जब सऊदी अरब जाने से पहले शाकिर ने नई मंडी थाने में बोला, शुक्रिया यूपी पुलिस

जब सऊदी अरब जाने से पहले शाकिर ने नई मंडी थाने में बोला, शुक्रिया यूपी पुलिस

मुजफ्फरनगर। एक साजिश के तहत छोटे भाई के साथ रह रही अपनी मां को खो देने के बाद सऊदी अरब से लौटे एक युवक ने यूपी पुलिस का मानवीय दृष्टिकोण देखा, पुलिस की एक नकारात्मक सी छवि लेकर यहां पर ये युवक अपनी मां के लिए इंसाफ की उम्मीद लेकर आया। जब युवक ने पुलिस की ईमानदारी और सकरात्मक दृष्टिकोण के साथ ही मानवीय पहलू देखा तो उसकी उम्मीद जगी और जब पुलिस ने सारी साजिशों से परे जाकर उसकी मां के कातिलों को पकड़कर घटना का पर्दाफाश किया तो, इस युवक की आंखें पुलिस के प्रति कृतज्ञता के आंसुओं की नमी से लबरेज थे और होंठों से ये ही शब्द निकले, शुक्रिया यूपी पुलिस...!

जी हां! हम बात कर रहे हैं यूपी में हो रही 'गुड पुलिसिंग' की। मामला मुजफ्फरनगर के थाना कोतवाली नई मण्डी क्षेत्र के गांव बागोवाली का है। यहां पर 29 अगस्त को जाहिदा नामक एक वृद्धा का कत्ल हो गया था। अगले दिन 30 अगस्त को वृद्धा का शव एक निर्माणाधीन मकान में चादर में लिपटा हुआ मिला था। मृत वृद्धा अपने छोटे बेटे के साथ रह रही थी। उसका बड़ा बेटा काम के सिलसिले में सऊदी अरब रहता था। पुलिस के सामने हत्या के खुलासे के लिए कई चुनौतियां थी। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने नई मण्डी कोतवाली प्रभारी हरसरण शर्मा को केस के खुलासे के लिए लगाया और निष्पक्ष जांच के आदेश दिये। इस प्रकरण में मृतका के भाई मनव्वर हुसैन ने कोतवाली में अज्ञात हत्यारे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस केस में पुलिस ने जांच आगे बढ़ायी तो कई उलझाने वाले पहलु सामने आये। पुलिस की जांच को भी पटरी से उतारने के लिए ऐसे दृश्य पैदा किये गये, जिससे इस घटना में मृतका के छोटे बेटे फैसल पर जाकर पुलिस जांच की राह ठिठक गयी। मां की मौत की सूचना पर सऊदी अरब के शहर मक्का में रहने वाला दूसरा बेटा शाकिर भी मुजफ्फरनगर आ गया था हालांकि शाकिर अभी 12 दिन पहले ही मुज़फ्फरनगर से छुट्टी बिताकर सऊदी अरब गया था मगर मां के कत्ल की खबर से वापस लौट आया । शाकिर ने एसएसपी सुधीर कुमार सिंह और फिर नई मण्डी कोतवाल इंस्पेक्टर हरसरण शर्मा से मुलाकात की। पुलिस जांच में शाकिर ने जब अपने छोटे भाई फैसल पर ही मां की हत्या का शक देखा तो वो विचलित हो गया। मां के चले जाने से दुखी शाकिर को छोटे भाई की चिंता हुई। उसने इंस्पेक्टर हरसरण शर्मा को निष्पक्ष जांच करने की अपील करते हुए घर की स्थिति से अवगत कराया। बकौल शाकिर उसकी पत्नी इमराना की उसकी मां जाहिदा के साथ अनबन रहती थी। रोजाना के तनाव को देखते हुए इमराना को अलग कर दिया गया था। वो अपनी बेटी मरियम के साथ अलग रहती थी। जाहिदा अपने बेटे फैसल के साथ अलग रहती थी। शाकिर के द्वारा दी गयी जानकारी के बाद पुलिस ने अपनी जांच का पैटर्न बदला, तो रिश्तों को शर्मशार करने वाली कहानी समाने आयी। इंस्पेक्टर हरसरण शर्मा के अनुसार जांच के दौरान ही चैंकाने वाला तथ्य सामने आया। पुलिस ने पूछताछ के लिए मुकदमे के वादी मृतका के भाई मनव्वर हुसैन को 18 सितम्बर को हिरासत में लिया गया। मनव्वर ने घटना के पीछे की सारी हकीकत को उगल दिया।

