कोरोना काल में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें जरूरी

कोरोना काल में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें जरूरी

रायबरेली हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है, जिसके तहत मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता एवं मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए शिविरों का आयोजन किया जाता है | इस साल विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस दिवस की थीम "दयालुता" निर्धारित की गयी है | इस सम्बन्ध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डा. डी.एस.नेगी ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं यह जानकारी आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी(सीएमओ) डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने दी |

सीएमओ ने कहा - कम नींद आना, ज्यादा सोना, उलझन, घबराहट, हीन भावना, जिंदगी के प्रति नकारात्मक सोच, एक ही विचार मन में बार-बार आना, एक ही कार्य को बार-बार करने की इच्छा होना, डर लगना, अनावश्यक शक होना, कानों में आवाज आना, मोबाइल की लत होना, नशे की लत होना समेत कई प्रकार के ऐसे लक्षण हैं जो मानसिक बीमारियों से जुड़े हुए हैं। मानसिक दिक्कत होने पर न केवल लोगों का जीवन प्रभावित होता है बल्कि कई बार लोग आत्महत्या जैसा घातक कदम उठा लेते हैं।

मानसिक स्वास्थय के चिकित्सक डा. प्रदीप कहते हैं -कोरोना काल में मनोचिकित्सक व मानसिक रोग विशेषज्ञ के पास लोगों के जाने का ग्राफ बढ़ा है | इस दौरान डिप्रेशन के मामले काफी ज्यादा बढ़ गए हैं। नौकरी जाने से लेकर एकाकीपन, आर्थिक तंगी, लंबे समय तक घर में कैद रहना आदि वजह हैं । लिहाजा इस बार इन बिंदुओं पर हम सभी को मिलकर काम करना है |

अगर चिकित्सक को दिखा कर सही परामर्श लिया जाए तो समय रहते बीमारी ठीक हो सकती है।

जिला स्वास्थय शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डीएस अस्थाना ने बताया - कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स और स्वास्थय शिक्षा अधिकारी मिलकर लोगों को मानसिक स्वास्थय से सम्बंधित समस्याओं की समय से इनकी पहचान करने और इलाज कराने को लेकर जागरूक करेंगे |

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