थोड़े अनुशासन और थोड़ी मेहनत से आप हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं: पीएम

थोड़े अनुशासन और थोड़ी मेहनत से आप हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं: पीएम

कामकाजी लोगों को तरोताजा करेगा योग ब्रेक प्रोटोकाल थोड़ी मेहनत से आप हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री ने कहा कि फिट रहना उतना मुश्किल काम नहीं है जितना कि कुछ लोग सोचते हैं। थोड़े अनुशासन और थोड़ी मेहनत से आप हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं। उन्होंने स्वास्थ्य के लिए 'फिटनेस की डोज, आधा घंटा रोज' का मंत्र प्रदान करते हुए सभी लोगों से प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक योग, या बैडमिंटन, टेनिस या फुटबॉल, कराटे या कबड्डी का अभ्यास करने का आग्रह किया।

आयुष मंत्रालय के योग ब्रेक प्रोटोकॉल से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पुणे योग ब्रेक की शुरुआत की गई, जिसे कोविड-19 महामारी के चलते अस्थाई तौर पर स्थगित कर दिया गया था। 5 मिनट के इस प्रोटोकॉल का उद्देश्य कार्य स्थलों पर लोगों का योग से परिचय करवाना है और काम के बोझ से ब्रेक दिलाकर पुनः तरोताजा बनाना है।

उल्लेखनीय है कि योग, प्राचीन भारतीय परंपरा का महत्वपूर्ण भाग रहा है जो लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के साथ-साथ तन-मन भावनात्मक और आध्यात्मिक विचारों के मध्य संतुलन बनाता है। बदलती कार्यशैली और लगातार कंप्यूटर पर काम करने या एक ही स्थान पर बैठे रहने के कारण अधिकांश स्थानों पर काम करने वाले लोग काम का बोझ अनुभव करते हैं, तनाव अनुभव करते हैं । परिणामस्वरूप न सिर्फ उनके काम करने की क्षमता प्रभावित होती है बल्कि उत्पादकता भी कम हो जाती है।

ज्ञात हो आयुष मंत्रालय ने एमडीएनआईवाई के साथ मिलकर वर्ष 2019 में 5 मिनट का 'योग ब्रेक प्रोटोकॉल' विकसित किया था। जिसका उद्देश्य कार्य स्थलों पर लोगों के मन मस्तिष्क को तरोताजा करना और काम पर फिर से ध्यान केंद्रित करने योग्य बनाना था। 5 मिनट के इस प्रोटोकॉल को सुप्रतिष्ठित योग विशेषज्ञों ने तैयार किया है। जिसमें कुछ योग अभ्यास शामिल हैं। जैसे-ताड़ासन, कटिचक्रासन इत्यादि तथा नाड़ी शोधन, भ्रामरी, प्राणायाम और ध्यान। प्रोटोकॉल की शुरुआत परीक्षण आधार पर जनवरी 2020 में की गई थी । इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया के आधार पर पाया गया कि यह प्रभावी है।

फिट इंडिया संवाद का शुभारंभ करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि फिट इंडिया संवाद हर आयु वर्ग के फिटनेस हितों पर केंद्रित है और फिटनेस के विभिन्न आयामों पर आधारित है।

