एसडीएम कुमार धर्मेन्द्र ने पहली ही पोस्टिंग में काम से बनाई खास पहचान

एसडीएम कुमार धर्मेन्द्र ने पहली ही पोस्टिंग में काम से बनाई खास पहचान

मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी राजीव शर्मा के कार्यकाल में मुजफ्फरनगर को हासिल हुई उपलब्धियों में उनकी पूरी टीम का योगदान रहा। अपने कलक्टर के मार्ग निर्देशन में जिले के तमाम अफसरों ने बेहतर काम करके दिखाया। इन्हीं में उप जिलाधिकारी सदर कुमार धर्मेन्द्र का नाम भी शामिल हैं। अपनी कार्यप्रणाली के लिए ये युवा पीसीएस लोगों में खास स्थान बना सके।

साल 2015 बैच के पीसीएस अधिकारी कुमार धर्मेन्द्र की एसडीएम के पद पर मुजफ्फरनगर में पहली तैनाती है। अगस्त 2016 में शासन ने उनको ट्रेनी एसडीएम के रूप में कानपुर देहात में तैनात किया था। इसके बाद अक्टूबर 2017 में उनको कानपुर देहात से नगर निगम मुरादाबाद में भेज दिया गया। वहां वो तीन माह तक कार्यरत रहे। नगर निगम मुरादाबाद से शासन ने दिसम्बर 2017 में कुमार धर्मेन्द्र को मुजफ्फरनगर में तैनात किया, यहां वर्तमान में वो सदर तहसील में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं। यहां अपने आठ माह के कार्यकाल में ही उन्होंने जनहित में शासन की योजनाओं को क्रियान्वित करने के साथ ही राजस्व मामलों के निपटारे और राजस्व वसूली पर उत्कृष्ट कार्य किया। तहसील में क्षेत्रीय समस्याओं के लिए प्रतिदिन आने और जाने की समस्या को देखते हुए उनके द्वारा 'प्रशासन आपके द्वार' अभियान चलाया। इसके तहत प्रत्येक सोमवार को क्षेत्रीय कानूनगो और लेखपाल को अपने अपने क्षेत्र में दिनभर उपस्थित रहने के निर्देश दिये गये। उनके क्षेत्रीय कार्यालय बनाये गये। इस व्यवस्था से छोटे छोटे मसलों पर तहसील तक आने के अनावश्यक सिरदर्द से लोगों को निजात मिली। एसडीएम के रूप में उन्होंने जिलाधिकारी राजीव शर्मा का अभिन्न अंग बनकर काम किया। इस साल बाढ़ का प्रभाव जिले में कम रहने के लिए वो डीएम राजीव शर्मा की दूरदर्शिता को श्रेय देते हैं। उन्होंने सदर क्षेत्र में सोलानी नदी की 4.5 किलोमीटर तक खुदाई कराने के लिए जनसहयोग जुटाने का काम किया। इसका नतीजा ये रहा कि बारिश के मौसम और उत्तराखंड से पानी छोड़े जाने के बाद भी खादर क्षेत्र में बाढ़ विकराल रूप नहीं ले पायी। इसके अलावा एनएच-58 के निर्माण में बाधा बनी संधावली और छपार की मस्जिदों को हटवाने में आपसी सहमति बनाने के लिए अथक प्रयास किये। एसडीएम कुमार धर्मेन्द्र ने क्षेत्र के किसानों को कृषि उत्पादन मण्डी समिति से भी मुआवजा दिलाने की परम्परा शुरू की। उनके प्रयास से ही किसानों को मण्डी से भी आर्थिक मदद की व्यवस्था लागू होने की जानकारी मिली, वे लाभ उठा सके।

पीसीएस कुमार धर्मेन्द्र ने अपनी पहली पोस्टिंग कानपुर देहात में ट्रेनी एसडीएम के पद रहते हुए वल्र्ड रिकाॅर्ड बनाने का काम किया। फरवरी 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव में मतदाता जागरुकता कार्यक्रम के लिए निर्वाचन आयोग के मार्ग निर्देशन में 'मेरे पांच दिन' संदेश के साथ उनके द्वारा कानपुर देहात में 3.5 किलोमीटर लम्बा बैनर बनाया गया, इस पर 3793 लोगों ने अभियान का हिस्सा बनकर हस्ताक्षर किये। ये कार्य विश्व में छा गया। इसको गिनीज बुक आॅफ वल्र्ड रिकाॅर्ड में नामित किया गया और मुम्बई कार्यालय से कानपुर देहात प्रशासन को प्रशस्ति पत्र भेजा गया। इससे पूर्व ये रिकाॅर्ड आबू धाबी (यूएई) के नाम था, नवम्बर 2014 में वहां 2139 विद्यार्थियों ने इस तरह का बैनर बनाकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया था। कुमार धर्मेन्द्र कहते हैं, ''ये काम काफी चुनौतीपूर्ण रहा और परिणाम सुखद रहने की खुशी आज भी है।

आईएएस बनना था सपना, अब छोटे भाई को करा रहे तैयारी

पीसीएस अधिकारी कुमार धर्मेन्द्र का जन्म यूपी के हाथरस जनपद के मुरसान क्षेत्र के गांव नगला भाऊ निवासी किसान विजय सिंह के परिवार में हुआ। वो चार भाई हैं। परिवार में सबसे बड़ा होने के कारण पारिवारिक जिम्मेदारियां भी उनके सिर पर रहीं। उनके पिता ने हमेशा ही उनको सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए प्रेरणा दी, प्रोत्साहित किया। पिता चाहते थे कि उनका ये बेटा आईएएस बने। इसी बीच 2015 में कुमार धर्मेन्द्र का चयन पीसीएस में हो गया। उन्होंने इस परीक्षा में 21वां स्थान हासिल किया। गांव में खुशी मनाई गयी। परिवार का दायित्व होने के कारण उन्होंने पीसीएस ज्वाइन किया और आईएएस बनने का सपना काम और परिवार की जिम्मेदारियांे में अधूरा रह गया। उनके छोटे भाई प्रवीण कुमार यूपी पुलिस में उप निरीक्षक हैं और मेरठ में तैनात हैं। जबकि दूसरे छोटे भाई राकेश कुमार का चयन जल निगम में हुआ, वो जूनियर इंजीनियर के पद पर आगरा जनपद में तैनात हैं। सबसे छोटे भाई तेजवीर सिंह ने आईआईटी रुड़की से हाल ही में बीटेक पूरा किया है। वो कहते हैं, ''तेजवीर को आईएएस की तैयारी करा रहे हैं, वो और उनके पिता तेजवीर में ही अपना सपना जी रहे हैं। कुमार धर्मेन्द्र इंजीनियर भी हैं। उन्होंने हाईस्कूल की परीक्षा राजेन्द्र लोहिया विद्या मन्दिर, इंटरमीडिएट सेंट फ्रांसिस से पूरा किया और बीटेक की डिग्री जीएलए यूनिवर्सिटी मथुरा से हासिल की।

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