सड़कों और पुलों का जाल बिछाकर प्रदेश का हो रहा सर्वागीण विकास

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लखनऊ। सड़के चतुर्दिक विकास की रीढ़ होती हैं। यह कहा जाता है कि किसी क्षेत्र का विकास करना है तो उस क्षेत्र की सड़क बनवा दी जाये, विकास के रास्ते स्वतः खुल जायेंगे। प्रदेश सरकार औद्योगिक, आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए प्रत्येक गांव तथा आबादी को मुख्य मार्ग से जोड़ने का कार्य तेजी से कर रही है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मार्गों, राज्यमार्ग तथा जिला मार्गों का चैड़ीकरण तथा उनका उचित गुणवत्ता से सुधार करते हुए आवागमन को सरल बना रही है। लोक निर्माण विभाग द्वारा ग्रामीण अंचलों में सम्पर्क मार्गों का निर्माण तथा सुधार शहरी/ग्रामीण अंचलों में पुलों का निर्माण तथा मुख्य मार्गों पर संकरे तथा जर्जर पुलों के पुनर्निर्माण के कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराया जा रहा हैं। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत ग्रामीण अंचलों में सम्पर्क मार्गों का निर्माण तथा पूर्व निर्मित ग्रामीण एवं अन्य जिला मार्गों के सुदृढ़ीकरण के कार्य वृहद पैमाने पर कराये जा रहे हैं। इन कार्यों के नियोजन, सम्पादन, गुणवत्ता नियन्त्रण आदि के संबंध में बाधाओं को दूर करते हुए निर्माण कार्यों का प्रभावी पर्यवेक्षण भी किया जा रहा है।

'सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास' प्रदेश सरकार की मूल अवधारणा के साथ गरीबों किसानों सहित प्रदेश वासियों के आर्थिक शैक्षिक व सामाजिक उत्थान हेतु अनेकानेक ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया/कराया जा रहा है। 2001 की जनगणना के अनुसार 250 से अधिक आबादी के अनजुड़े समस्त 1,557 राजस्व ग्रामों/बसावटों को सम्पर्क मार्ग से जोड़ने हेतु 1,762 किमी0 लम्बाई के लिए 1,114 रुपये करोड़ की स्वीकृतियाँ निर्गत कर कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। 7 मी0 या उससे अधिक चैड़ी सड़कों के दोनों ओर 5 किमी0 की परिधि के 250 से अधिक आबादी की समस्त बसावटों को सम्पर्क मार्ग से जोड़ा जा रहा है। 2,185 बसावटों हेतु 1,351 करोड़ रुपये की स्वीकृतियाँ वर्ष 2018-19 में निर्गत कर कार्य प्रारम्भ किया गया है। शेष बसावटों को इस वित्तीय वर्ष में मुख्य मार्ग से जोड़ने की कार्यवाही की जा रही है।

प्रदेश सरकार ने 250 से अधिक आबादी के अवशेष कुल 1,891 राजस्व ग्रामों को सम्पर्क मार्ग से जोड़ने की कार्ययोजना तैयार कर ली है। जिन्हें सम्पर्क मार्ग से जोड़ने हेतु 1,889 किमी0 लम्बाई में निर्माण कार्य किया जाना है, इस कार्य हेतु 1315 करोड़ की लागत आंकलित है। 263 राजस्व ग्रामों हेतु 172 करोड़ की स्वीकृतियां वित्तीय वर्ष 2018-19 में निर्गत कर कार्य प्रारम्भ किया गया है। शेष राजस्व ग्रामों पर कार्य इस वित्तीय वर्ष में किया जाना प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजना के अन्तर्गत प्रथम चरण में चयनित 783 राजस्व ग्रामों एवं द्वितीय चरण में चयनित 355 राजस्व ग्रामों में 32 असंतृप्त राजस्व ग्रामों तथा 500 से अधिक आबादी के 156 असंतृप्त मजरों की लागत 117 करोड़ रुपये की स्वीकृतियाँ निर्गत कर कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। उक्त के अतिरिक्त विगत 2 वर्षों में अन्य योजनाओं यथा-अनजुड़ी बसावट, जिला योजना, राज्य सड़क निधि, नाबार्ड, नक्सल, पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड योजनाओं की स्वीकृतियों को जोड़ते हुए लगभग 7105 ग्रामीण मार्गों हेतु 9791 किमी0 लम्बाई एवं लागत 6169 करोड़ रुपये की स्वीकृतियाँ निर्गत करते हुए निर्माण कार्य कराया गया है।

वर्तमान सरकार के अब तक के कार्यकाल में कुल लगभग 5,623 किमी0 लम्बाई में ग्रामीण मार्गों का निर्माण किया जा चुका है जिसमें से 2,890 किमी0 लम्बाई का कार्य वित्तीय वर्ष 2018-19 में पूर्ण किया गया है।

प्रतिभा, शिक्षा एवं विकास का समावेश करते हुए प्रदेश में पहली बार छात्रों को सम्मानित एवं प्रोत्साहित करने हेतु हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट के मेधावी छात्रों के निवास स्थल हेतु मार्ग का निर्माण/मरम्मत कर '' डा0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम गौरव पथ'' के रूप में विकसित किए जाने की अभिनव योजना लागू की गयी है। वर्ष 2017 के 24 मेधावी छात्रों के निवास स्थलों तक मार्ग निर्माण/मरम्मत का कार्य 7 करोड़ रुपये की धनराशि से पूर्ण किया जा चुका है। वर्ष 2018 में 89 मेधावी छात्रों के निवास स्थलों के मार्ग निर्माण एवं मरम्मत कार्य हेतु 23.17 करोड़ रुपये व्यय कर सभी निर्माण कार्य पूर्ण कराए जा चुके हैं।

उ0प्र0 में कुल 316 तहसील मुख्यालय हैं, जिनमें से 26 तहसील मुख्यालय दो लेन मार्ग से जुड़े नहीं थे। इन 26 तहसील मुख्यालयों को 2 लेन मार्ग से जोड़ने हेतु 389.36 करोड़ रुपये की लागत से 269.66 किमी0 मार्ग निर्माण हेतु स्वीकृतियाँ निर्गत करते हुए सड़के बनाई जा रही हैं। प्रदेश में कुल 817 विकास खण्ड हैं। वर्तमान में 152 विकास खण्ड 2 लेन मार्ग से जुड़ हुए नहीं है, जिन्हें 2 लेन मार्ग से जोड़ने के लिए 1216.40 किमी0 लम्बाई में चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु कुल 2158.95 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। 81 विकास खण्ड मुख्यालयों को 2 लेन मार्ग से जोड़ने के लिए 1170 करोड़ रुपये की लागत 669.38 किमी0 लम्बाई हेतु स्वीकृतियां निर्गत की जा चुकी हैं। वर्तमान सरकार के अब तक के कार्यकाल में कुल लगभग 7,360 किमी0 लम्बाई में मार्गों के चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य किया गया है जिसमें से 3353 किमी0 लम्बाई का कार्य वित्तीय वर्ष 2018-19 में पूर्ण किया गया है।

वर्तमान में प्रदेश के 964 मार्गों का 04 लेन, चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण एवं बाईपास निर्माण हेतु लगभग 13,855 किमी0 लम्बाई व 34791 करोड़ रूपये की लागत के कार्य प्रगति पर हैं।

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