उपचुनाव में दिखी कांग्रेस की कलह

उपचुनाव में दिखी कांग्रेस की कलह

चंडीगढ़। हरियाणा में बरोदा विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। यह सीट कांग्रेस की है। कांग्रेस नेता श्रीकृष्ण हुड्डा यहां से विशायक हुआ करते थे। उनके निधन के चलते यहां उपचुनाव हो रहा है। श्रीकृष्ण के बेटे जीतेन्द्र हुड्डा और उनकी पत्नी गायत्री हुड्डा को टिकट दिया जाता तो सहानुभूति के वोट भी मिल सकते थे लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा और वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा की कलह सामने आ गयी। इसके चलते कुमारी सैलजा ने इंदुराज को प्रत्याशी बनवा दिया और भूपेन्द्र हुड्डा का दांव खाली चला गया। यह कलह चुनाव को निश्चित रूप से प्रभावित करेगी। बरोदा सीट पर भाजपा ने योगेश्वर दत्त पर ही फिर दांव लगाया जो श्रीकृष्ण हुड्डा से पराजित हो गये थे। यहां से इण्डियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने जोगेन्द्र मलिक को मैदान में उतारा और पार्टी के सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला चुनाव प्रचार में उतर चुके हैं।

हरियाणा की बरोदा विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। कांग्रेस ने नामांकन पत्र दाखिल करने के अंतिम दिन की सुबह अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया। बताया जा रहा है कि हुड्डा की तमाम कोशिशों के बावजूद उनके पसंदीदा माने जा रहे कपूर नरवाल को कांग्रेस का टिकट नहीं मिला। कांग्रेस ने इंदुराज नरवाल को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। कांग्रेस टिकट के चयन के लिए पार्टी में बीती रात करीब दो बजे तक सियासी ड्रामा चलता रहा। इसमें पूर्व सीएम भूपेंद्र सिह हुड्डा पर हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा भारी पड़ीं। पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा चाहते थे कि इस सीट पर कपूर नरवाल को टिकट दे दिया जाए। कपूर नरवाल ने 2009 व 2014 का चुनाव इनेलो के टिकट पर लड़ा और 2019 में वह जजपा में थे। इस समय कपूर नरवाल भाजपा में हैं और टिकट के लिए उनके कांग्रेस में शामिल होने की बात कही जा रही थी।

बरोदा हल्के की सीट कांग्रेस विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन के कारण खाली हुई थी। इस सीट पर श्रीकृष्ण हुड्डा के बेटे जीतेंद्र हुड्डा और उनकी पत्नी गायत्री हुड्डा को भी टिकट देने में सैलजा को कोई गुरेज नहीं था मगर भूपेंद्र हुड्डा कपूर नरवाल को वायदा कर चुके थे। यही कारण था कि हुड्डा ने कपूर नरवाल को दिल्ली बुलाया था। कपूर नरवाल को कांग्रेस में शामिल करने की योजना थी। मगर कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल और कुमारी सैलजा ने हुड्डा द्वारा कपूर को कांग्रेस में शामिल कराने की योजना को फ्लॉप कर दिया।

उधर, भारतीय जनता पार्टी ने भी हरियाणा की बरोदा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने यहां से पहलवान योगेश्वर दत्त को मैदान में उतारा है। 2019 के विधानसभा चुनाव में बतौर भाजपा उम्मीदवार योगेश्वर दत्त को बरोदा में 37726 वोट मिले थे और उन्हें कांग्रेस के दिग्गज नेता श्रीकृष्ण हुड्डा से हार मिली थी। जाट बहुल सीट पर योगेश्वर एक बार फिर मैदान में हैं और इस बार भाजपा व जननायक जनता पार्टी के समर्थक उन्हें जीत दिला सकते हैं। इससे पहले हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि हरियाणा के बहुत से खिलाड़ियों ने मुझसे मुलाकात की। इन्होंने एक मांग रखी है कि इन्हीं में से एक योगेश्वर दत्त को बरोदा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशी बनाया जाए। इनकी बात को हम केंद्रीय चुनाव समिति को पहुंचाएंगे जबकि सीएम के बयान के कुछ घंटे बाद ही योगेश्वर दत्त की उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया गया है।

