चीनी कंपनी का सिग्नलिंग ठेका, भारतीय रेलवे ने किया रद्द

चीनी कंपनी का सिग्नलिंग ठेका, भारतीय रेलवे ने किया रद्द

नई दिल्ली भारतीय रेलवे ने 'बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिज़ाइन इंस्टिट्यूट ऑफ़ सिग्नल एंड कम्यूनिकेशन ग्रुप कॉर्पोरेशन लिमिटेड' नाम की चाइनीज़ कम्पनी को गुणवत्ता और वक़्त पर काम पूरा न करने, सूचनाएं छिपाने की वजह से अपने सिग्नलिंग के काम से बाहर कर दिया है।

क्या है मुख्य विवाद ?

इस कम्पनी के काम करने के तरीक़े और सूचनाओं को साझा न करने के कारण रेलवे इससे संतुष्ट नहीं है। जब भारतीय रेलवे ने इस कम्पनी से सुरक्षा कारणों से इंटरलिंकिंग के लिए सिग्नलिंग से जुड़े सॉफ़्टवेयर का सिग्नल कोड मांगा तो चाइनीज़ कम्पनी ने देने से इंकार कर दिया। चाइनीज़ कम्पनी इसके अलावा 4 साल में सिर्फ़ 20 फीसदी काम ही कर पाई है जो कि बहुत ख़राब परफ़ॉर्मेंस के अंतर्गत आता है।

वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में ही ये कॉन्ट्रैक्ट चाइनीज़ कम्पनी को दिया गया है। यह मामला वर्ल्ड बैंक से जुड़ा है। दरअसल इस प्रोजेक्ट की फ़ंडिंग वर्ल्ड बैंक ने की है। इसलिए अब रेलवे वर्ल्ड बैंक को एक पत्र लिख कर कम्पनी के नॉन परफ़ॉरमेंस और ख़राब गुणवत्ता के कारण इसका कांट्रैक्ट रद्द करने की मांग करेगी।

रेलवे इस कम्पनी का कॉन्ट्रैक्ट ख़ुद ही रद्द कर देगी अगर वर्ल्ड बैंक इस चाइनीज़ कम्पनी का ठेका रद्द नहीं करता है। किसी भी हाल में चीनी कंपनी से कांट्रैक्ट को बहाल नहीं किया जाएगा यह रेलवे का कहना है। ऐसे में समस्या सिर्फ़ फ़ंडिंग की आएगी। रेलवे ने तय किया है कि ऐसे हालात में रेलवे ख़ुद इस प्रॉजेक्ट की फ़ंडिंग करेगी और किसी भारतीय कम्पनी को वरीयता में रखेगी। डीएफ़सीसीआईएल ने ये ठेका रद्द करने का फ़ैसला लिया है।

यह ठेका रद्द करने की असली वजह यह भी है कि चाइनीज़ कम्पनी के सम्बंधित अधिकारी महत्वपूर्ण सूचनाएं साझा न करने के अलावा साईट पर मौजूद नहीं रहते, लोकल सम्बंधित संस्थाओं से कम्पनी ने कोई सम्पर्क नहीं किया, फ़िज़िकल वर्क जिससे सम्भव नहीं हो सका। ज़रूरी सामानों को भी इकट्ठा नहीं किया गया। हर स्तर के कम्पनी के अधिकारियों के साथ लगातार मीटिंग करने के बाद भी कार्य में कोई प्रगति नहीं हो सकी।

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