हार्ट अटैक क्या बला है : डॉ अनुभव सिंघल

हार्ट अटैक क्या बला है : डॉ अनुभव सिंघल
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एंजाइना क्या है ?

हमारे दिल को भी नॉनस्टॉप धड़कने के लिए तीन नसों द्वारा खून की सप्लाई होती है। एक नस दाई तरफ व दो नसे बाई तरफ के दिल को खून पहुंचाती है। इन नसों के संकरा होने पर खून की सप्लाई दिल की जरूरत के हिसाब से कम पड़ने लगती है जिस कारण ज्यादा चलने या भारी काम करने पर छाती में जकड़न महसूस होती है- जिसे 'एंजाइना पेन' कहा जाता है। जैसे-जैसे इन नसों मे यह सिकुड़न (ब्लॉकेज) बढ़ती है वैसे-वैसे कम काम करने या थोड़ा सा हैवी वर्क करने पर ही छाती में दबाव या जलन होने लगती है। गौरतलब है कि यह दर्द कुछ काम करने पर ही होता है, बैठे-बैठे नहीं क्योंकि रेस्टिंग स्टेज में दिल को कम काम करने के लिए यह फिक्स्ड सप्लाई पूरी पड़ती है।

इस एंजाइना दर्द से पीड़ित मरीज कुछ दवाएं जैसे -खून पतला करने की (एस्प्रिन), कॉलेस्ट्रोल नियंत्रित करने की (एटोरवास्टेटिन), बीपी- शुगर कंट्रोल करने की, दिल की धड़कन को बढ़ने से रोकने की (मेटोप्रोलोल) एवं दिल की नसों को फैला कर रखने वाली (मोनोट्रेट इत्यादि) लेकर एवं उचित खान-पान व जीवनशैली से बिना छाती दर्द के सुरक्षित जीवन यापन कर सकते हैं।अगर मरीजों को दवा से आराम नहीं पड़ता तब एंजियोग्राफी कराने की सलाह दी जाती है।

Q : हार्ट अटैक क्या है ?

परंतु हृदय को सप्लाई करने वाली तीनों में से किसी भी नस मे अचानक रूकावट होने से दिल के उस एरिया की ब्लड सप्लाई पूरी तरह से बंद हो जाती है एवं हृदय का वह भाग खून की कमी के कारण डैमेज होना शुरू हो जाता है जिससे मरीज को छाती में दर्द, घबराहट, पसीना जैसे लक्षण आने लगते हैं।कभी-कभी दाईं तरफ की नस बंद होने पर कुछ अलग तरह के लक्षण जैसे उल्टी, उबकाई, चक्कर, बेहोशी या अत्यधिक कमजोरी भी होती है, इस तरह के अलग लक्षण बूढ़े लोगों या महिलाओं में ज्यादा होते हैं।हालांकि ज्यादातर लोग हार्ट- अटैक के शुरुआती लक्षणों को गैस या एसिडिटी मानकर इग्नोर करते हैं।

Q : क्यों दिल की नसो में अचानक ब्लॉकेज आ जाती है ?

दिल की नसों की अंदर की दीवारें कई कारणों से डैमेज हो जाती है जिससे वह संकरी हो जाती हैं एवं उस डैमेज नस के अंदर खून का गाढ़ा थक्का जम जाता है जिससे वह खून के प्रवाह को ठीक उसी तरह रोक देता है जैसे नाली में कचरा आने पर आगे का फ्लो बंद हो जाए या बमुश्किल आगे बढ़े।


Q : किन कारणों से दिल की नसों में खून का थक्का जमता है ! 😱


अनकंट्रोल्ड शूगर-बीपी, तंबाकू- सिगरेट, स्ट्रेसफुल - सीडेंटरी लाइफ़स्टाइल,अधिक चर्बी वाला खानपान जैसे अंडा-मीट इत्यादि से हमारा खून पानी की तरह पतला न रहकर शहद की तरह गाढ़ा होकर इन डैमेज्ड रक्त शिराओं में कचरे की तरह अट जाता है एवं नस के अचानक बंद होने से दिल का वह भाग डैड होना शुरू हो जाता है। नस जितनी शुरुआत से बंद होती है या जितनी बड़ी नस बंद होती है उतना ही ज्यादा दिल का भाग डैमेज होने का रिस्क होता है छोटी मोटी ब्रांच बंद होने से 'माइनर अटैक' एवं बड़ी नस या नस के शुरुआत से ही बंद होने से मेजर 'हार्टअटैक' हो जाता है।






युवावस्था जैसे 25 से 35 साल की उम्र के बीच ज्यादातर हार्ट अटैक ज्यादा स्मोकिंग करने (चेन स्मोकिंग)की वजह से होते हैं कुछ केस में स्ट्रांग फैमिली हिस्ट्री जैसे कम उम्र में ही मां बाप या ताऊ चाचा को बिना अन्य कारण के ही हार्ट-अटैक होने पर यंग- एज में ही हार्ट-अटैक हो सकते हैं।

हार्ट अटैक से कैसे बचें ?😳


दिल की नसों में अकस्मात ब्लॉकेज को रोकने के लिए बीपी, शुगर, वजन को कंट्रोल रखने, तंबाकू स्मोकिंग पूरी तरीके से छोड़ने, अधिक चर्बी युक्त खानपान जैसे अंडे मीट छोड़ने, नियमित शारीरिक व्यायाम, योग, संतुलित-संयमित, स्ट्रेस-रहित लाइफ स्टाइल अपनाने, मौसम के ताजे फलों व हरी सब्जियों को लेने की सलाह दी जाती है। जिन मरीजों को अटैक हो चुका है उन्हें लाइफ लोंग खून पतला करने की गोली (एस्प्रिन) लेने की सलाह भी दी जाती है।

Q :ज्यादातर हार्ट-अटैक मध्यरात्रि, सुबह-जल्दी या सर्दियों के दिनों में ही क्यों होते हैं?🤔

सर्दियों में अधिक ठंड की वजह से एवं रात्रि में नींद की कुछ स्टेज़िज़ में हमारे शरीर की वैस्कुलर टोन बढ़ जाती है जिससे सारी रक्त शिराएं तन कर बीपी को बढ़ाती हैं एव नसों में स्पाज़म कर हार्ट-अटैक का रिस्क कई गुना बढ़ा देती है।

अगली बार कार्डियक-अरैस्ट क्या बला है?

डॉ अनुभव सिंघल

एमडी मेडिसिन गोल्ड मेडल

डीएम कार्डियोलॉजी संजय गांधी पीजीआई लखनऊ

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