सरकार व्यापार के लिए भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध : पीयूष गोयल
जागरूकता बढ़ाने के लिए डीजीटीआर का हेल्पडेस्क सुविधा केन्द्र के रूप में कार्य करेगा
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने व्यापार नीति दस्तावेजों पर उद्योग जगत के साथ विचार-विमर्श किया
नई दिल्ली । केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में एक बैठक में लगभग 100 घरेलू उद्योगों, विनिर्माताओं, विभिन्न क्षेत्रों के परिसंघों के प्रतिनिधियों और उपयोगकर्ताओं के साथ प्रभावी व्यापार नीति के लिए नियामक दस्तावेजों पर विचार-विमर्श किया। विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बैठक में भाग लिया। बैठक में केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और सोमप्रकाश भी उपस्थित थे।
पीयूष गोयल ने कहा कि उद्योग को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए भारत न्याय संगत तरीके से टैरिफ और गैर-टैरिफ उपाय करेगा। गोयल ने कहा कि उद्योग और डीपीआईआईटी विभाग घरेलू उद्योग और उपभोक्ताओं के हितों को संतुलित रखेगा।
डीजीटीआर कार्यालय को अधिक सक्षम बनाया जा रहा है। भ्रष्टाचार के मामलों के बारे में गोयल ने कहा कि निर्यातकों को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सचिव के पास शिकायत भेजनी चाहिए। सरकार अपने सभी मंत्रालयों तथा विभागों में भ्रष्टाचार मुक्त माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
Held extensive discussions with Industry Associations on effective Trade Policy, deliberating on various trade remedial measures and ways to boost domestic industry & promote exports. pic.twitter.com/In41BXcZ1k
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) September 11, 2019
अपर सचिव तथा व्यापार समाधान के महानिदेशक ने कहा कि व्यापार समाधान निदेशालय (डीजीटीआर) का हेल्पडेस्क को सशक्त बनाया गया है, जो एमएसएमई, घरेलू उत्पादकों तथा उद्योग जगत को सहायता प्रदान करेगा।
इसका हेल्पलाइन नंबर 1800 111 808 और ईमेल : helpdesk.dgtr@gov.in है।
बैठक का उद्देश्य सभी हितधारकों को नियामक दस्तावेजों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है और एक ऐसा मंच उपलब्ध कराना है, जहां घरेलू उद्योग जगत की समस्याओं का उचित समाधान निकाला जा सके। बैठक में टैरिफ और गैर-टैरिफ उपायों एवं उद्योग समाधान उपायों जैसे उद्योग नीति दस्तावेजों के बेहतर उपयोग पर चर्चा की गई। बैठक में अन्य देशों द्वारा लागू की गई नीतियों पर भी चर्चा हुई। इस संदर्भ में यह पाया गया कि विकसित देश टैरिफ उपायों की तुलना में गैर-टैरिफ उपायों का अधिक उपयोग करते है।
2017-18 की तुलना में 2018-19 के दौरान निर्यात से अधिक आयात हुआ है। स्पष्ट है कि निर्यात को तेज गति से बढ़ाने की जरूरत है।
बैठक में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, कोयला, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, कृषि सहयोग और किसान कल्याण मंत्रालय तथा खान, कपड़ा, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, नागरिक उड्डयन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, इस्पात, शिपिंग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, दूरसंचार, उर्वरक, भारी उद्योग, उद्योग व आंतरिक व्यापार संवर्धन, रसायन और पेट्रो रसायन, औषधि, पशुपालन एवं डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
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