फिट इंडिया अभियान की शुरूआत के बाद देश में फिटनेस के प्रति लोगों में रुझान बढ़ा है। स्वास्थ्य और फिटनेस के बारे में जागरूकता लगातार बढ़ रही है और लोगों की सक्रियता भी बढ़ी है। योग, व्यायाम, पैदल चलना, दौड़ना, स्वस्थ भोजन की आदतें और स्वस्थ जीवन शैली हमारी जागरूकता का हिस्सा बन गई हैं। फिट इंडिया अभियान ने प्रतिबंधों के बावजूद इस कोरोना काल में अपने प्रभाव और प्रासंगिकता को साबित किया है।उन्होंने बताया कि युवा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय ने संयुक्त रूपेण फिटनेस प्रोटोकॉल जारी किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि फिट रहना उतना मुश्किल काम नहीं है जितना कि कुछ लोग सोचते हैं। थोड़े अनुशासन और थोड़ी मेहनत से आप हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं। उन्होंने स्वास्थ्य के लिए श्फिटनेस की डोज, आधा घंटा रोजश् का मंत्र प्रदान करते हुए सभी लोंगों से प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक योग, या बैडमिंटन, टेनिस या फुटबॉल, कराटे या कबड्डी का अभ्यास करने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया भर में फिटनेस को लेकर जागरूकता बढ़ी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन- डब्ल्यूएचओ ने आहार, शारीरिक गतिविधि और स्वास्थ्य पर एक वैश्विक रणनीति बनाई है, शारीरिक गतिविधि पर एक वैश्विक सिफारिश भी जारी की है। ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे कई देशों ने फिटनेस के लिए नए लक्ष्य तय किए हैं और उन पर काम कर रहे हैं। कई देशों में बड़े पैमाने पर अभियान चल रहा है और अधिक से अधिक नागरिक दैनिक व्यायाम की दिनचर्या में शामिल हो रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए मास्क पहनने को लेकर नई गाइडलाइन जारी करते हुए कहा था कि 12 साल से अधिक उम्र के बच्चे भी वयस्कों की तरह ही मास्क को पहने। मास्क को पहनने को लेकर जो भी गाइडलाइन्स बड़ों के लिए है, वह 12 वर्ष से ज्यादा उम्र के बच्चों पर भी लागू होने चाहिए।विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी कहा कि 60 साल से कम उम्र के लोग कपड़े से बना मास्क पहने, जबकि इससे अधिक उम्र और बीमारियों से ग्रस्त लोग मेडिकल मास्क को पहने।

यूनीसेफ के सहयोग से विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी नई गाइडलाइन्स में कहा गया कि 12 साल से अधिक आयु के बच्चों को वयस्कों की तरह मास्क पहनना चाहिए। विशेष रूप से तब जब सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन न किया जा सके और उस क्षेत्र में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा हो। हालांकि, डब्लूएचओ यह नहीं बता स्का कि बच्चे वायरस को किस सीमा तक फैला सकते हैं। उसने यह जरूर कहा है कि 12 साल से अधिक उम्र के बच्चे वयस्कों की तरह ही किसी दूसरे को कोरोना वायरस से संक्रमित कर सकते हैं। संगठन के अनुसार कुछ सीमित मात्रा में मिले सबूत बताते हैं कि कम उम्र के बच्चे कोरोना संक्रमण को वयस्कों की तुलना में धीमी गति से फैलाते हैं।विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि 5 वर्ष या इससे कम उम्र के बच्चों को मास्क नहीं पहनना चाहिए।

जबकि, 6 से 11 वर्ष के उम्र के बच्चे उन जगहों पर मास्क पहने जहां कोरोना वायरस का संक्रमण ज्यादा हो। इसके अलावा उन जगहों पर भी इस उम्र के बच्चे मास्क पहने जहां वयस्क लोगों के ज्यादा होने की संभावना हो। यह भी सलाह दी गई है कि घर के बड़े सदस्य बच्चों के मास्क पहनने और उसे उतारने के तौर तरीकों पर ध्यान दें।

गाइडलाइंस में यह भी कहा बच्चों को खेल खेलते समय या शारीरिक गतिविधियां करते समय मास्क पहनने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए। इस दौरान बच्चे दूसरों से उचित दूरी बनाकर रखें और खेल में बच्चों की संख्या को भी सीमित रखा जाए। आयुष मंत्रालय ने योग ब्रेक प्रोटोकॉल का अभ्यास पुनः प्रारम्भ किया है। आयुष भवन तथा एमडीएनआईवाई परिसर में इसका प्रदर्शन किया गया। अद्यतन स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति को देखते हुए सांस लेने के योग अभ्यास यानी प्राणायाम की क्रिया पर अधिक ध्यान केंद्रित किया गया है क्योंकि प्राणायाम की मदद से फेफड़ों की कार्य क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि आयुष भवन में योग ब्रेक संबंधी यह प्रदर्शन और प्रशिक्षण 10 दिनों तक जारी रहेगा जिसमें आयुष भवन के आसपास के कार्यालयों में काम करने वाले लोग भी भाग ले सकते हैं। इस दौरान कोविड-19 के संदर्भ में सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा रहा है, जिसमें सामाजिक दूरी भी शामिल है। आयुष मंत्रालय आने वाले कुछ हफ्तों में जीपीओ कॉम्प्लेक्स आईएनए,नई दिल्ली क्षेत्र के कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों को यह सुविधा निःशुल्क उपलब्ध कराने जा रहा है। (मानवेन्द्र नाथ पंकज-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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