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए उन्होंने केरल से जारी बयान में कहा कि मास्टर जी को जबरन धरने से उठाने की कार्यवाही बेहद शर्मनाक है, इससे भी बड़ी हास्यास्पद स्थिति यह है कि मास्टर जी पर धरने के दौरान अपने कपड़े सुखाने तक का मुकदमा सिविल लाइन थाने में लिखवा दिया गया है। यह प्रशासनिक तानाशाही का परिचायक है। राकेश टिकैत ने कहा कि जिन वस्त्रों के टांगने का मुकदमा मास्टर विजय सिंह के खिलाफ दर्ज किया गया है वो जनपद में हजारों दुकानों पर सरेआम बाहर टांगकर ही बेचे जाते हैं, और ठेलियों पर बिकते हैं। जगह जगह उनके प्रचार के लिए होर्डिंग, पोस्टर ओर बैनर भी लगे नजर आते हैं, क्या प्रशासन उन सब पर मुकदमा लिखेगा। राकेश टिकैत ने कहा कि कुछ अधिकारी इस जिले का माहौल खराब करना चाह रहे हैं। भाकियू ऐसा नही होने देगी यह जिला प्यार मौहब्बत से चलता है। ऐसे अधिकारी अपनी मानसिकता बदलें जनता में भय नहीं विश्वास पैदा करने का काम किया जाये। उन्होंने कहा कि यदि मास्टर जी के खिलाफ दर्ज मुकदमा खत्म नही हुआ तो प्रशासन के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन बड़ा आंदोलन करने पर विचार करेगी।



मास्टर विजय सिंह ने डीएम और एसएसपी के नाम शपथ पत्र दिया




दूसरी ओर आईपीसी की धारा 509 के अन्तर्गत दर्ज कराये गये मुकदमे पर मास्टर विजय सिंह ने डीएम और एसएसपी के नाम शपथ पत्र दिये है। इनमें उनका कहना है कि जिन अण्डरवियर को सुखाने के लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की गयी है, वह अण्डरवियर उनके नहीं थे। उन्होंने कहा कि वह अण्डरवियर कृष्णपाल नामक व्यक्ति के थे, और आज कृष्णपाल ने इसके लिए दोनों अधिकारियों को अपना शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। इससे स्पष्ट है कि मास्टर विजय सिंह के खिलाफ दर्ज मुकदमा गलत है।

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