डॉक्टर के नाम से CM और मंत्री को भेजा शिकायती पत्र निकला फर्जी - तलाश जारी

डॉक्टर के नाम से CM और मंत्री को भेजा शिकायती पत्र निकला फर्जी - तलाश जारी

लखनऊ। अभी तक जिला स्तर पर फर्जी शिकायतों का चलन देखने को मिलता था लेकिन अब खुराफाती लोग मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक को फर्जी शिकायतें भेजकर डॉक्टर जैसे सम्मानित लोगों को तंग करने में जुटे हुए हैं। उनके पीछे इसके पीछे खुराफाती तत्वों की क्या मंशा है, यह जांच का विषय होना चाहिए।

गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर जनपद के कस्बा शाहपुर में क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टर गजेंद्र सिंह बालियान के नाम से दिनांक 4 अक्टूबर 2021 की डेट डालते हुए एक प्रार्थना पत्र मुख्यमंत्री के नाम उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भेजा गया । यह पत्र दिनांक 8 अक्टूबर 2021 को उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के कैबिनेट मंत्री जय प्रताप सिंह के दफ्तर में दिया गया। जिस पर उन्होंने महानिदेशक स्वास्थ्य से रिपोर्ट मांगते हुए इनको आदेश दिया। मंत्री के आदेश के बाद महानिदेशक के शिविर कार्यालय ने इस चिट्ठी को आगे बढ़ाते हुए निदेशक पीएचसी को जांच के लिए भेज दिया।

जैसे ही यह जांच पत्र मुजफ्फरनगर सीएमओ ऑफिस पर पहुंचा , वैसे ही स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया। अपने विभाग के कैबिनेट मंत्री और महानिदेशक के पत्र के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एक टीम बनाई और वह शाहपुर में जांच करने लगी।

इस शिकायती पत्र में अपना हॉस्पिटल चला रहे डॉ जुनैद चौधरी को भी फर्जी डॉक्टर बताया गया था। जब जांच टीम वहां पहुंची तो उन्होंने डॉ जुनैद चौधरी से उनके सर्टिफिकेट मांगे जिस पर डॉ जुनैद चौधरी ने जांच टीम को अपना रजिस्ट्रेशन लेटर के साथ-साथ अपने कागज भी दिखाएं। दरअसल डॉ जुनैद चौधरी ने वर्ष 2016 में रामा मेडिकल कॉलेज हापुड़ से एमबीबीएस किया था, जिस पर उनका यूपी मेडिकल काउंसिल में दिनांक 23 अक्टूबर 2017 को रजिस्ट्रेशन भी हो गया था। उसके बाद से गुरुतेग बहादुर सहित दिल्ली सरकार में हॉस्पिटल में भी डॉक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दी है। इसके बाद डॉ जुनैद चौधरी ने मुज़फ्फरनगर के कस्बा शाहपुर में अपना हॉस्पिटल शुरू कर दिया है।

जांच टीम को जब बताया गया कि डॉक्टर गजेंद्र बालियान के नाम से पहले भी इस तरह की शिकायतें की जाती रही है जबकि डॉक्टर बालियान इस तरह की शिकायत नहीं करते हैं। इसके बाद जांच टीम शाहपुर बसी रोड पर डॉ विजेंद्र बालियान के क्लीनिक पर पहुंची।

सबसे मजेदार बात यह है कि जिस डॉक्टर गजेंद्र सिंह बालियान के नाम से यह शिकायत की प्रार्थना पत्र दिया गया, उनको इसकी भनक भी नहीं थी। जब जांच टीम डॉक्टर गजेंद्र सिंह बालियान के क्लीनिक पर पहुंची तो डॉक्टर गजेंद्र सिंह बालियान ने टीम को बताया कि मैं पिछले काफी दिनों से बीमार हूं। मैं अपने हस्ताक्षर भी नहीं कर सकता हूं तथा मुझे लिखने में, चलने में, उठने बैठने में बहुत सारी दिक्कत है, तो मैं लखनऊ कैसे जा सकता हूं। डॉक्टर गजेंद्र सिंह बालियान ने बताया कि इससे पहले भी मुजफ्फरनगर के सीएमओ और डीएम को इस तरह के प्रार्थना पत्र दिए जा चुके हैं। गजेंद्र सिंह बालियान से मिलने के बाद जांच टीम वापस लौट गई , लेकिन इस सबके पीछे सवाल उठता है कि आखिर शाहपुर क्षेत्र के डॉक्टरों की झूठी शिकायत करने वाला व्यक्ति कौन है और उसके पीछे उसकी क्या मंशा है। बताया जा रहा है कि फर्जी शिकायत पत्र को कुछ लोग सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे। उनका मकसद क्या है यह भी जांच का विषय है। इस प्रार्थना पत्र में जिस डॉक्टर गजेंद्र सिंह की तरफ से शिकायत की गई है। उसमें उसके नाम के साथ प्रार्थना पत्र में एक मोबाइल नंबर भी दिया गया है। जिसको जानबूझकर षड्यंत्र करने वाले ने पूरा नहीं लिखा है। जिस भी खुराफाती व्यक्ति ने यह प्रार्थना पत्र दिया है, उसने यह सोचते हुए कि कहीं जांच टीम डॉक्टर गजेंद्र बालियान से संपर्क ना कर ले, इसलिए उनके मोबाइल नंबर 9758370511 के बजाय 975837511 लिखा गया है।

इस सम्बंध में डॉक्टर जुनैद चौधरी ने शाहपुर इंस्पेक्टर को एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि इससे मेरी छवि को नुकसान हुआ है। ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ पुलिस जांच कर कानूनी कार्रवाई करें।

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