आजादी की डायमंड जुबली पर नया संसद भवन

आजादी की डायमंड जुबली पर नया संसद भवन

नई दिल्ली। नये संसद भवन में देश के हर कोने की तस्वीर दिखाने की कोशिश की जाएगीं एक विशेष बात यह है कि नया संसद भवन सेन्ट्रल विक्टा के तहत बनाया जा रहा है। इसमें संसद भवन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति भवन और आसपास के इलाकों का भी नवीनीकरण कराया जाएगा। नए भवन में लोकसभा और राज्यसभा कक्षों के अलावा एक भव्य संविधान कक्ष होगा जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत दर्शाने के लिए संविधान की मूल प्रति रखी होगी।

डायमंड जुबली अर्थात 75 वर्ष की अवधि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। हमारी आजादी को भी 2022 में 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे। इस वर्ष के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्सवों और जलसों का वृहद कार्यक्रम बना रखा है। कृषि प्रधान देश के किसानों से वादा किया गया है कि उस समय तक उनकी आमदनी दो गुनी हो जाएगी। इसी तरह देश को एक और उपलब्धि मिलने वाली है। डायमंड जुबली मनाते समय देश को नया संसद भवन मिलेगा। इस भवन का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 दिसम्बर को किया है। लोकतंत्र का मंदिर माने जाने वाले संसद भवन की तस्वीर और अधिक बड़ी आकर्षक व आधुनिकतम सुविधाओं से लैसे होने वाली है। संसद की परम्पराएं और गरिमा के अनुरूप ही इसका नया भवन भी बनाया जा रहा है।

गत वर्ष अगस्त में मौजूदा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की ओर से प्रस्ताव रखा गया था कि देश का नया संसद भवन बनाया जाना चाहिए। इस प्रस्ताव को सभी सांसदों ने स्वीकृति प्रदान कर दी। सांसद हमारे देश की 130 करोड़ जनता के प्रति निधि है। इस प्रकार जनतंत्र की स्वीकृति मिल गयी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 दिसम्बर 2020 को नये संसद भवन की नींव रखी और इसका निर्माण 2022 तक करने की योजना बनायी गयी है। नया संसद भवन 64500 वर्ग मीटर में बनाया जाएगा। यह एक चार मंजिली इमारत होगी और इसका खर्च 971 करोड़ रुपये आएगा। पुराने संसद भवन की अपेक्षा नयी बिल्डिंग में

आधुनिक तकनीक के साथ जरूरतों का भी ध्यान रखा जाएगा। सभी सांसदों के लिए नये संसद भवन में आफिस बनाया जाएगा, जिसे 2024 तक तैयार किया जाएगा। नई बिल्डिंग का डिजाइन एचसीपी डिजाइन मैनेजमेंट ने किया है जो अहमदाबाद में है। इसका निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स द्वारा किया जाएगा। संसद भवन की नयी बिल्डिंग में आडियो विजुअल सिस्टम, डाटा नेटवर्क सुविधा का भी ध्यान रखा जाएगा। नयी बिल्डिंग में कुल 1224 सांसदों के बैठने की सुविधा होगी। इनमें 888 सांसद लोकसभा चैम्बर में बैठ सकेंगे, जबकि राज्यसभा चैम्बर में 384 सांसदों के बैठने की सुविधा होगी। भविष्य में अगर सांसदों की संख्या बढ़ती है तो इसकी समस्या नहीं होगी। नये संसद भवन में देश के हर कोने की तस्वीर दिखाने की कोशिश की जाएगीं एक विशेष बात यह है कि नया संसद भवन सेन्ट्रल विक्टा के तहत बनाया जा रहा है। इसमें संसद भवन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति भवन और आसपास के इलाकों का भी नवीनीकरण कराया जाएगा। नए भवन में लोकसभा और राज्यसभा कक्षों के अलावा एक भव्य संविधान कक्ष होगा जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत दर्शाने के लिए संविधान की मूल प्रति रखी होगी। मौजूदा संसद भवन के पास ही नये संसद भवन का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान संसद भवन को भी एक स्मारक के रूप में रखा जाएगा। इस संसद भवन को अंगे्रजों ने बनवाया था। सन् 1921 की 12 फरवरी को इसकी नींव रखी गयी थी और 1927 में यह भवन बनकर तैयार हुआ था। सर एडवर्ड लुटियंस और सर हार्बर्ट बेकर की अगुवाई में संसद भवन की बिल्डिंग तैयार हुई थी। इस भवन को भी दुनिया के सबसे बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर के रूप में देखा जा रहा है। उस समय इस भवन को बनाने में 83 लाख रूपये का खर्च आया था जो बहुत बड़ी रकम थी।

नये संसद भवन की नींव रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि देश में लोकतंत्र क्यों सफल है. दुनिया में 13वीं शताब्दी में मैग्नाकार्टा से पहले ही 12वीं शताब्दी में भगवान बसवेश्वर ने लोकसंसद की शुरुआत कर दी थी. पीएम ने बताया कि दसवीं शताब्दी में तमिलनाडु के एक गांव में पंचायत व्यवस्था का वर्णन है। उस गांव में आज भी वैसे ही महासभा लगती है, जो एक हजार साल से जारी है। पीएम ने बताया कि तब भी नियम था कि अगर कोई प्रतिनिधि अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देगा तो वो और उसके रिश्तेदार चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है और मील का पत्थर साबित होगा। देश में अब भारतीयता के विचारों के साथ नई संसद बनने जा रही है, हम देशवासी मिलकर संसद के नए भवन को बनाएंगे। जब भारत अपनी आजादी के 75वें साल का जश्न मनाएगा, तब संसद की इमारत उसकी प्रेरणा होगी. पीएम मोदी ने कहा कि मैं वो पल कभी नहीं भूल सकता, जब पहली बार 2014 में पहली बार मैं संसद भवन में आया था तब मैंने सिर झुकाकर नमन किया था। मौजूदा संसद भवन ने आजादी का आंदोलन, स्वतंत्र भारत, आजाद सरकार की पहली सरकार, पहली संसद, संविधान रचा गया। मैं अपने जीवन में वो क्षण कभी नहीं भूल सकता जब 2014 में एक सांसद के तौर पर मुझे संसद भवन में आने का अवसर मिला था। तब लोकतंत्र के इस मंदिर में कदम रखने से पहले, मैंने सिर झुकाकर, माथा टेककर, लोकतंत्र के इस मंदिर को नमन किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की आधारशिला रखी। इस दौरान सर्वधर्म प्रार्थना भी की गई, इसमें हिन्दू, सिख, ईसाई, मुस्लिम, बौद्ध, जैन एवं अन्य धर्मों के धर्मगुरु मौजूद रहे जिन्होंने प्रार्थना की। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी भी अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के इतिहास में अहम है। हिंदुस्तान में गणतंत्र और लोकतंत्र लंबे वक्त से स्थापित है मंत्री ने जानकारी दी कि पहले मौजूदा संसद भवन में ही

सुधार को लेकर सोचा गया, लेकिन भविष्य में अगर सांसदों की संख्या बढ़ती है तो उसमें उसकी जरूरतें पूरी नहीं हो सकेंगी. यही कारण है कि नए भवन का प्रस्ताव सामने आया। (हिफी)

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