पहलवान योगेश्वर दत्त इससे पहले बरोदा सीट से ही विधानसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के धुरंधर नेता कृष्ण हुड्डा से हार मिली थी। बरोदा क्षेत्र कांग्रेस के दिग्गज नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ माना जाता है। 2019 के विधानसभा चुनाव में बतौर भाजपा उम्मीदवार योगेश्वर दत्त को 37726 वोट मिले थे और वो दूसरे स्थान पर रहे थे। यही नहीं, पहली बार भाजपा को बरोदा विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी को इतने अधिक वोट मिले थे। इससे पहले 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी बलजीत मलिक लगभग दस हजार वोटों पर ही सिमट गए थे। जाट बहुल सीट पर योगेश्वर यह सीट भाजपा की झोली में भी डाल सकते हैं। जबकि उन्हें बरोदा में भाजपा के अलावा जजपा का भी समर्थन मिलेगा, जोकि सरकार में शामिल दूसरी पार्टी है। योगेश्वर दत्त की बरोदा में कांग्रेस और इनलो से टक्कर होगी।

बरोदा में नामांकन की आखिरी तारीख 16 अक्टूबर थी और 17 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच हुई। प्रत्याशी 19 अक्टूबर तक नाम वापस ले सकेंगे। बरोदा में 3 नवंबर को चुनाव होगा। नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। जबकि चुनाव के लिए विधानसभा में 280 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं।

इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) सुप्रीमो ओम प्रकाश चैटाला ने चंडीगढ़ में अपने आवास पर प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा सरकार की वजह से देश की हालत बहुत खराब हैं। उन्होंने कहा कि हमारा कृषि प्रधान देश है और देश की अर्थवयवस्था कृषि पर आधारित है। किसान खुशहाल है तो देश खुशहाल है, किसान कंगाल है तो देश का बुरा हाल है। इनेलो की तरफ से जोगेन्द्र मलिक को उम्मीदवार बनाया गया है।

ओम प्रकाश चौटाला कहते हैं कि आज देश और प्रदेश में भाजपा की सरकार है जिसमें हर वर्ग चाहे किसान है या कमेरा, व्यापारी है या कर्मचारी, कारखानेदार है या मजदूर, सभी परेशान हैं। आज हालात ये हैं कि प्रदेश की सरकार को हर महीने सरकारी कर्मचारियों को तनख्वाह देने के लिए कर्ज लेना पड़ता है। इनेलो सुप्रीमो ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए काले कानूनों के खिलाफ हमारी पार्टी ने पूरे प्रदेश में धरने और प्रदर्शन किए हैं। अगले महीने 20 नवंबर को कुरूक्षेत्र में 'किसान बचाओ रैली' के नाम से विशाल रैली करने जा रहे हैं, उस रैली से प्रमाणित हो जाएगा कि लोग मौजूदा शासन से और बनाए गए कानूनों से कितना परेशान हैं।

रैली में किसान संगठनों को न्योता देने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रैली में जो भी किसान संगठन पक्ष मेें होगा हम उनकी मिन्नत खुशामद कर के भी लाएंगे। उन्होंने कहा कि वो स्वयं भी 23 अक्तूबर से एक हफ्ते का बरोदा हलके का दौरा करेंगे। इस दौरान वो हलके के सभी 54 गाँवों में जाएंगे और एक-एक मतदाता से खुला संपर्क करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने अतीत में बहुत अच्छे निर्णय लिए हैं और भविष्य में भी ज्यादा अच्छे काम लोगों के लिए करेंगे। इनेलो नेता ने कहा कि प्रदेश की सरकार से जनता ही नहीं बल्कि मंत्री भी नाखुश हैं। एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक बार वो एक बीमार मंत्री से मिलने गए तो उसने बताया की डीएसपी और एसएचओ के तबादले भी मुख्यमंत्री करता है, उसके पास तो इतनी पॉवर भी नहीं है। यहां मंत्री की मुख्यमंत्री नहीं मानता और मुख्यमंत्री की कोई नहीं मानता। इस प्रकार बरौदा उपचुनाव के लिए तीनों प्रमुख दल अपनी पूरी ताकत तो लगाए हैं लेकिन कांग्रेस की अंतर्कलह ने अभी से सवाल खड़ा कर दिया है। (अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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