मनव्वर की जानकारी के बाद वृद्धा जाहिदा की हत्या का रिश्तों को शर्मिन्दा करने वाला खुलासा हुआ। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने पुलिस लाइन में इस घटना का खुलासा किया था, उन्होंने बताया कि नई मण्डी कोतवाली के गांव बागोवाली में वृद्धा की हत्या की गयी, जिसकी शिनाख्त जाहिदा पत्नी मोहर्रम के रूप में हुई थी। नई मंडी पुलिस ने आरोपी मनव्वर को जानसठ फ्लाईओवर के पास से गिरफ्तार कर लिया, जिसने पूछताछ में बताया कि जाहिदा का बेटा शाकिर काफी समय से सऊदी अरब में रहकर काम कर रहा है। शाकिर की पत्नी इमराना का सास जाहिदा व देवर फैसल से मनमुटाव रहता था, जिसके चलते वह बेटी मरियम के साथ अलग मकान में रहती थी। इसी बीच घर आने-जाने के दौरान मनव्वर के भांजे की पत्नी इमराना से ही संबंध बन गए थे। जाहिदा ने 29 अगस्त की रात मनव्वर व इमराना को आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। इस पर दोनों ने जाहिदा का गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद जाहिदा की लाश को एक चादर में बांधकर गांव के बाहर निर्माणाधीन मकान में फेंक दिया गया, जिसके बाद खुद हत्यारोपी मनव्वर ने ही अज्ञात के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज करा दी। इसके बाद मनव्वर पुलिस को भ्रमित करने के लिए इस हत्या में अपने भांजे फैसल को फंसाने की साजिश में जुट गया। गाव में फैसल के द्वारा ही जाहिदा की हत्या करने की चर्चाएं फैला दी गयी। पुलिस तक कई ग्रामीणों ने जाकर फैसल का ही नाम लिया। इससे शाकिर काफी परेशान था, लेकिन पुलिस की निष्पक्ष जांच ने साजिशों का भंडाफोड कर एक निर्दोष को जेल जाने से बचा लिया।

शाकिर कहते हैं, मां की हत्या के बाद वो परेशान था, लेकिन जब उसके छोटे भाई फैसल को फंसाने के लिए साजिश का पता चला तो वो सीधे इंस्पेक्टर हरसरण शर्मा से मिला और निष्पक्षता से जांच का आग्रह किया। उनको ये उम्मीद नहीं थी कि पुलिस से कोई मदद मिल पायेगी, क्योंकि यूपी पुलिस की नकारात्मक छवि ज्यादा प्रचारित है, लेकिन इस प्रकरण में पुलिस ने ईमानदारी से काम किया और सच्चाई सामने आने से उनके भाई का परिवार भी बच गया। इंस्पेक्टर हरसरण शर्मा लगातार इस केस को लेकर मुझ से बात करते रहे, गांव के भी कुछ लोग मेरे भाई को फंसाना चाहते थे, मैं अक्सर यूपी पुलिस के खराब व्यवहार की बातें ही सुनता था, इसलिए एक डर भी था, लेकिन मैंने खुद यहां यूपी पुलिस की 'गुड पुलिसिंग' देखी, मैं पुलिस की ईमानदारी और निष्पक्षता का ऋणी हूं। शाकिर केस का खुलासा होने के बाद थाने पहुंचे और इंस्पेक्टर हरसरण शर्मा का आभार जताते हुए उन्होंने कहा-शुक्रिया यूपी पुलिस!!

शाकिर कहते हैं, उनकी वापसी की 25 नवम्बर की फ्लाइट थी, वो मां की हत्या में शामिल रही, पत्नी के ना पकड़े जाने से परेशान थे, उन्होंने इंस्पेक्टर से आग्रह किया था कि 25 नवम्बर से पहले ही यदि वो इस केस का वर्कआउट कर दें तो वो एक सकून के साथ वापस सऊदी अरब जाकर अपने काम में जुट पायेंगे। इससे पहले ही इंस्पेक्टर हरसरण शर्मा ने इमराना को गिफ्तार कर केस को क्लोज कर दिया। इसके बाद शाकिर यूपी की 'गुड पुलिसिंग' की प्रशंसा करते हुए सऊदी अरब रवाना हो गये। इंस्पेक्टर हरसरण शर्मा कहते हैं, इस केस में कई बार जांच के पैटर्न को बदला गया। हत्यारोपियों ने जांच को भटकाने का हर संभव प्रयास किया और लगातार मृतका के बेटे फैसल को ही इस हत्या की पिक्चर में लाने के प्रयास में रहे, हमने शुरू से ही ये जांच निष्पक्षता से आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। हर स्थिति से एसएसपी सुधीर कुमार शर्मा को अवगत कराया और उनके मार्ग निर्देशन में हम सटीक खुलासे तक पहुंचे।

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