IIT संस्थान दे रहे देश को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान

IIT संस्थान दे रहे देश को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान

नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा है कि आईआईटी संस्थानों की सफलता के पीछे कईं कारण हैं उनमें से सबसे अधिक महत्वपूर्ण उसका अनुकूल एवं संतुलित शैक्षिक वातावरण है और इन संस्थानों की यही प्रणाली भारत को ज्ञान शक्ति के रूप में उभारने में मदद करेगी।

डॉ. निशंक ने गुरुवार को एक ऑनलाइन कार्यक्रम के माध्यम से आईआईटी रोपड़ के नए परिसर का उद्घाटन करते हुए कहा कि देश भर के आईआईटी संस्थान अपने प्रयासों द्वारा देश को सुदृढ़ बनाने में यथोचित योगदान दे रहे हैं। सभी आईआईटी संस्थानों की सफलता के पीछे कईं कारण हैं उनमें से सबसे अधिक महत्वपूर्ण कारण है उसका अनुकूल एवं संतुलित शैक्षिक वातावरण और इन संस्थानों की यही प्रणाली भारत को ज्ञान शक्ति के रूप में उभारने में मदद करेगी। उन्होनें कहा कि आईआईटी संस्थानों को और अधिक सशक्त करने हेतु स्वायत्तता से कार्य करना होगा।

उन्होनें कहा, "यह संस्थान हमेशा से इस बात के लिए प्रयासरत रहा है कि यहाँ विश्व स्तरीय संकाय की नियुक्ति की जाए, अनुसंधान आधारित सहभागिता निर्माण किया जाए तथा अनुसंधान एवं विकास हेतु परिसर में समग्र वातावरण निर्मित कर वर्तमान पीढ़ी के आकांक्षाओं को समझा जाए। कोरोना संकट काल में डीआईवाई मास्क के निर्माण से लेकर यूवीजीई प्रौद्योगिकी आधारित यूव्हीसेफ जो दुबई आईपीएल में खिलाडियों के कक्ष कोें विसंक्रमित करने के लिए इस्तेमाल होता है, बनाया गया जिनसे कोरोना से जंग में इस संस्थान ने अपना योगदान दिया है। संकट के दिनों में अपना महत्वपूर्ण योगदान देकर और उसे समाज के प्रति समर्पित कर "ज्ञान के प्रति योगदान, समाज के प्रति योगदान, राष्ट्र के प्रति योगदान" आईआईटी रोपड़ ने शिक्षा मंत्रालय के लक्ष्य का पूर्ण रुप से अनुसरण किया है।"

डॉ. निशंक ने कहा कि अगर हमें ज्ञान की सर्वोच्च शक्ति बनना है तो विशेषतः वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकीय ज्ञान की आकृष्टता के साथ देश के प्रत्येक क्षेत्र को व्याप्त होना होगा। भारतवर्ष को ज्ञान समाज के रुप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया में हम आईआईटी संस्थानों को भागीदार के साथ सहयोग की अपेक्षा करते हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे, आईआईटी रोपड़ के निदेशक प्रो सरित कुमार दास, सभी डीन, सभी विभागों के प्रमुख, मुख्य वार्डन, रजिस्ट्रार एवं शिक्षक भी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े थे।

वार्ता

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