पीलीभीत के जिला पूर्ति अधिकारी तथा पूर्ति निरीक्षक के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य खाद्य आयोग ने जयराम भोजवाल, उचित दर विक्रेता, बीसलपुर, पीलीभीत द्वारा निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य लेने, निर्धारित मानक से कम खाद्यान्न देने, कार्डधारकों को आवश्यक वस्तुयें न देकर, उसका फर्जी अंकन राशन कार्ड पर कर दिये जाने, अकारण उचित दर दुकान बन्द रखने, जांच अधिकारी के समक्ष स्टाॅक रजिस्टर तथा ई-पाॅस मशीन प्रस्तुत न किये जाने, राशन कार्डधारकों से अच्छा व्यवहार न करने व उन्हे आवश्यक वस्तुओं के लिये अनावश्यक रूप से परेशान करने, मिट्टी तेल व खाद्यान्न का निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य लेने, अधिकांश कार्डधारकों में 05 कि0ग्रा0 व कुछ राशन कार्डधारकों को 10 कि0ग्रा0 प्रति कार्ड राशन कम देने के आरोप विक्रेता पर सिद्ध पाये जाने पर दुकान के विरूद्ध नियंत्रण आदेशों में प्राविधानित उपयुक्त कठोर कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये हैं। यह जानकारी उत्तर प्रदेश राज्य खाद्य आयोग के सदस्य डा0 डी0सी0 मिश्रा ने दी।

उत्तर प्रदेश राज्य खाद्य आयोग द्वारा जिला पूर्ति अधिकारी व जिला शिकायत निवारण अधिकारी पीलीभीत को निर्देशित किया है कि आरोपों एवं अनुबन्ध की शर्तो, उत्तर प्रदेश आवश्यक वस्तु (विक्रय एवं वितरण नियंत्रण का विनियमन) आदेश, 2016 एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 का उल्लंघन किए जाने के आरोप में नियमानुसार दुकान के विरूद्ध नियंत्रण आदेशों मंे प्राविधानित उपयुक्त कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाये, जिसमें निरस्तीकरण और वैधानिक कार्यवाही का उल्लेख है। इसके अतिरिक्त कृत कार्यवाही से 26 जून 2019 को आयोग के समक्ष अद्यतन स्थिति, विक्रेता के 06 माहों के बिक्री अभिलेख एवं विक्रेता की व्यक्तिगत पत्रावली सहित उपस्थित के आदेश दिये हैं।

डा0 मिश्रा ने बताया कि जिला पूर्ति अधिकारी पीलीभीत द्वारा दुकान निलम्बित की गयी, जबकि इतने गम्भीर आरोप में तत्काल ही विक्रेता के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जानी चाहिए थी, जो जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा नहीं की गयी। इतना समय व्यतीत हो जाने पर भी दुकान के निरस्तीकरण की कार्यवाही भी नहीं की गयी। यह स्थिति जिला पूर्ति अधिकारी पीलीभीत के कदाचरण एवं भ्रष्टाचार को इंगित करता है। इसके अतिरिक्त पूर्व में वीर सिंह पूर्ति निरीक्षक पदगत दायित्वों के निर्वहन न करने के पूर्ण रूप से दोषी है, इनके द्वारा कोटेदार के साथ हमसाज होकर भ्रष्टाचार, व्यावर्तन एवं कालाबाजारी को बढ़ावा दिया गया। श्री वीर सिंह पूर्ति निरीक्षक के विरूद्ध कदाचरण, दायित्वों का निर्वहन न करने, व्यावर्तन को बढ़ावा देने व शासनादेशों व राज्यपोषित गरीबो के खाद्यान्न की चोरबाजारी के आरापों में, नियमानुसार कठोर विभागीय कार्यवाही किये जाने के निर्देश भी दिये गये हैं।

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